बुधवार- 25 नवम्बर
-
लैवेरन
25 नवम्बर महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा की रोक थाम का अंतर्राष्ट्रीय दिन है।
25 नवम्बर सन 1918 ईसवी को प्रथम विश्व युद्ध और पोलैंड के अतिग्रहणकारी देशों रुस जर्मनी और ऑसट्रिया की पराजय के बाद पोलैंड दोबारा स्वंतंत्र हो गया। यह देश अतीत में कई बार दूसरे देशों के अतिग्रहण में गया और विभाजित हुआ। वर्ष 1795 ईसवी में प्रशिया रुस और ऑस्ट्रिया द्वारा इस देश का किया जाने वाला तीसरा विभाजन था। द्वितीय विश्व युद्ध में पोलैंड पुन: जर्मनी के अतिग्रहण में चला गया किंतु वर्ष 1945 में युद्ध की समाप्ति के बाद यह देश जर्मनी के अधिकार से निकल गया और चूँकि यहॉ रुस का प्रभाव अधिक था इस लिए इस देश में कम्युनिस्ट शासन लागू हो गया किंतु 1980 के दशक में सोवियत संघ के विघटन के बाद पोलैंड में कम्युनिस्ट शासन का भी सफ़ाया हो गया। पूर्वी योरोप में स्थित इस देश के पड़ोसी देश चेक स्लोवाकिया जर्मनी लिथुआनिया और यूक्रेन हैं इसका क्षेत्रफल 3 लाख 12 हज़ार 683 वर्ग किलोमीटर है।
25 नवम्बर सन 1975 ईसवी को दक्षिणी अमरीका के सूरीनाम देश को हॉलैंड से पूर्ण स्वतंत्रता मिली। सूरीनाम 16वीं शताब्दी ईसवी के आरंभ से ब्रिटेन के अधिकार में था किंतु 17वीं शताब्दी ईसवी के आरंभ में ब्रिटेन ने एक सौदे के अतर्गत सूरीनाम को हॉलैंड के हवाले कर दिया और इसके बदले उत्तरी अमरीका में हॉलैंड के कुछ उपनिवेशों को अपने नियंत्रण में कर दिया। 1954 में सूरीनाम को स्वायत्तता मिली और 1975 में आज के दिन इसे पूर्ण स्वतंत्रता मिलगई।
इसदेश में प्रजातांत्रिक व्यवस्था है। ब्राज़ील और गयाना इसके पड़ोसी देश हैं यह एटलांटिक महासागर के तट पर स्थित है।

***
5 आज़र सन 1357 हिजरी शम्सी को ईरान के संघर्षकर्ता धर्मगुरु आयतुल्लाह ग़रवी का निधन हुआ। आरंभिक शिक्षा के बाद वे इराक़ के नगर नजफ़ चले गये थे। वहॉ पर वरिष्ठ धर्मगुरुओं से शिक्षा प्राप्त करने के बाद वे स्वेदश लौटे और ईरान में शिक्षा दीक्षा के साथ ही वे अत्याचारी शासक शाह के विरुद्ध भी संघर्ष में सक्रिय रहे।

5 आज़र सन 1358 हिजरी शम्सी को ईरान की इस्लामी क्रान्ति के संस्थापक इमाम ख़ुमैनी द्वारा 2 करोड़ की सेना तैयार किये जाने के आदेश के जारी होने के बाद बसीजे मुस्तज़अफ़ीन नामक एक संस्था बनी। इसमें समाज के निषठवान साहसी और त्यागी लोग शामिल हुए जिन्होंने हर क्षेत्र में इस्लामी क्रान्ति की सुरक्षा की। यह संस्था आज भी सक्रिय है। इमाम ख़ुमैनी ने इस संस्था के बारे में कहा बसीज इस्लामी शिष्टाचार और नियमों का प्रतिबिंबन और ईश्वर के प्रेमियों और सेवकों का केंद्र है।
***
9 रबीउस्सानी सन 610 हिजरी क़मरी को अफ़ग़ानिस्तान के हेरात नगर पर मंगोलों के आक्रमण में विख्यात चिकित्सक नजीबुद्दीन अबू हामिद अली बिन उमर समरक़न्दी मारे गये। वे बड़े ही सफल चिकित्सक थे। उन्होंने दवाओं की खोज के क्षेत्र में सराहनीय प्रयास किए। दवाओं के बारे में उनकी अनेक पुस्तकें और लेख हैं।
उनकी एक पुस्तक का नाम अलअसबाब वलअलामात है जिस में उन्होंने बीमारियों के करणों और लक्षणों को बयान किया है।
चिकित्सा से संबंधित उमर समरक़ंदी की एक अन्य पुस्तक किताबुल अलबाब है।