Nov १५, २०१६ १३:४७ Asia/Kolkata
  • फर्डिनेंड डीलेसप्स
    फर्डिनेंड डीलेसप्स

17 नवम्बर सन 1869 ईसवी को स्वेज़ नहर का उदघाटन हुआ यह नहर एक फ़्रांसीसी इंजीनियर फर्डिनेंड डोलेस्पस के निरीक्षण में दस वर्षों में तैयार हुई।

इसकी लम्बाई 168 किलोमीटर तथा चोड़ाई 120 से 200 मीटर है। ये  एशिया व अफ़्रीक़ा महाद्वीपों को आपस में जीड़ती है। इसी कारण योरोपीय साम्राज्यवादियों के बीच इस पर नियंत्रण के लिए प्रतिस्पर्धा आरंभ हुई। 1954 में मिस्र ने स्वेज नहर के राष्ट्रीयकरण की घोषणा कर दी जिसके कारण ब्रिटेन फ़्रांस तथा ज़ायोनी शासन ने उस पर आक्रमण कर दिया अंत में: अतिग्रहणकारियों की सेना को वहॉ से वापस जाना पड़ा और मिस्र ने उसे अपने नियंत्रण में ले लिया।

 

17 नवम्बर सन 1870 ईसवी को डेनमार्क आस्ट्रिया तथा फ़्रांस पर विजय के पश्चात संयुक्त जर्मनी साम्राज्य का गठन हुआ। इससे पूर्व जर्मनी में राजाओं का अलग अलग राज हुआ करता था जर्मनी को एक साम्राज्य बनाने का श्रेय बिस्मार्क को जाता है जिन्हें लोहपुरुष का नाम दिया गया है। 1918 ईसवी को प्रथम विश्व युद्ध में पराजय के पश्चात जर्मन साम्राज्य समाप्त हो गया और वहॉ लोकतंत्र लागू हो गया।

 

17 नवम्बर सन 1943 ईसवी को मिस्र की राजधानी क़ाहेरा में इसी नाम की कॉन्फ़्रेन्स आरंभ हुई। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाने वाले इस सम्मेलन में अमरीका व चीन के राष्ट्रपतियों और ब्रिटेन के प्रधान मंत्री ने भाग लिया और कुछ अत्यंत महत्वपूर्ण निर्णय लिये जिनमें से एक कोरिया की स्वतंत्रता है।

 

17 नवम्बर सन 1982 ईसवी को इराक़ में सद्दाम हुसैन के अत्याचारी शासन से जनता को छुटकारा दिलाने के लिए इस्लामी क्रान्ति की उच्च परिषद नामक संगठन का गठन हुआ। जिसमें सद्दाम विरोधी दल और गुट शामिल थे। इसका उद्देश्य इराक़ में एक प्रजातांत्रिक सरकार लाना था। ईरान पर इराक़ के सद्दाम शासन के आक्रमण के दौरान अवसर का लाभ उठाते हुए इस संगठन ने इराक़ के तानाशाही शासन की, नुक़सान पहुंचाया!

 

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पहली रबीउस्सानी 875 हिजरी क़मरी को इब्ने होसाम नामक शायर का निधन हुआ। उन्हें युवाकाल से शायरी से बहुत लगाव हो गया और उन्होंने इस क्षेत्र में अपनी क्षमता का कुशलता से प्रदर्शन किया। उन्होंने पैग़म्बरे इस्लाम के परिजनों की प्रशंसा में बहुत से शेर लिखे। उन्होंने इसी प्रकार हज़रत अली अलैहिस्सलाम के युद्धों के बारे में भी ख़ावरनामा नामक पुस्तक लिखी।