सोमवार - 7 दिसम्बर
7 दिसम्बर वर्ष 2001 को कंधार में तालेबान ने हथियार डाले।
तालेबान आंदोलन जिसे तालेबान के नाम से भी जाना जाता है, एक कट्टरपंथी आन्दोलन है जिसकी शुरुआत वर्ष 1994 में दक्षिणी अफ़ग़ानिस्तान में हुई थी। तालेबान पश्तू भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ होता है ज्ञानार्थी (छात्र)। ऐसे छात्र, जो इस्लामिक कट्टरपंथ की विचारधारा पर यक़ीन रखते हैं। तालेबान इस्लामिक कट्टपंथी राजनीतिक आंदोलन है। इसकी सदस्यता पाकिस्तान तथा अफ़ग़ानिस्तान के मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों को मिलती है। 1996 से लेकर 2001 तक अफ़ग़ानिस्तान में तालेबानी शासन के दौरान मुल्ला उमर देश का सर्वोच्च धार्मिक नेता था। उसने ख़ुद को हेड ऑफ सुप्रीम काउंसिल घोषित कर रखा था। तालेबान आन्दोलन को सिर्फ पाकिस्तान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ने ही मान्यता दे रखी थी। अफ़ग़ानिस्तान को पाषाणयुग में पहुँचाने के लिए तालिबान को ज़िम्मेदार माना जाता है।
वर्ष1990 की शुरुआत में उत्तरी पाकिस्तान में तालेबान का उदय माना जाता है। इस दौर में सोवियत सेना के अफ़ग़ानिस्तान से वापस जा रही थी। पश्तून आंदोलन के सहारे तालेबान ने अफ़ग़ानिस्तान में अपनी जड़े जमा ली थीं। इस आंदोलन का उद्देश्य था कि लोगों को धार्मिक मदरसों में जाना चाहिए। इन मदरसों का ख़र्च सऊदी अरब द्वारा दिया जाता था। 1996 में तालेबान ने अफ़ग़ानिस्तान के अधिकतर क्षेत्रों पर अधिकार कर लिया। 2001 के अफ़ग़ानिस्तान युद्ध के बाद यह लुप्तप्राय हो गया था पर 2004 के बाद इसने अपना गतिविधियाँ दक्षिणी अफ़ग़ानिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान में बढ़ाई हैं। फरवरी 2009 में इसने पाकिस्तान की उत्तर-पश्चिमी सरहद के करीब स्वात घाटी में पाकिस्तान सरकार के साथ एक समझौता किया है जिसके तहत वे लोगों को मारना बंद करेंगे और इसके बदले उन्हें शरीयत के अनुसार काम करने की छूट मिलेगी।
7 दिसम्बर सन 1981 में फिलिस्तीन की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने वाले नेता अब्दुल वह्हाब कियाली को बैरुत में ज़ायोनियों ने मार डाला। वह शिक्षा के दौरान ही राजनीति में आ गये थे और फिलिस्तीन के लिए संघर्ष आरंभ कर दिया था उन्होंने लंदन विश्व विद्यालय से फ़िलिस्तीन के विषय पर पीएचडी किया। उन्होंने फिलिस्तीन के विषय पर कई किताबें लिखी हैं।
7 दिसम्बर सन 1662 ईसवी को ब्लेज़ पास्कल नामक फ़्रांस के गणितज्ञ, लेखक और कैल्कयुलेटर मशीन के आविष्कारक का निधन हुआ। वे जून सन 1623 में जन्में थे। उन्हें बचपन से ही गणित से विशेष लगाव था। इसी प्रकार उनके पिता का उस समय के विद्वानों और वैज्ञानिकों से मिलना जुलना था। जिससे पास्कल की क्षमताओं को उभरने का अच्छा अवसर मिला। पास्कल अपने जीवन के अंतिम दिनों में धर्म से बहुत निकट हो गये थे और इस विषय पर उन्होंने पुस्तकें भी लिखीं।
7 दिसम्बर सन 1889 ईसवी को विश्व में वर्तमान रुप की पहली गाड़ी बनाई गयी। यह गाड़ी जर्मनी के एक वैज्ञानिक कार्ल फ़्रेडरिक बेन्ज़ ने बनाई थी। इस गड़ी की गति 12 किलोमीटर प्रतिघंटा थी। इसमें ईंधन के रुप में पेट्रोल या फिर एलकोहल का प्रयोग होता था। वर्तमान काल की बसें उस गाड़ी का संपूर्ण रुप हैं। कार्ल बेन्ज़ 1929 में संसार से चल बसे।
7 दिसम्बर सन 1941 ईसवी को जब योरोप में द्वितीय विश्व युद्ध की आग धधक रही थी जापान के 2 सौ विमानों ने प्रशांत महासागर में पर्ल हार्बर पर स्थित अमरीकी सैनिक ठिकाने पर बम्बारी की । यह घटना उस समय हुई जब जापानी अधिकारी अमरीकी अधिकारियों के साथ पूर्वी एशिया के मामलों पर विचार विमर्ष कर रहे थे। इस आक्रमण के साथ जिसमें अमरीका की 19 सैनिक नौकाएं डूब गयी थीं जापानी सेना ने दक्षिण पूर्वी एशिया के देशों तथा वर्तमान इंडोनेशिया, सुमात्रा और जावा सहित प्रशांत महासाग़र के द्वीपों पर भी आक्रमण आरंभ कर दिया और यह क्षेत्र जापानियों के अधिकार में आ गये। पर्ल हार्बर में अमरीकी सैनिक ठिकाने पर जापान के वायु आक्रमण के बाद विश्व युद्ध पूर्वी एशिया तक फैलता चला गया।
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21 रबीउस्सानी सन 1313 हिजरी क़मरी को वरिष्ठ मुस्लिम धर्मगुरु हाज मुल्ला मोहम्मद बाक़िर वाएज़ तेहरानी का निधन हुआ। वे सन 1255 हिजरी क़मरी में जन्में और उन्होंने अपनी आयु का अधिकांश भाग शिक्षा दीक्षा में बिताया। उनकी कई रचनाएं उनकी याद को ताज़ा रखने के लिए अब भी सुरक्षित हैं जिनमें जन्नतुन नईम उल्लेखनीय है।