सोमवार- 5 अक्तूबर
1793, फ्रांसीसी क्रांति के दौरान फ्रांस में ईसाई धर्म विस्थापित हुआ।
5 अक्तूबर सन 1713 ईसवी को फ़्रांस के लेखक व दार्शनिक डेनिस डाइड्रो का जन्म हुआ। उनके निरीक्षण में इन्साइक्लोपीडिया लिखी गयी। इसे लिखने में 21 वर्ष लगे। डाइड्रो ने कई उपन्यास भी लिख हैं।
5 अक्तूबर सन 1794 ईसवी को गनफ़्रेड आग़ोस्ट बरगर नामक जर्मन लेखक व कवि का निधन हुआ। उनका जन्म 1747 ईसवी में हुआ। उन्होंने अपनी निराशा और विफलताओं को शेर के रुप में इस प्रकार पेश किया कि वह जर्मन साहित्य का भाग बन गया। उनकी प्रसिद्ध पुस्तक का हिन्दी रूपान्तर रूहिंसक शिकारी और साहसी पुरुष है।
5 अक्तूबर सन 1864 ईसवी को फ़्रांस के रसायनशास्त्री लुईस लोमीर का जन्म हुआ। उन्होंने अपने भाई आगोस्ट के साथ मिलकर एक मशीन बनायी जिससे पर्दे पर फ़िल्म दिखाई जा सके। उन्होंने इसी वर्ष पहली बार पर्दे पर फ़िल्म का प्रदर्शन किया। वर्ष 1948 में उनका निधन हुआ।

5 अक्तूबर सन 1915 ईसवी को पूर्वोत्तरी यूनान की महत्वपूर्ण बंदरगाह सालूनीक, प्रथम विश्व युद्ध की एक सैनिक कार्रवाई में संयुक्त सेना के नियंत्रण में चली गयी। रुस फ़्रांस और ब्रिटेन ने इस बंदरगाह पर नियंत्रण बाक़ी रखने के लिए बहुत प्रयास किये किंतु इन देशों की आधी सेना मौत के घाट उतार दी गयी और अंतत: इस बंदरगाह पर संयुक्त सेना का क़ज़ा हो गया।
5 अक्तूबर सन 2000 ईसवी को यूगोस्लाविया के तानाशाह और बालकान में रक्तरंजित युद्धों के दोषी ओस्लोबोदान मिलोशोविच को आंतरिक विरोध और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंध के बाद सत्ता से हटना पड़ा। वे 1990 से 1997 ईसवी तक सर्बिया के राष्ट्रपति रहे फिर वे यूगोस्लाविया के राष्ट्रपति बन गये। बोस्निया हिर्ज़ेगोविना युद्ध के दौरान उन्होंने सर्बों को व्यापक सहायता देकर मुसलमानों का निर्मम जनसंहार करवाया। मिलोशोविच ने सत्ता में बने रहने के लिए बहुत से हथकंडे प्रयोग किये। इसी संदर्भ में उन्होंने देश का संविधान बदलने और राष्ट्रपति का सीधा चुनाव करवाने का हथकंडा भी अपनाया जो विफल रहा। चुनावों में पराजय के बाद भी वे सत्ता से हटना नहीं चाहते थे किंतु जनता के व्यापक विरोध के बाद उन्हें पद छोड़ना पड़ा। इसके बाद मिलोशोविच ने पुलिस की सहायता लेकर स्वयं को अंतर्राष्ट्रीय न्यायिक कार्रवाई से बचाना चाहा। उन्होंने यह प्रयास किया कि उन पर युद्ध अपराधी के रुप में मुक़द्दमा न चले। किंतु 9 महीनों के बाद यूगोस्लाविया के अधिकारियों ने देश पर लगे प्रतिबंध को हटाने और विदेशी सहायता प्राप्त करने के लिए मिलोशोविच को हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय युद्ध अपराध न्यायालय के हवाले कर दिया।

5 अक्तूबर वर्ष 2011 को अमरीका की प्रसिद्ध कंपनी ऐपल के पूर्व मुख्य कार्यकारी और सह-संस्थापक स्टीव जाब्स का 56 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनका जन्म कैलिफ़ोर्निया के सैन फ़्रांसिस्को में 24 फ़रवरी वर्ष 1955 को हुआ था। वे एक अमरीकी बिजनेस टाईकून और आविष्कारक थे। वे एप्पल इन्कार्पोरेशन के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी थे। अगस्त 2011 में उन्होने इस पद से त्यागपत्र दे दिया। जाब्स, पिक्सर एनीमेशन स्टूडियोज़ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भी रहे। सन 2006 में वह दी वाल्ट डिज़्नी कम्पनी के निदेशक मंडल के सदस्य भी रहे, जिसके बाद डिज़्नी ने पिक्सर का अधिग्रहण कर लिया था। कंप्यूटर, लैपटाप और मोबाईल फ़ोन बनाने वाली कंपनी ऐप्पल के भूतपूर्व सीईओ और जाने-माने अमेरिकी उद्योगपति स्टीव जॉब्स ने संघर्ष करके जीवन में यह स्थान प्राप्त किया है। पढ़ाई के दौरान उनके पास अधिक पैसे नहीं थे और वे अपनी इस आर्थिक परेशानी को दूर करने के लिए गर्मियों की छुट्टियों में काम किया करते थे। यह भी कहा जाता है कि सॉफ्ट ड्रिंक्स की बोतलें बेचकर पैसे एकत्रित करते थे और साथ ही एक कल्याणकारी संस्था में सप्ताह में एक बार मिलने वाला मुफ़्त भोजन भी करते थे।

