Aug २४, २०१६ १४:०० Asia/Kolkata

इस्लामी क्रांति के महान मार्दगर्शक और ईरान की इस्लामी लोकतांत्रिक व्यवस्था के संस्थापक स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी का मक़बरा, तेहरान के दक्षिण में स्थित है जो अन्तर्राष्ट्रीय इमाम ख़ुमैनी हवाई अड्डे से 25 किलोमीटर पहले स्थित है। 

जिस स्थान पर स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी का मक़बरा है वह स्थान, पूरब, पश्चिम और उत्तर व दक्षिण का संपर्क मार्ग होने के कारण भौगोलिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है।  इमाम ख़ुमैनी का मक़बरा बड़े भूभाग में स्थित है जिसमें मक़बरे के अतिरिक्त कई काम्प्लेक्स हैं।  स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी का मक़बरा और उसके निकटवर्ती काम्प्लेक्स, भविष्य में शहरे आफ़ताब नामक अति विशाल काम्प्लेक्स का भाग होंगे।  “शहरे आफ़ताब” नामक अति विशाल काम्प्लेक्स 10200 हेक्टर पर आधारित ऐसा क्षेत्र होगा जिसमें विश्वविद्यालय, शोधकेन्द्र, सांस्कृतिक केन्द्र और पर्यटन एवं व्यापारिक गतिविधियों के बड़े बड़े केन्द्र होंगे।

इमाम ख़ुमैनी का मक़बरा जिस स्थान पर बना हुआ है वह कुल 600 हज़ार मीटर का भूभाग है जिसमें मक़बरे की मुख्य इमारत के अतिरिक्त बहुत बड़ी पार्किंग, और खुला हुआ मैदान है।  उनके मक़बरे के बाहर पैदल चलने वालों के लिए एसे मार्ग बनाए गए हैं जिनके दोनों ओर हरे भरे पेड़ लगे हैं।  इसके अतरिक्ति वहां पर जगह जगह पर फव्वारे भी लगाए गए हैं जिससे वहां का दृष्य बहुत ही मनमोहक हो गया है।  इमाम खुमैनी के मक़बरे में जिस वास्तुकला का प्रयोग किया गया है उसको देखकर वहां पर आने वाला हर व्यक्ति अचंभित रह जाता है।

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स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी के मक़बरे की मूलभूत संरचना 16000 वर्गमीटर की है।  मक़बरे के भीतरी भाग को 9 समान भागों में बांटा गया है जिसके केन्द्रीय भाग में क़ब्र और गुंबद है।  स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी की क़ब्र के निकट ही उनके सुपुत्र हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन स्वर्गीय हाज अहमद आग़ा की क़ब्र है।  इमाम ख़ुमैनी के मक़बरे के बाहरी भाग में उनकी धर्मपत्नी ख़दीजा सक़फी की क़ब्र है।  इसके अतिरिक्त इमाम ख़ुमैनी के वफादार साथियों आयतुल्लाह सुल्तानी तबातबाई और आयतुल्लाह शेख मुहम्मद रज़ा तवस्सोली की क़ब्रे भी वहीं पर मौजूद हैं।

इमाम ख़ुमैनी की क़ब्र पर जो ज़री रखी हुई थी वह अल्मूनियम की थी लेकिन वर्तमान समय में जो ज़री रखी हुई है वह ठीक वैसी ही है जैसी ईरान में पवित्र स्थलों में रखी जाती है।  उल्लेखनीय है कि 16000 वर्गमीटर में बनी इमारत की छत, चार स्तंभों पर टिकी हुई है।  वास्तुकला की दृष्टि से यह बहुत ही महत्वपूर्ण बात है।  इमाम ख़ुमैनी के मज़ार को इतने अच्छे ढंग से बनाया गया है कि देखने वाला उसे देखता ही रह जाता है।

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वैसे तो स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी के मक़बरे के दर्शन के लिए लोग प्रतिदिन आते हैं किंतु कुछ विशेष अवसरों पर यहां पर लोगों का तांता लगा रहता है। यहां पर आने वालों की सुविधा के उद्देश्य से मुख्य मक़बरे के इर्दगिर्द 4 बड़े हाल बनाए गए हैं।  इन हालों के अलग अलग नाम हैं जिनपर फ़ीरोज़े के रंग के गुंबद बने हुए हैं।  इन गुंबदों को ईरानी वासतुकारों ने बनाया है जिसमें इस्लामी वास्तुकला को विशेष रूस से दृष्टिग रखा गया है।

