Feb ०७, २०१७ १७:०९ Asia/Kolkata

बूजाक़ कियाशहर तालाब या वेटलैंड कैसपियन सागर का पानी पीछे हटने के नतीजे में अस्तित्व में आया है और यह समुद्री कच्छ में स्थित तालाब है।

यह तालाब 500 हेक्टेयर के भूभाग में फैला हुआ है और समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 25 मीटर है। यह तालाब उत्तरी भाग में चालीस मीटर चौड़े जलमार्ग के माध्यम से कैस्पियन सागर में गिरता है। वर्ष 1992 में मछली के शिकार के लिए बंदरगाह बनाई गई जिसके कारण यह तालाब दो भागों में बंट गया।

बूजाक़ कियाशहर तालाब कैस्पियन सागर की मछलियों के लिए अंडे देने का अच्छा स्थान है साथ ही जल पक्षियों के लिए जाड़े का मौसम गुज़ारने और अंडे देने व बच्चे पैदा करने के लिए भी यह बड़ा अनुकूल स्थान है। इस तालाब को वर्ष 1976 में रामसर कन्वेन्शन के तालाबों की सूचि में शामिल किया गया था। बूजाक़ कियाशहर तालाब का पानी मीठा है और समुद्र से संगम के स्थान तक यह मीठा पानी अपनी असली हालत में दिखाई पड़ता है। तालाब के उत्तर में कैसपियन सागर, दक्षिण में कियाशहर बंदरगाह, सनोबर नर्सरी और फ़ारेस्ट पार्क जबकि पूरब में छोटे और बड़े कच्छ तथा पश्चिम में सफ़ीदरूद नदी के तट पर स्थित टीले हैं। तालाब की न्यूनतम गहराई 130 सेंटीमीटर और अधिकतम गहराई चार मीटर है। बूजाक़ कियाशहर तालाब में पानी सियाह कर्बी तथा बुक़ए नामक नदियों से पहुंचता है। तालाब का यह भाग एक जलमार्ग के माध्यम से कैसपियन सागर से जुड़ा हुआ है। तालाब के पश्चिमी भाग का पानी सफ़ीदरूद नदी तथा बारिश से आता है।

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तालाब के पश्चिमी भाग के अंत में एक बड़े भाग में नरकुल की झाड़ियां हैं जबकि तालाब के दक्षिणी और पूर्वी भाग में दूसरी वनस्पतियां हैं। तालाब के पश्चिमी और पश्चिमोत्तरी भाग में टीले हैं जो घास और वनस्पतियों से ढंके रहते हैं। यही टीले तालाब तथा कैस्पियन सागर के बीच स्थित हैं। तालाब के दक्षिणी तथा दक्षिण पश्चिमी भाग में खेती बाड़ी की ज़मीन, बंदर कियाशहर पार्क और सनोबर नर्सरी है।

पक्षियों के लिए इस तालाब के बहुत अधिक महत्व को देखते हुए पक्षियों की रक्षा के लिए विश्व स्तर पर सक्रिय संस्था ने इस तालाब को पक्षियों के महत्वपूर्ण जीवन स्थलों में शामिल किया है। बूजाक़ कियाशहर तालाब में अतीत में बड़ी संख्या में अनेक प्रकार के बगुले तथा बत्तखें नज़र आती थीं मगर अब इनमें से कुछ प्रकार की बत्तखें और बगुले कम हो गए हैं। अलबत्ता इस समय भी बड़ी संख्या में जल पक्षी इस तालाब में दिखाई देते हैं। वर्ष 2013 में किए गए अनुसंधान के अनुसार बूजाक़ कियाशहर तालाब के भीतर तथा इसके किनारे 81 प्रकार के पक्षी रहते हैं। इनमें आठ प्रकार के पक्षी तो स्थानीय हैं जबकि अन्य पक्षी दूसरे क्षेत्रों से आते हैं और चले जाते हैं।

