इमाम जाफर सादिक़ अलैहिस्सलाम
May ०२, २०१६ १५:०९ Asia/Kolkata
हमारे दोस्तों में से उसका कोई मूल्य नहीं है जो धर्म के बारे में सोच -विचार नहीं करता।
हमारे दोस्तों में से उसका कोई मूल्य नहीं है जो धर्म के बारे में सोच -विचार नहीं करता।
अगर हमारा कोई अनुयाई अपने धर्म में सोच- विचार न करे और धार्मिक आदेशों से अवगत न हो तो वह हमारे विरोधियों का मोहताज होगा
और जब वह उनका मोहताज होगा तो वे उसे गुमराही की ओर ले जायेंगे जबकि उसे पता भी नहीं चलेगा
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