मंगलवार- 10 नवम्बर
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मार्टिन लूथर
10 नवंबर 1483 ईसवी को जर्मनी के धर्म सुधारक मार्टिन लूथर का जन्म हुआ।
युवाकाल में वे पादरी बन गए। ईसाई धर्म के बारे में मार्टिन लूथर की विचारधारा और तत्कालीन पोप तथा चर्च के वरिष्ठ अधिकारियों की सोच में बहुत मतभेद पाया जाता था। वर्ष 1517 में मार्टिन लूथर ने चर्च के अत्याचारों के विरुद्ध अपना आन्दोलन आरंभ किया। उन्होंने पोप के आदेश का विरोध करते हुए इंजील का जर्मन भाषा में अनुवाद किया और कैथोलिक ईसाइयों के मुक़ाबले में प्रोटेस्टेंट नामक आन्दोलन चलाया। मार्टिन लूथर के विचार, योरोप विशेषकर जर्मनी में राजनैतिक एवं धार्मिक परिवर्तनों और युद्धों का कारण बने। अपनी आयु के अन्तिम समय में वे बीमार हो गए थे तथा सन 1546 में मार्टिन लूथर का निधन हो गया।
10 नवम्बर सन 1610 ईसवी को सत्रहवीं शताब्दी के प्रख्यात चित्रकार जेरारडो का हॉलैन्ड के हेग नगर में जन्म हुआ। जेरारडो ने बहुत ही कम समय में चित्रकारी में दक्षता प्राप्त कर ली।
10 नवम्बर सन 1799 ईसवी को फ़्रांस में ब्रोमर नामक विद्रोह हुआ। ब्रोमर वस्तुतः फ़्रांस के कैलेन्डर का दूसरा महीना है। जो नवम्बर मास में पड़ता है। नेपोलियन बोनापार्ट, जो उस समय उत्तरी अफ़्रीक़ा तथा मिस्र में युद्ध में व्यस्त था एक फ़्रेंन्च अधिकारी का गुप्त संदेश पाकर आज ही के दिन फ़्रांस लौटा और उसने सैनिक विद्रोह करके संसद भंग कर दी तथा सत्ता हथिया ली। तीन वर्ष बाद उसने स्वयं को सम्राट घोषित किया।

10 नवम्बर सन 1912 ईसवी को मोरक्को, फ़्रांस तथा स्पेन का उप-निवेश बना। इससे पहले यह देश रुस, इटली तथा उसमानी शासन के अधीन था। जनता के कठिन संघर्ष के बाद सन 1956 में मोरक्को को स्वाधीनता प्राप्त हुई।

10 नवम्बर सन 1964 ईसवी को लियोनिड ब्रेजनेफ़ सोवियत संघ की कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव चुने गए। वे सन 1931 में इस पार्टी के सदस्य बने थे और पार्टी में उन्नति करके 1960 में सोवियत संघ की अध्यक्ष परिषद के प्रमुख चुने गए और फिर ख़्रोश्चोफ़ के पद से हटने के बाद उन्होंने कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव का पद संभाला। ब्रेज़नेफ़ बहुत ही सावधान राजनेता थे और उन्होंने तनाव निवारण की नीति अपनाकर अमरीका से परमाणु टकराव से दूर रहने का प्रयास किया किंतु इसके साथ ही उनके सत्ताकाल में चेकोस्लोवाकिया और अफ़ग़ानिस्तान पर आक्रमण हुए। उन्होंने विभिन्न आंतरिक गलियारों को संतुष्ट और प्रसन्न करके कम्युनिज़्म के लचक रहित नेतृत्व को जारी रखा और 18 वर्षों तक अपनी सत्ता की रक्षा की। सन 1982 में उनका निधन हुआ।
