सोमवार - 9 नवम्बर
9 नवम्बर सन 1729 ईसवी को स्पेन के सेविल नगर में इसी नाम से एक समझौता हुआ।
इस समझौते के आधार पर स्पेन और फ़्रांस ने अपने राजनैतिक और भौगोलिक विवादों को भुला दिया और एक दूसरे के क्षेत्रों पर अपने दावे समाप्त कर दिए। इस समझौते में फ़्रांस वचनबद्ध हुआ है कि हर युद्ध में वह स्पेन का साथ देगा।
9 नवम्बर सन 1818 ईसवी को रूस के विख्यात उपन्यासकार ईवान टोरगीनोफ़ का जन्म हुआ। उनके उपन्यासों में अधिकतर ग्रमीणों और स्वंत्रतता का समर्थन दिखाई पड़ता है।
9 नवम्बर सन 1873 ईसवी को भारतीय उपमहाद्वीप के प्रख्यात कवि और दार्शनिक अल्लामा मोहम्मद इक़बाल का जन्म हुआ। उन्होंने आरंभिक शिक्षा के बाद जर्मनी और ब्रिटेन जाकर चार वर्षों तक उच्च शिक्षा प्राप्त की। युवाकाल से ही वे शेर लिखने लगे थे उनकी पहली काव्य रचना नालए यतीम थी। लाहौर लौटकर उन्होंने लोगों को जागरुक बनाने का प्रयास किया। उन्होंने फ़ार्सी भाषा में भी बड़े मूल्यवान शेर लिखे हैं। वे स्वतंत्रता प्रेमी थे, उनकी कई महत्वपूर्ण काव्य रचनाएं है जिनमें असरारे ख़ुदी और अरमग़ाने हेजाज़ आदी का नाम लिया जा सकता है।
9 नवम्बर सन 1918 ईसवी को जर्मनी में लोकतंत्र की घोषणा होने के साथ ही अंतिम सम्राट वैल्हम द्वितीय ने अपने पद से त्याग पत्र दे दिया तथा एबर्ट जर्मनी के पहले राष्ट्रपति बन गये।
9 नवम्बर सन 1989 को बर्लिन दीवार जिसने इस नगर को दो भागों में विभाजित कर रखा था 28 वर्षों बाद गिरा दी गई। द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात बरलिन नगर का पूर्वी भाग सोवितय संघ और पश्चिमी भाग अमरीका ब्रिटेन और फ़्रांस के अधिकार में चला गया 1961 में बर्लिन में हिंसा बहुत बढ़ गई और पूर्वी बर्लिन के लोग पश्चिमी बरलिन की ओर भाग गए जिससे सोवियत संघ और पूर्वी जर्मनी को चिंता हुई और इन सरकारों ने यह दीवार खड़ी कर दी जो धीरे धीरे जर्मनी के विभाजन का प्रतीक बन गई किंतु सोवियत संघ के विघटन का जर्मनी में भी असर दिखाई दिया और 1989 में बर्लिन दीवार गिरा दी गई।
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19 आबान वर्ष 1333 हिजरी शम्सी को ईरान की मुसद्दिक़ सरकार के विदेश मंत्री डॉक्टर सैयद हुसैन फ़ातेमी पर शाही शासन के सैनिक न्यायालय में मुक़द्दमा चलाए जाने के बाद उन्हें मृत्युदंड सुनाया गया और फिर उन्हें गोलियों से भून दिया गया। डाक्टर फ़ातेमी 28 मुरदाद 1332 को अमरीका द्वारा प्रायोजित सैनिक विद्रोह और डॉक्टर मुसद्दिक़ की सरकार गिरने के बाद शाह के सुरक्षाकर्मियों के वांछितों में शामिल हो गए अत: वे छिपकर रहने लगे थे किंतु कुछ ही समय बाद पकड़े गए और आज के दिन उन्हें मृत्युदंड दे दिया गया।
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23 रबीउल औवल सन 1362 हिजरी क़मरी को ईरान के विख्यात साहित्यकार और शायर मिर्ज़ा हुसैन खान दानिश का 70 वर्ष की आयु में निधन हुआ। उन्होंने अपनी आयु का एक भाग तुर्की के इस्ताम्बूल और अंकारा नगरों में बिताया और इस अवधि में भी वे फ़ार्सी साहित्य के अध्ययन और लेखन में व्यस्त रहे। उन्होंने कई महत्वपूर्ण पुस्तकें लिखी हैं जिनमें सरामदाने सुख़न का नाम लिया जा सकता है। इस पुस्तक में उन्होंने ईरान के 15 विख्यात शायरों की जीवनकथा लिखी है।
23 रबीउल औवल सन 1410 हिजरी क़मरी को ईरान के विख्यात धर्मगुरु मिर्ज़ा जवाद आग़ा तेहरानी का निधन हुआ। वे सन 1322 हिजरी क़मरी में तेहरान में एक धार्मिक परिवार में जन्में और आरंभिक शिक्षा प्राप्ति के बाद उच्चस्तरीय शिक्षा के लिए उन्होंने पहले पवित्र नगर क़ुम और फिर इराक़ के पवित्र नगर नजफ़ की यात्रा की। वहॉं शिक्षा प्राप्ति के बाद वे स्वदेश लौटे और शिक्षा दीक्षा में लीन हो गये। उन्होंने कई महत्वपूर्ण पुस्तकें लिखीं जिनमें आईने ज़िन्दगी और मीज़ानुल मतालिब का नाम लिया जा सकता है।