प्रतिरोधक अर्थ व्यवस्था से ईरान को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा
ईरान की इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनई ने कहा है कि राष्ट्रीय हित में और जनता की समस्याओं के समाधान के लिए की जाने वाली हर लाभदायक व आवश्यक कार्यवाही का वे समर्थन करेगें।
वरिष्ठ नेता ने यह बात बुधवार को इस्लामी व्यवस्था के कुछ अधिकारियों से मुलाक़ात में कही। उन्होंने इस मुलाक़ात में प्रतिरोधक अर्थव्यवस्था को लागू करने के लिए देश के अधिकारियों विशेषकर सरकार के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने इस नीति को लागू करने के लिए समरस्ता व सहृदयता और देश के अधिकारियों के मध्य एकता को बहुत महत्वपूर्ण बताया।
उन्होंने इस बात पर बल दिया कि प्रतिरोधक अर्थव्यवस्था में कार्यवाही और पालन इस प्रकार होना चाहिए कि वर्ष के अंत में विभिन्न क्षेत्रों में सूक्ष्म और सही रिपोर्ट पेश करने की संभावना पैदा हो। वरिष्ठ नेता ने कहा कि कार्यकारी संस्थाएं, प्रतिरोधक अर्थव्यवस्था की नीति को व्यवहारिक करने की क्षमता रखती हैं। इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा कि प्रतिरोधक अर्थव्यवस्था की नीतियों को लागू करने में भीतरी और आंतरिक क्षमताओं पर भरोसा करना चाहिए और कृषि तथा उद्योग दोनों ही क्षेत्रों में उत्पादन पर विशेष रूप से ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।
ईरान को इस्लामी क्रांति की सफलता के आरंभ से विभिन्न प्रकार की आर्थिक समस्याओं का सामना रहा है। इन समस्याओं के महत्वपूर्ण भाग का कारण अमेरिका और पश्चिमी सरकारों की नीतियां रही हैं जो ईरान की अर्थ व्यवस्था को सदैव आघात पहुंचाने की चेष्टा में रही हैं। शत्रु यह सोच रहे थे कि ईरान की अर्थ व्यवस्था को आघात पहुंचा कर इस्लामी क्रांति को कमज़ोर कर सकते हैं परंतु ईरान की अर्थ व्यवस्था कभी भी पश्चिमी सरकारों के संबंधों पर निर्भर नहीं रही है। परमाणु समझौता लागू हो जाने के बावजूद अमेरिका ईरान के लिए बाधायें उत्पन्न कर रहा है।
बहरहारल पश्चिम विशेषकर अमेरिकी सरकार के क्रिया- कलापों के दृष्टिगत ईरान ने प्रतिरोधक अर्थ व्यवस्था को व्यवहारिक बनाने का फैसला कर लिया है जिससे ईरान की अर्थ व्यवस्था को न केवल अमेरिकी बल्कि पूरी दुनिया के प्रतिबंधों से नुकसान नहीं पहुंचेगा।