मक़बरे का मुख्य गुंबद, ज़री के ठीक ऊपर स्थित है।  यह गुंबद, जो इमाम ख़ुमैनी के मक़बरे की स्पष्टतम निशानी है, चारों स्तंभों के ऊपर टिका हुआ है।  इसके अतिरिक्त चार अन्य गुंबद भी हैं।  इस प्रका वहां पर 5 गुंबद हैं जो “पंजतन” की याद दिलाते हैं।  उल्लेखनीय है कि इमाम ख़ुमैनी के मक़बरे का मुख्य गुंबद धातु से बनाया गया है जिसके ऊपर सोने का पानी लगाया गया है।  यह गुंबद बहुत दूर से चमकता हुआ दिखाई देता है।  विशेषकर रात में उस समय जब अंधेरा होता है, इमाम ख़ुमैनी के मकब़रे का गुंबद बहुत ही सुन्दर दिखाई देता है।

स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी के मक़बरे के निर्माण में जो वास्तुकला शैली अपनाई गई है वह पारंपरिक और आधुनिक वास्तुकला का मिश्रण है।  इसका पूरा ढांचा सीमेंट से बना हुआ है।  जैसाकि आप जानते हैं कि ईरान, के मरूस्थलीय क्षेत्र एसे हैं जहां पर भूकंप आने की संभावना बहुत अधिक रहती है।  तेहरान का वह भाग जहां पर स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी का मक़बरा बना हुआ है वह क्षेत्र भी भूकंप वाले क्षेत्रों में से है।  यही कारण है कि उनके मक़बरे को इस प्रकार की वास्तुकला से बनाया गया है जिसके भीतर 10 डिग्री के भूकंप को सहन करने की क्षमता मौजूद है।  इसके निर्माण में बहुत मज़बूत मसाले का प्रयोग किया गया है जिसके कारण उसमें भूकंप के मुक़ाबले में प्रतिरोध की क्षमता पाई जाती है।

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इमाम ख़ुमैनी के मक़बरे के निर्माण में पत्थरों का अधिक प्रयोग दिखाई देता है।  इसमें सफेद, हल्के गुलाबी, लाल, हल्के पीले, काले, हरे और मटमैले रंग के पत्थरों का प्रयोग किया गया है।  ईरानी वास्तुकारों ने इमाम ख़ुमैनी का मक़बरा बनाने में वास्तव में अपनी विशेष दक्षता का प्रदर्शन किया है।  मक़बरे के भीतर बहुत ही सुन्दर ढंग से पवित्र क़ुरआन की आयतें लिखी हुई हैं।  मक़बरे के हाल की दीवारों पर ईश्वर के पवित्र नाम और पैग़म्बरे इस्लाम के नाम भी बहुत ही सुन्दर ढंग से अंकित किये गए हैं।

यहां पर यह बताना आवश्यक है कि स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी के मक़बरे के दर्शन करने वालों की सुविधा के उद्देश्य से कुछ चीज़ों को उपलब्ध कराया गया है जैसे आधुनिक ट्वाएलेट, पार्किंग, खाने का हाल, स्वास्थ्य केन्द्र और नहाने धोने के लिए अलग इमारत का निर्माण।  यह सब चीज़ें 150000 वर्गमीटर में स्थित है जिससे पता चलता है कि दर्शन के लिए आने वालों का कितना ध्यान रखा गया है।  इसके अतिरिक्त मक़बरे के पश्चिमोत्तर और पूर्वोत्तरी क्षेत्र में ठहरने के लिए इस प्रकार की इमारत बनाई गई हैं जिसमें व्यक्तिगत, पारिवारिक या संगठन के रूप में लोग आकर ठहर सकते हैं।  यहां पर पुस्तकाल थियेटर और स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी एवं क्रांति से संबन्धित कुछ वस्तुओ का संग्रहालय भी मौजूद है।  यहां पर व्यापारिक केन्द्र भी बनाया गया है ताकि आने वालों को किसी भी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।

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हम आशा करते हैं कि आप भी एक दिन स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी के मक़बरे पर उपस्थित होकर इसे निकट से देखें क्योंकि बहुत सी बातें एसी होती हैं जिन्हें आप चाहे जिस शैली में भी पेश करें किंतु जबतक उसे निकट से न देखा जाए उसकी वास्तविकता को समझना कुछ कठिन होता है।

 

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