इस तालाब में मछलियों की भरमार रहती है। कुछ मछलियां तो स्थानीय हैं जबकि अन्य मछलियां दूसरे क्षेत्रों से आती हैं। इन मछलियों में पाइक, कैस्पियन क्युटम, टेन्च, कामन ब्रीम रोही तथा अन्य मछलियों का नाम लिया जा सकता है। इस तालाब के आस पास साही, चमगादड़, नेवला, जंगली बिल्ली और अन्य कुछ पशु भी पाए जाते हैं। इस तालाब में पानी का सांप, कछुआ आदि रेंगने वाले जानवर पाए जाते हैं। बूजाक़ कियाशहर तालाब में मेंढक भी पाए जाते हैं। मैटिनकैनरी, सैमोलस वैलेरांडी, पोदीना, अनार, एल्डर, ब्लैकबेरी, वीलो, नरकुल, वाटरक्रेस, अल्टरनन्थेरा, निगरीकैन्स, आईरेसिस, पलान्टेन, आदि वनस्पतियां और पेड़ इस क्षेत्र में दिखाई देते हैं।

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जैसा कि हमने पहले भी बताया वर्ष 1976 में बूजाक़ कियाशहर तालाब को रामसर के अंतर्राष्ट्रीय कन्वेन्शन के तालाबों की सूचि में शामिल किया गया है। इसी प्रकार बूजाक़ कियाशहर तालाब को पक्षियों के जीवन की रक्षा के लिए सक्रिय संस्था ने पक्षियों के लिए अनुकूल स्थान घोषित किया है। इसी लिए हालिया वर्षों में इस तालाब में शिकार पर रोक लगा दी गई है तथा बूजाक़ के एक भाग को नेशनल पार्क में शामिल किया गया है जिसकी कड़ी देखभाल होती है।

बूजाक़ कियाशहर तालाब कैसपियन सागर की मछलियों के लिए अंडे बच्चे करने का बहुत अच्छा स्थान है। यहां के प्रकृतिक दृष्यों के कारण यह पर्यटकों के लिए भी बहुत रोचक स्थान है। इसे अति सुंदर प्राकृतिक आकर्षण वाले क्षेत्रों में गिना जाता है। इस  लिए कि इस क्षेत्र में समुद्र भी है, तालाब भी है और जंगल भी है। इन तीनों चीज़ों का संगम बहुत महत्वपूर्ण है।

वर्ष 2003 में बूजाक़ नेशनल पार्क को समुद्री व थल नेशनल पार्क के रूप में पंजीकृत किया गया। पूरा बूज़ाक नेशनल पार्क, बूजाक़ कियाशहर तालाब  के तहत रामसर अंतर्राष्ट्रीय कन्वेन्शन के तालाबों में शामिल माना जाता है।

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कियाशहर के इलाक़े में ईरान का सबसे स्वादिष्ट चावल पैदा होता है। शिकार का मौसम आता है तो इस क्षेत्र के बाज़ार मछलियों से भर जाते हैं और चहल पहल बहुत बढ़ जाती हे। ईरान के अनेक भागों से लोग मछलियां ख़रीदने वहीं जाते हैं। कियाशहर की केवियर मछली को विश्व ख्याति प्राप्त है। मूंगफली, तरकारियां, तथा ककड़ी और ख़रबूज़ा इस क्षेत्र के किसानों की महत्वपूर्ण कृषि पैदावार है। इस क्षेत्र में बुध का दिन बाज़ार का दिन होता है। इस दिन अलग अलग चीज़ें बेचने वाले अपना सामान ज़मीन पर सजा देते हैं। यह दृष्य पर्यटकों के लिए भी बड़ा रोचक होता है।

कियाशहर के फ़ारेस्ट पार्क का प्राकृतिक कच्छ के निकट स्थित होना, लकड़ी का पुल और समुद्र का तट बहुत सुंदर और मनमोहक दृष्य पेश करता है। यही कारण है कि दूर दूर से इस क्षेत्र में पहुंचने वाले सैलानी घंटों इसी दृष्य में खोए रहते हैं। बूजाक़ कियाशहर तालाब का पूर्वी भाग बहुत अधिक सुंदर है इस भाग में लकड़ी का पुल बीच से गुज़रा है। यह पुल सुदंर तट पर जाकर ख़त्म हुआ है। इस पुल ने भी बड़ा सुंदर दृष्य उत्पन्न कर दिया है।

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जंगल, कच्छ, समुद्र इन सारी चीज़ों का एक साथ इस क्षेत्र में एकत्रित हो जाना वास्तव में एसा दृष्य है जिसके बारे में यह कहना ग़लत नहीं है कि मध्यपूर्व के पूरे क्षेत्र में इसका कोई और उदारहण नहीं है।

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