Nov २३, २०१६ १२:०७ Asia/Kolkata
  • शनिवार- 28 नवम्बर

28 नवम्बर सन 1582 ईसवी को 18 साल के विलियम शेक्सपियर ने 26 साल की एने हैसावे से विवाह किया।  

28 नवम्बर सन 1991 ईसवी को दक्षिणी ओसेशिया ने जार्जिया से आज़ादी की घोषणा कर दी।

28 नवम्बर सन 1676 ईसवी को पूर्वी भारत के उपजाऊ क्षेत्र और महत्वपूर्ण बंदरगाह पुडूचेरी पर फ़्रांसीसियों का अधिकार हो गया। यह बंदरगाह हिंद महासागर में बंगाल की खाड़ी के तट पर स्थित है। यह क्षेत्र अतीत में भारत पर अधिकार के लिए योरोपीय देशों के बीच होने वाली खींचतान का मैदान भी रहा है। इस पर कई बार फ़्रांस और हॉलैंड का अधिकार हुआ अंतत: क्षेत्र की जनता के स्वतंत्रता प्रेमी आंदोलन  के बाद 1956 अर्थात भारत की स्वतंत्रता के 9 वर्षों बाद पुडूचेरी भारत के अधिकार में आया।

 

28 नवम्बर सन 1912 ईसवी को अलबानिया को स्वतंत्रा मिली। यह देश ईसापूर्व के अधिकांश वर्षों में स्वतंत्र रहा किंतु रोम शासन की स्थापना के बाद इस शासन के अधिकार में चला गया। रोम शासन के पतन के बाद अलबानिया, पड़ोसियों के आक्रमणों का निशाना बना। अंतत: वर्ष 1501 में उसमानी शासन ने इस देश पर अधिकार कर लिया। बीसवीं शताब्दी ईसवी के आरंभ में उसमानी शासन कमज़ोर हुआ और बालकान के देश इस शासन के नियंत्रण से निकल गये। अलबानिया में भी स्वतंत्रता के लिए प्रयास किए गये। अंतत: वर्ष 1912 में यह देश स्वतंत्र हुआ। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह देश सोवियत संघ के प्रभाव के अंतर्गत अनवर ख़ोजा के नेतृत्व में कम्युनिस्ट शासन के अधीन हो गया वर्षों तक इस देश में घुटन का वातातरण रहा अंतत: वर्ष 1992 में इस देश में कम्युनिस्ट शासन का अंत हुआ। अलबानिया, योरोप का मुस्लिम बाहुल्य एकमात्र देश है। जो इस महाद्वीप और बालकान क्षेत्र के दक्षिण पूर्वी भाग में स्थित है। यूनान, योगोस्लाविया और मेसीडोनिया इसके पड़ोसी देश हैं। लगभग 29 हज़ार वर्ग किलोमीटर इसका क्षेत्रफल है।

 

28 नवम्बर सन 1960 ईसवी को मोरीटानिया ने औपचारिक रुप से अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की। यह देश 15वीं शताब्दी ईसवी से पुर्तग़ाल के अधिकार में रहा फिर हॉलैंड और ब्रिटैन ने इस देश पर अधिकार कर लिया और सन 1903 में मोरीटानिया, फ़्रांस का उपनिवेश बन गया। बीसवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में मोरीटानिया के लोगों ने एक जनमत संग्रह में देश में लोकतांत्रिक शासन की स्थापना के पक्ष में मतदान किया। सन 1960 में फ़्रांस के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर के बाद यह देश पूर्ण रुप से स्वतंत्र हो गया।

 

28 नवम्बर सन 1971 ईसवी को ईरान के तीन द्वीपों बू मूसा तुम्बे बुज़ुर्ग और तुम्बे कूचिक से ब्रिटिश अतिग्रहणकारियों के निकलने के साथ ही ईरान ने इन क्षेत्रों को पुन: अपने नियंत्रण में ले लिया।

 

 

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8 आज़र, सन 1373 हिजरी शम्सी को विख्यात मुसलमान धर्म गुरु हाज शैख़ मोहम्मद अली अराकी का 103 वर्ष की आयु में निधन हुआ। वे ईरान के अराक नगर में पैदा हुए। 11 वर्ष की आयु से उन्होंने धमिक ज्ञान प्राप्ति के क्षेत्र में कठिन परिश्रम आरंभ कर दिया। उन्होंने ईरान के पवित्र नगर क़ुम में वर्षों तक धार्मिक शिक्षा दी और बहुत से शिष्यों का प्रशिक्षण किया। उन्होंने ईरान की इस्लामी क्रान्ति का भी कई अवसरों पर समर्थन किया। उन्हें इमाम ख़ुमैनी से विशेष लगाव था। वे सदा उनका सम्मान करते। उनकी कई पुस्तकें मौजुद हैं।

 

 

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12 रबीउस्सानी सन 132 हिजरी क़मरी को पहले अब्बासी शासक सफ्फाह ने राजगद्दी संभाली उसका पूरा नाम अबुल अब्बास अब्दुल्लाह बिन मोहम्मद था।

उल्लेखनीय है कि अब्बासियों ने अबू मुस्लिम नामक सेनापति और उसकी सेना की सहायता से अंतिम उमवी शासक मरवान द्वितीय की हत्या कर दी जिसके बाद उमवी शासन का अंत हो गया किंतु अब्बासी शासकों ने भी उमवी शासकों की भांति वर्षों तक इस्लामी देशों की जनता पर अत्याचार ढाए। यह शासन श्रृंखला सन 656 हिजरी क़मरी तक चली।

 

 

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