तेहरान-6
शहरी समाज में अतीत से लेकर आज तक बाज़ारों के विभिन्न महत्व रहे हैं।
शहरी समाज में अतीत से लेकर आज तक बाज़ारों के विभिन्न महत्व रहे हैं। बाज़ार की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका आर्थिक है। उसे लेन-देन का केन्द्र समझा जाता है। इसी तरह बाज़ार विभिन्न वस्तुओं के आयात- निर्यात में संतुलन और चीज़ों के मूल्य निर्धारण में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। इसी तरह बाज़ार वह स्थान है जहां देश के नये- नये उत्पादों को पेश किया जाता है और इन उत्पादों को विभिन्न देशों में निर्यात किया जाता है। बाज़ार में क्रय-विक्रय की प्रक्रिया का सरकार की आर्थिक नीति पर प्रभाव पड़ता है और वह सरकार की आर्थिक नीति से प्रभावित भी होती है। इसी तरह बाज़ार वह जगह है जहां आर्थिक मंदी या उछाल का पता चलता है।
अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में और विश्व स्तर पर ईरानी क़ालीनों की प्रसिद्धि और महत्व के दृष्टिगत तेहरान के बाज़ार का एक महत्वपूर्ण एवं आकर्षक भाग कालीनों का बाज़ार है। जब हम तेहरान के बाज़ार में क़दम रखते हैं तो बाज़ार के मुख्य द्वार में प्रवेश करने के बाद जूतों का बाज़ार पार करते हुए क़ालीन के बाज़ार या अब्बासाबाद पहुंचते हैं। अलबत्ता हालिया कुछ दशकों में तेहरान का क़ालीन का बाज़ार बहुत विस्तृत हो गया है और अब वह केवल अब्बासाबाद तक सीमित नहीं है। शायद कहा जा सकता है कि तेहरान में क़ालीन के बाज़ार में जो आकर्षक व लुभावनी शांति दिखाई पड़ती है उसे तेहरान के किसी अन्य बाज़ार में नहीं देखा जा सकता। तेहरान के मुख्य क़ालीन बाज़ार की सड़कों के दोनों किनारे छोटे- बड़े विभिन्न सराय मौजूद हैं। इन सरायों की ढ़की हुई छतों के नीचे और कमरों के सामने हाथ से बुने हुए विभिन्न सुन्दर व मूल ईरानी क़ालीनों को फैला कर रखा गया है। हाथ से बुने हुए क़ालीन एक दूसरे के ऊपर तह करके रखे हुए हैं, उनकी ख़रीदारी में रूचि रखने वाले ग्राहक बाज़ार में क़ालीनों को पलट रहे होते हैं।
कुछ कमरों को हाथ से बुने कालीनों के केवल पोस्टरों से सुसज्जित किया गया है जबकि कुछ अन्य में ईरान के विभिन्न क्षेत्रों के बंजारों के हाथों के बुने सुन्दर क़ालीनों को देखा जा सकता है।
कुछ दूसरे सराय हाथ से बुने क़ालीनों से भरे हुए हैं और वहां पर रफू करने वाले उनकी मरम्मत और रफू करने के कार्य में व्यस्त हैं। निःसंदेह फ्रांसीसी पर्यटक Ernest orsolle भी ईरान के सुन्दर क़ालीनों का प्रेमी हो गया था। उसने अपने यात्रावृतांत में उसकी ओर इस प्रकार संकेत किया है। दुनिया का सबसे रोचक और देखने योग्य बाजार तेहरान में क़ालीन का बाजार था जिसमें विभिन्न डिज़ाइन और हर स्तर के खरीदने वालों की क्षमता के अनुसार क़ालीन मौजूद थे।“
