ईरानी बाज़ार-9
फ़ूड इंडस्ट्री तथा इससे जुड़े व्यापार को बड़े उद्योगों में गिना जाता है।
विश्व बैंक जैसी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाएं यह अनुमान लगा रही हैं कि वर्ष 2050 तक दुनिया की आबादी 9 अरब तक हो जाएगी। इस बड़ी आबादी को ज़िंदा रहने के लिए आहार सहित विभिन्न क्षेत्रों में न्यूनतम इंडीकेटरों को सुनिश्चित करने की ज़रूरत है। इस आबादी के लिए आहार का बंदोबस्त तब हो पाएगा जब आहार उत्पादन की वर्तमान मात्रा में कम से कम 50 प्रतिशत की वृद्धि की जाए। यह एसी स्थिति में है कि कृषि भूमि, जैव विविधता, समुद्र, जंगल, तथा अन्य प्राकृतिक संसाधन चिंताजनक गति से कम होते जा रहे हैं। दुनिया में जलवायु के परिवर्तन ने विभिन्न देशों में 25 प्रतिशत से अधिक कृषि उत्पादकों को समाप्त कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र संघ के अनुमान के अनुसार यदि वर्ष 2050 तक आबादी में वृद्धि की वर्तमान दर बनी रहती है तो 51 प्रतिशत लोग विभिन्न देशों में अपने आहार की ज़रूरत पूरी करने के लिए विदेश से खाद्य पदार्थ इंपोर्ट करने पर विवश होंगे।

आबादी में वृद्धि तथा समाजों की बढ़ती आहार आवश्यकता और दूसरी ओर आहार स्रोतों में हो रही कमी एसे मामले हैं जिन्होंने सरकारों, अनुसंधानकर्ताओं और शोधकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर केन्द्रित करवाया था। इस संदर्भ में ज़रूरी है कि खाद्य स्रोतों का प्रयोग बहुत सावधानी के साथ किया जाए, उनकी सही देखरेख तथा नष्ट होने से बचाने के लिए क़दम उठाए जाएं, खाद्य पदार्थों के नए स्रोत तैयार किए जाए, खाद्य उत्पादों की पैकिंग और सुरक्षा तथा उनकी क्वालिटी बढ़ाने के लिए प्रयास किए जाएं और इसे खाद्य के क्षेत्र में रणनीति के तौर पर अपनाया जाए।
इसके अलावा समाजों का विकास और ज्ञान व उद्योग की उन्नति भी कारण बनी कि खाने पीने के संबंध में नई आदतें प्रचलित हों। इसके चलते नए खाद्य उत्पादों और पूरक आहार की ज़रूरत भी स्पष्ट रूप से महसूस की जाने लगी है। लोगों के स्वास्थ्य से आहार का सीधा संबंध तथा समाजों और सरकारों का आहार की मात्रा और क्वालिटी पर विशेष ध्यान भी आहार उद्योग तथा उससे जुड़े उद्योगों का महत्व बढ़ने का कारण है।

खाद्य उद्योग उन उद्योगों को कहा जाता है जो खेतों की फ़सल काटने, बाग़ों के फल और मेवे तोड़ने और मछली के शिकार होने तथा जानवरों के ज़िबह किए जाने से लेकर इस कच्चे माल को भोजन के रूप में बदलने तक की प्रक्रिया में भूमिका रखते हैं। प्रोसेसिंग की पूरी प्रक्रिया, इन वस्तुओं मे भौतिक और रासायनिक परिवर्तन, प्रीज़र्विंग सिस्टम, पैकिंग, क्वालिटी चेंकिंग तथा कारख़ानों में प्रोडक्शन लाइन पर किया जाने वाला काम यह सब कुछ विशेषज्ञों की ओर से आहार उद्योग के विकास के लिए उठाए जाने वाले क़दम हैं। इस समय दुनिया भर में हज़ारों कंपनियां आहार उद्योग से जुड़ी हुई हैं और बताया जाता है कि विश्व स्तर पर यह लगभग 8 हज़ार अरब डॉलर का उद्योग है।
