Oct १८, २०१६ १२:१८ Asia/Kolkata
  • बुधवार - 21 अक्तूबर

21 अकतूबर सन 1945 ईसवी को फ़्रांस में महिलाओं को पहली बार वोट डालने का अधिकार दिया गया।

21 अक्तूबर सन 1790 ईसवी को फ़्रांसीसी कवि अलफोंस डी ला मार्टिन का जन्म हुआ। वे बहुत ही सूक्ष्म दृष्टि और कोमल भाव के स्वामी थे। शायरी की कोमलता की दृष्टि से वे फ़्रांस के सबसे बड़े कवि थे। उन्होंने पूर्वी देशों की यात्रा की। कुछ समय वे लेबनान की राजधानी बैरुत में भी रहे। उन्होंने इस यात्रा के अनुभवों पर आधारित एक पुस्तक लिखी जिसका नाम भी पूर्व की यात्रा है।

 

21 अक्तूबर सन 1805 ईसवी को दक्षिण पश्चिमी स्पेन में जिबराल्टर जल डमरु मध्य के निकट द्रफ़ाल्गर नामक युद्ध हुआ। इस युद्ध में ब्रिटेन की युद्धक नौकाओं ने स्पेन और फ़्रांस की संयुक्त सेना की नौकाओं के विरुद्ध मोर्चा संभाला। इस युद्ध में फ़्रांस और स्पेन की बहुत सी नौकाएं डूब गईं और फ़्रांस की नौसेना को भारी क्षति उठानी पड़ी। इस युद्ध में ब्रिटेन को विजय मिली। इस प्रकार नेपोलियन बोनापार्ट को पहली बड़ी पराजय का सामना करना पड़ा।

 

21 अक्तूबर सन 1833 ईसवी को स्वीडन के रसायनशास्त्री और डाइनामाइट के आविष्कारक अलफ़्रेड नोबल का जन्म हुआ। उन्हें रसायन शास्त्र से गहरी रुचि थी इसी लिए उन्होंने इस विषय में व्यापक अध्ययन और अनुसंधान किए और डाइनामाइट का आविष्कार किया। नोबल की अपेक्षा के विपरीत सरकारों और सेनाओं ने डाइनामाइट को युद्धों में प्रयोग करना आरंभ कर दिया जिससे व्यापक स्तर पर लोगों का जनसंहार होने लगा। नोबल को डाइनामाइट के इस दुरुपयोग की अपेक्षा नहीं थी अत: उन्होंने जो एक धनवान व्यक्ति थे अपनी सारी सम्पत्ति एक पुरस्कार से विशेष कर दी। उनका लक्ष्य यह था कि यह पुरस्कार हर वर्ष ऐसे लोगों को दिया जाए जिन्होंने साहित्य, विज्ञान अथवा विश्व शांति के लिए सराहनीय प्रयास किए हों। किंतु इस पुरस्कार का भी नोबेल की इच्छा के विपरीत इस समय राजनीतिकरण हो गया है और इसे भी पश्चिम की नीतियों के प्रचार के लिए प्रयोग किया जाने लगा है।

 

21 अक्तूबर सन 1986 ईसवी को फ़िलिस्तीन की नौसेना के एक कमांडर, मुन्ज़िर अबू ग़ज़ाला को ज़ायोनी शासन की गुप्तचर संस्था मोसाद ने शहीद कर दिया। मोसाद के जासूसों ने यूनान की राजधानी एथेंन्ज़ में उनकी गाड़ी में बम लगा कर धमाका किया जिससे अबू ग़ज़ाला शहीद हो गए। उन्हें अमरीका समर्थित इस्राईल के सरकारी आतंकवाद की बलि माना जाता है।

 

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30 मेहर वर्ष 1331 हिजरी शम्सी को ईरान में तत्कालीन मुसद्दिक़ सरकार के विदेश मंत्री डाक्टर हुसैन फ़ातेमी ने ईरान के ब्रिटेन से राजनैतिक संबंध तोड़ने की घोषणा की। ईरानी मंत्रीमंडल द्वारा स्वीकृति दिए जाने के पश्चात इस विधेयक को तेहरान में ब्रितानी उपराजदूत के हवाले किया गया। डाक्टर फ़ातेमी ने ब्रितानी सरकार की ओर से ईरानी राष्ट्र के तेल उद्योग के राष्ट्रीयकरण सहित अपने अधिकारों की प्राप्ति की इच्छा की अनदेखी को ब्रिटेन के साथ संबंध विच्छेद का कारण बताया। उन्होंने लंदन के अधिकारियों से ईरान के संबंध में अपनी नीतियों में परिवर्तन लाने पर बल दिया। अलबत्ता इस समाचार की घोषणा से कुछ समय पूर्व डाक्टर मुसद्दिक़ ने ब्रिटेन को ईरान से संबंध विच्छेद करने की ओर से चेतावनी दी थी।

 

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4 रबीउल औवल सन 1186 हिजरी क़मरी को इराक़ के पवित्र नगर कर्बला में विख्यात लेखक और अध्ययनकर्ता शैख़ युसुफ़ बुहरानी का निधन हुआ। उन्होंने लुलुउल बहरैन नामक पुस्तक की प्रस्तावना में अपनी जीवनी का सारांश लिखा है। इसके अनुसार उन्होंने आरंभिक शिक्षा अपने पिता से ली। फिर वे बहरैन  और मक्का गये। मक्के में हज करने के लिए अनुकूल वातावरण पाकर इस देश के दक्षिण नगर फ़सा में रहने लगे और अध्ययन एवं शिक्षा दीक्षा में लीन हो गये। इसी काल में उन्होंने अपनी विख्यात पुस्तक अलहदायक़ुन्नज़ेरा की रचना आरंभ की। बाद में इसी पुस्तक की रचना के कारण वे साहेबे हदायक़ के नाम से प्रसिद्ध हुए।