5 अक्तूबर वर्ष 2011 को भारतीय सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय किया कि सरकार या उसके विभागों द्वारा किसी विशेष उद्देश्य से अधिग्रहित की गई जमीन का उपयोग नहीं बदला जा सकता है। न ही इस जमीन को निजी प्रयोग के लिए किसी व्यक्ति को या व्यवसायिक कंपनियों को दिया जा सकता है।
5 अक्तूबर वर्ष 2011 को भारत में दुनिया का सबसे सस्ता टैबलेट पीसी आकाश जारी किया गया जिसका मूल्य 2250 रुपये निर्धारित किया गया। इसकी डिज़ाइनिंग भारत में की गयी है और सस्ते डिवाइस के रूप में इसकी डिज़ाइनिंग की गयी है। यह उपकरण सूचना व संचार तकनीकी द्वारा शिक्षा के राष्ट्रीय मिशन के अंतर्गत विकसित किया गया है जिसका उद्देश्य उपमहाद्वीप के 25000 कॉलेज तथा 400 विश्वविद्यालयों को एक मौजूदा साक्षात पोर्टल द्वारा एक ई-लर्निंग प्रोग्राम से जोड़ना है। आकाश टैबलेट को 1500 रुपये के मूल्य के लक्ष्य के साथ लांच किया गया। इससे पूर्व 2009 में भी 10 डालर में इस तरह का एक उपकरण बनाने की बात हुयी थी जो अन्ततः एक पैन ड्राइव जैसे स्टोरेज डिवाइस के रूप में सामने आया।
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17 सफ़र वर्ष 896 हिजरी क़मरी को मुसलमानों के प्रसिद्ध धर्मशास्त्री और पवित्र क़ुरआन के व्याख्या कर्ता मुहम्मद मुस्तफ़ा एमादी का इस्तांबोल के निकट एक गांव में जन्म हुआ। वे अबू सऊद के नाम से प्रसिद्ध थे। उन्होंने अपनी शिक्षा समाप्त करने के बाद पढ़ाना आरंभ किया और पढ़ाने के साथ साथ इस्तांबोल नगर के न्यायाधीश का दायित्व भी संभाल रहे थे। वे अपने पूरे जीवन इसी पद पर रहे। अबू सऊद ने समाजिक मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने इस्लामी शिक्षाओं के आधार पर उस्मानी शासन के क़ानून बनाने और न्यायिक क़ानूनों में सुधार का प्रयास किया। वे तुर्की और फ़ारसी भाषा में निपुण थे और दोनों ही भाषाओं में शेर कहते थे। उन्होंने विभिन्न पुस्तके लिखी है जिसमें इरशादुल उक़ूलुस्सलीम, दुआ नामा, क़ानून नामा और मफ़रूज़ात का नाम लिया जा सकता है।

17 सफ़र वर्ष 1255 हिजरी क़मरी को पवित्र क़ुरआन के प्रसिद्ध क़ारी अब्दुर्रहीम सुलतानुल क़ुर्रा तबरीज़ी का ईरान के पश्चिमोत्तरी नगर तबरीज़ में जन्म हुआ। उन्होंने पवित्र क़ुरआन की तिलावत की कला अपने पिता से सीखी और बाद में शैख़ शामिल दाग़िस्तानी से परिचित हुए। जब शैख़ शामिल ने रूस के विरुद्ध आंदोलन करने के लिए सेना तैयार की तो वे भी शैख़ शामिल के साथ इस आंदोलन में शामिल हो गये और दाग़िस्तान चले गये। कुछ समय बाद वे स्वदेश लौटे और क़ुरआन की तिलावत सीखने वालों के लिए विशेष धार्मिक शिक्षा केन्द्र की स्थापना की। उसके बाद उन्हें सुलतानुल क़ुर्रा अर्थात क़ारियों के महाराज की उपाधि मिली। उनका निधन वर्ष 1336 हिजरी क़मरी को तबरेज़ में हुआ।