ईरान एक विशाल और अपेक्षाकृत सूखा देश है। अपनी भौगोलिक स्थिति, विविध जलवायु, उपजाऊ ज़मीन, कृषि के क्षेत्र में अच्छे और शोधी श्रमबल, पशुपालन और फिशरी के कारण खाद्य उद्योगों की मदद से अच्छे और स्वादिष्ट खाद्य पदार्थ अन्य देशों को निर्यात करने में सक्षम है। ईरान के विभिन्न भागों में 12 प्रकार की जलवायु पायी जाती है। ईरान में बड़ी उपजाऊ ज़मीन है, संतुलित क्षेत्रों गर्म और अर्ध गर्म क्षेत्रों के लगभग सभी उत्पादों के उत्पादन की क्षमता ईरान में पायी जाती है। ईरान दुनिया के उन पांच देशों में है जो बीस प्रकार के महत्वपूर्ण खाद्य पदार्थों का उत्पादन करता है। इनमें पिस्ता, खजूर, अनार, अंगूर, टमाटर, विभिन्न प्रकार के नींबू जैसे उत्पाद शामिल हैं। ईरान में यह उत्पाद क्वालिटी की दृष्टि से बहुत अच्छे हैं और ईरान को महत्वपूर्ण उत्पादक देशों में गिना जाता है। ईरान के कुछ कृषि उत्पाद एसे हैं जिनका उत्पादन आंतरिक ज़रूरत से ज़्यादा होता है इस लिए उसे ख़राब होने से बचाने के लिए खाद्य पदार्थों को अलग अलग खाद्य उत्पादों में परिवर्तित किया जाता है और इस प्रक्रिया में उद्योग की मदद ली जाती है। फिर यह उत्पाद देश के बाज़ार के साथ विदेशी बाज़ारों में सप्लाई किए जाते हैं।

इस समय ईरान में इस प्रकार के हज़ारों उद्योग सक्रिय हैं। यह उद्योग वास्तव में कृषि तथा उद्योग के बीच संपर्क उद्योग का काम करते हैं। ईरान में आहार उद्योग देश के कुल उद्योगों का 18 प्रतिशत भाग है। इस तरह ग़ैर पेट्रोलियम पदार्थों के निर्यात में इस उद्योग की बड़ी महत्वपूर्ण साझेदारी है। इन उद्योगों का दायरा बहुत विस्तृत है। खनिज पेयजल से लेकर अलग अलग प्रकार के तेलों, बच्चों के आहार, दुग्ध पदार्थों, चाय, चावल तथ प्रोटीन उत्पादों तक सब इसमें शामिल हैं। जैसे कृषि उत्पादों में आहार उद्योग के शोधकर्ता चावल की पालिश निकालने में सफल हुए हैं। इससे एक प्रकार का खाद्य तेल तैयार होता है। इसी तरह रीप्रोसेसिंग उद्योग के माध्यम से पेड़ों के पत्तों, टहनियों तने और लकड़ी को तथा कुछ पेड़ों के फलों के बीजों को अलग अलग उत्पादों में बदल दिया जाता है। जैसे बीजों से अलग अलग प्रकार के तेल तैयार किए जाते हैं। तने और लकड़ी से काग़ज़ बनता है। मिठाइयां, अचार, मारमलाड और जूस बनाया जाता है। इससे निकलने वाले कूड़े को पशुओं के आहार के रूप में प्रयोग किया जाता है। रीप्रोसेसिंग द्वारा तरह तरह के मुरब्बे, जेलियां, सूखे फल, सबज़ियां, जैसी खाने पीने की चीज़ें तैयार की जाती हैं।