तेहरान में क़ालीन का बाज़ार पार करने के बाद बज़ाज़ अर्थात कपड़ा बाज़ार में पहुंचते हैं। यह अतीत से लेकर आज तक तेहरान में कपड़े का महत्वपूर्ण बाज़ार है। ख़रीदने वाले हज़ारों पुरूषों और महिलाओं की भीड़ में दुकानदार दुकानों के भीतर और बाहर विभिन्न प्रकार के कपड़ों को टांगे रहते हैं। कुछ कमरे केवल कोट- पैंट से विशेष हैं परंतु अधिकांश कमरों में नाना प्रकार के कपड़े और चादर व कवर मिलते हैं। लोगों की उसी भीड़ में हाथ गाड़ी वाले खरीदे गये सामानों को स्थानांतरित करते- रहते हैं। कपड़े के इस बाज़ार को पार करने के बाद इसकी एक मुख्य सड़क पर चलते हुए इमाम ज़ादा ज़ैद पहुंचते हैं। यह वह जगह है जहां पैग़म्बरे इस्लाम के पौत्र इमाम ज़ैनुल आबेदीन अलैहिस्सलाम के बेटे सैयद ज़ैद की क़ब्र है। इमाम ज़ादा ज़ैद की क़ब्र पर जो इमारत बनी है उसमें प्रांगड़, बरामदा और आइनाकारी किये हुए हाल और टाइलों से सुसज्जित गुंबद आदि है। इमामज़ादा सैयद ज़ैद बिन अली की अस्ली इमारत का संबंध दसवीं हिजरी शताब्दी का आरंभ और सफवी काल से है परंतु प्रांगड़, गुंबद और इमारत के दूसरे भागों का निर्माण 13वीं हिजरी शताब्दी में किया गया है। इस इमामज़ादे का जो हाल और बरामदा है उसमें एक क़ब्र है जिसके ऊपर संगे मरमर का पत्थर लगा हुआ है। उस पत्थर को उकेर कर ईरान में ज़न्दिया शासन श्रृंखला के अंतिम शासक लुत्फ अली ख़ान जन्द का नाम लिखा हुआ है। इस इमारत के निटक आइनाकारी किया हुआ एक कमरा भी मौजूद है जिसमें कुछ प्रसिद्ध लोगों की क़ब्रें हैं। निकट अतीत में इस इमामज़ादे की इमारात में प्रांगड़, उसके चारों ओर कमरे और बहुत अधिक वृक्ष थे। 30 हज़ार वर्गमीटर से अधिक का क्षेत्रफल इसके लिए विशेष किया गया था परंतु वर्तमान समय में उसके प्रांगड में एक मदरसे का निर्माण कर दिया गया है।
तेहरान के बाज़ार में सोने- चांदी और रत्न आदि का बाज़ार भी विशेष महत्व रखता है। अलबत्ता इस बाजार में भी फ्रांसीसी पर्यटक Ernest orsolle के काल की अपेक्षा कृति बहुत परिवर्तन हो गया है। Ernest orsolle अपने यात्रावृतांत में इस बाज़ार के बारे में इस प्रकार लिखता है सोने के बाज़ार में ग्राहकों के सामने बहुत अधिक चीज़ें नहीं रखी होती थीं परंतु सामान्य ख़रीदारों की नज़रों से दूर इन दुकानों के अंधेरे में खज़ाने की सुरक्षा की जाती थी।“
आज अत्यधिक प्रकाश में दुकानों के शोकेस में सोने और विभिन्न प्रकार के रत्न रखे होते हैं और ग्राहक खरीदने में व्यस्त होते हैं। बाज़ार के इस भाग के चारों ओर विभिन्न बैंक मौजूद हैं जो बाज़ार के इस भाग के आर्थिक महत्व के सूचक हैं। इसी प्रकार इस बाज़ार के एक भाग में नये जोड़े अपने परिवार के सदस्यों के साथ मंगनी की अंगूठी ख़रीदने में व्यस्त होते हैं।
अब जब कि आप तेहरान के बाज़ार की विशेषताओं से अवगत हो गये हैं तो इस बात का उल्लेख आवश्यक है कि बाज़ार लोगों के सामाजिक जीवन में आर्थिक भूमिका निभाने के अतिरिक्त सांस्कृतिक, राजनीतिक और धार्मिक भूमिका भी निभाते हैं। बाज़ार की मस्जिदों में महत्वपूर्ण धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन, शोक मनाने या राजनीतिक आपत्ति जताने के रूप में बाज़ार के बंद होने का लंबा इतिहास रहा है।
ईरान के समकालीन इतिहास की समीक्षा विभिन्न कालों में बाज़ार की सक्रिय भूमिका की सूचक है। ऐतिहासिक दस्तावेज़ों के अनुसार तंबाकू आंदोलन, संविधान क्रांति और ईरान की इस्लामी क्रांति जैसे आंदोलनों के दौरान बाज़ार ने भी देशी तानाशाही और विदेशी साम्राज्य से मुकाबले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 15 खुर्दाद आंदोलन और इस्लामी क्रांति के आरंभिक के वर्षों में बाज़ार वालों ने भी ईरान के दूसरे लोगों के साथ शाह की तानाशाही सरकार के विरुद्ध संघर्षों में भाग लिया। ईरान में इस्लामी क्रांति की सफलता के बाद बाज़ार वालों ने विभिन्न रूपों में क्रांति के प्रति अपने समर्थन की घोषणा की। ईरान-इराक युद्ध के दौरान बाज़ार वालों ने वित्तीय और ग़ैर वित्तीय सहायता की और युद्ध के मोर्चे पर लड़ने के लिए उन्होंने अपने जवानों को भेजा।
राजनीतिक मामलों से हटकर गत 50 वर्षों के दौरान तेहरान के बाज़ार में जो चीज़ सेवा संगठनों के ध्यान का केन्द्र रही है वह तेहरान के बाज़ार का पुराना व जटिल ढांचा है। जहां तेहरान के बाज़ार में बहुत परिवर्तन हुआ है वहीं उसके कुछ भागों में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है और वे अब भी वैसे ही मौजूद हैं। इस चीज़ से जहां पानी, जलनिकासी, बिजली, गैस और टेलीफोनी आदि को पहुंचाना जटिल व कठिन हो गया है वहीं भूकंप आने या आग लगने जैसी घटना के समय उनके पुराने भागों तक पहुंच न होने के कारण बहुत ख़तरनाक हैं। यहां इस बात का उल्लेख आवश्यक है कि ईरान के सांस्कृति धरोहर संगठन और तेहरान नगर पालिका ने इस नगर के ऐतिहासक ढांचे की सुरक्षा, उसे सुन्दर व मज़बूत बनाने और प्राकृतिक घटनाओं के पेश आने के समय बाज़ार के सुरक्षा मानदंड में वृद्धि के लिए कुछ कार्य अंजाम दिये हैं जैसे बरामदों का मज़बूती से पुनर्निर्माण कर दिया जाना। इसी तरह गुम्बद का निर्माण और उसके क्षतिग्रस्त भाग का पुनरनिर्माण कर दिया गया है। इसी तरह उन भागों में छतों का निर्माण किया गया है जहां छतें नहीं थीं या ख़राब हो गयी थीं। अलबत्ता तेहरान में जो तेज़ी से विकास व विस्तार हुआ है उससे तेहरान की पारम्परिक वास्तुकला में भी परिवर्तन हो गया है।
इस प्रकार से कि तेहरान के बाज़ार के बहुत अधिक भाग का नवनिर्माण या पुनरनिर्माण कर दिया गया है और उनके बहुत से भागों के मध्य जो तालमेल मौजूद था वह समाप्त हो गया है। हालिया वर्षों में तेहरान के बाज़ार में बहुत सी बस्तुओं की वृद्धि कर दी गयी है। वहां बहुत ग्राहक जाते हैं क्योंकि आवश्कता की बहुत सी वस्तुएं एक ही स्थान पर मिल जाती हैं। साथ ही वहां मिलने वाली और बाज़ार में मिलने वाली वस्तुओं की क़ीमतों में कोई विशेष अंतर नहीं होता है। रज़ा और मरियम खरीदारी के नये केन्द्र हैं जो तेहरान के बाज़ार में मर्वी गली में स्थित हैं।