इस समय दुनिया में प्रयोग किए जा रहे प्रोटीन पदार्थ का 15 प्रतिशत भाग मछलियों तथा जल प्राणियों से प्राप्त होता है। फ़िशरी में चूंकि अलग अलग प्रकार का स्वाद होता है तथा इसकी विविधता भी बहुत अधिक है और इसमें लगातार वृद्धि भी हो रही है। ईरान के पास 600 किलोमीटर से अधिक लंबा तट कैस्पियन सागर में है, और फ़ार्स खाड़ी तथा ओमान सागर में ईरान के पास 1800 किलोमीटर से अधिक लंबी तटीय पट्टी है। इतने लंबे तट के कारण ईरान के पास फ़िशरी की मात्रा और विविधता बहुत अधिक है और ईरानी निर्यातकों के लिए यह बहुत अनुकूल स्थिति है। ईरान में फ़िशरी के क्षेत्र में सक्रिय लोग इस समय री प्रोसेसिंग उद्योग की मदद से जल प्राणियों के गोश्त से अनेक प्रकार के उत्पाद तैयार करके और हवाबंद डिब्बों में उन्हें पैक करके अलग अलग बाज़ारों में सप्लाई करते हैं। अलग अलग प्रकार के बर्गर, सूप, फ़िश फ़िंगर और सोसेज तैयार करके बाज़ारों में भेजा रहा है।

आहार उद्योग में पैकिंग के उद्योग को बड़ा महत्व प्राप्त है। मार्केटिंग और कस्टमर को रिझाने में पैकिंग की बड़ी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसी तरह अच्छी पैकिंग से वह चीज़ सुरक्षित रहती है और उसे एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाना आसान हो जाता है। अच्छे और स्वस्थ आहार के प्रति लोगों की रूचि के कारण आहार उद्योग में नैनो टेक्नालोजी का प्रयोग बढ़ा है। नैनो टेक्नालोजी 21वीं शताब्दी की महत्वपूर्ण टेक्नालोजी है जिसने मानव जीवन के इंडीकेटर्ज़ और अर्थ व्यवस्था पर अच्छा प्रभाव डाला है। यह टेक्नालोजी रीप्रोसेसिंग तथा प्रिज़र्विंग में बड़ा योगदान दिया है। इस टेक्नालोजी की मदद से एसे सेंसर बनाए गए हैं जो उपयोग की वस्तुओं में बीमारी जनक प्रदूषण का पता लगा लेते हैं। खाद्य पदार्थों की सुरक्षा में पैकिंग की भूमिका महत्वपूर्ण है। नैनो टेक्नालोजी की भूमिका आहार उद्योग में सबसे ज़्यादा पैकिंग में होती है। इस टेक्नालोजी की मदद से मालीक्यूल के स्तर पर खाद्य पदार्थ के ढांचे में सुधार किया जाता है। नैनो टेक्नालोजी की मदद से पैकिंग में रखे गए आहार पदार्थों की गुणवत्ता बढ़ जाती है।
ईरान में 260 से अधिक विश्वविद्यालयों और अनुसंधान केन्द्रों में हज़ारों शोधकर्ता नैनो टेक्नालोजी के मैदान में शोध में व्यस्त हैं। ईरान का नाम नैनो टेक्नालोजी के क्षेत्र में दुनिया के दस महत्वपूर्ण देशों में शामिल है और ईरान इनमें छठें नंबर पर है। आहार पदार्थ और दवाओं की पैकिंग में ईरान ने नैनो टेक्नालोजी को पैकिंग उद्योग में प्रयोग करने में एक बड़ी सफलता तब प्राप्त की जब ईरानी शोधकर्ताओं ने नैनो कंपोज़िट प्रकार की पैकिंग तैयार कर दी। इसका नतीजा यह हुआ कि इस पैकिंग में रखा गया सामान अधिक समय तक सुरक्षित रहता है। ईरानी शोधकर्ताओं ने नैनोक्ले और आयरन आक्साइड की मदद से पोलीमैरिक पदार्थों की गुणवत्ता बढ़ा दी। इस समय ईरान में नैनो टेक्नालोजी के क्षेत्र में दर्जनों कंपनियां 300 से अधिक प्रकार के उत्पाद तैयार कर रही हैं। आज नैनो टेक्नालोजी का प्रयोग फ़ूड इंडस्ट्री के साथ ही चिकित्सा, ऊर्जा, पर्यावरण, कृषि सहित अनेक क्षेत्रों में हो रहा है।