ईरानी बाज़ार- 15
तकनीकी एवं इंजीनियरिंग सेवाओं में प्रबंधन, ज्ञान, तकनीक और किसी चीज़ के उत्पादन या सेवा के लिए मैनपॉवर शामिल हैं।
तकनीकी एवं इंजीनियरिंग सेवाएं किसी एक देश की सीमाओं में सीमित हो सकती हैं या सीमाओं से उठकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैल सकती हैं। दूसरे शब्दों में तकनीकी एवं इंजीनियरिंग सेवाओं के निर्यात से तात्पर्य उद्देश्यपूर्ण इंजीनियरिंग सेवाओं, निगरानी, तकनीक से संबंधित प्रशिक्षण, सॉफ़्टवेयर से संबंधित गतिविधियां और विकास अध्ययन हैं। तकनीकी एवं इंजीनियरिंग सेवाओं का निर्यात, वस्तुओं के निर्यात से भिन्न है और इसमें केवल वस्तु का निर्यात नहीं किया जाता है। तेल, गैस, पैट्रोकैमिकल, खनिज पदार्थ और कृर्षि उत्पादों के निर्यात से वस्तु, उत्पादक की मिलकियत से निकल जाती है। जबकि तकनीकी एवं इंजीनियरिंग सेवाओं के निर्यात से, निर्यातक कंपनी की जानकारी, क्षमता और अनुभव में वृद्धि होती है और इन सेवाओं के पहले से भी अधिक मात्रा में निर्यात के लिए भूमि प्रशस्त होती है।

आजकल बहुत सी सेवाओं का निर्यात किया जा सकता है। ज्ञान और तकनीक भी पहले कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। सेवाओं का दायरा काफ़ी विस्तृत है। विश्व व्यापार संगठन ने सेवाओं को कुल 12 भागों में बांटा है। यह इस प्रकार हैं, प्रशिक्षण, वित्तीय मामले, सामाजिक क्षेत्र, परिवहन, दूर संचार, वित्रण, पर्यावरण संबंधित मामले, पर्यटन, खेल कूद, व्यापार, तकनीकी एवं इंजीनियरिंग सेवाएं और इसी प्रकार की अन्य सेवाएं। दिन प्रतिदिन विश्व अर्थव्यवस्था के लिए निर्माण एवं बुनियादी ढांचे की ज़रूरत में वृद्धि के दृष्टिगत, सेवाओं का व्यापार और तकनीकी एवं इंजीनियरिंग सेवाओं में काफ़ी वृद्धि हुई है। इससे पता चलता है कि तीसरी सहस्त्राब्दी में वैश्विक लेनदेन में तकनीकी एवं इंजीनियरिंग सेवाओं का बढ़ा हिस्सा होगा। इसलिए कि सहस्त्राब्दी की शुरूआत में ही सैकड़ों अरब डॉलर के मूल्य की तकनीकी एवं इंजीनियरिंग सेवाओं का निर्यात हो चुका है।
तकनीकी एवं इंजीनियरिंग सेवाओं के निर्यात में ईरान की इंजीनियरिंग कंपनियों का अनुभव 20 वर्ष पुराना है। 1994 में ईरान की कुछ कंपनियों ने पड़ोसी देश पाकिस्तान में एक परियोजना पर काम किया। उसके बाद से ईरान ने अन्य देशों को सेवाएं प्रदान करना शुरू कर दिया। ईरानी कंपनियों को इस क्षेत्र में कुछ विशिष्टताएं प्राप्त हैं, जैसे कि प्रतिस्पर्धात्मक मूल्य, सेवाओं के प्रदान में उच्च क्षमता, सलाह और सांस्कृतिक समानताएं। अब तक ईरान की इंजीनियरिंग कंपनियों ने विदेशों में लगभग 700 परियोजनाओं में अपनी सेवाएं प्रदान की हैं। ईरानी व्यापार विस्तार संस्था की ओर से जारी होने वाले आंकड़ों के मुताबिक़, ईरान से तकनीकी एवं इंजीनियरिंग सेवाओं का आयात करने वाले देश हैं, भारत, इराक़, अफ़ग़ानिस्तान, आर्मीनिया, तुर्की, सीरिय, वेनेज़ुएला, इक्वेटोरियल गिनी, श्रीलंका, कीनिया, सूडान, कज़ाख़िस्तान, तुर्कमेनिस्तान और ताजिकिस्तान। इन देशों के लिए ईरान से निर्यात होने वाली तकनीकी एवं इंजीनियरिंग सेवाओं में औद्योगिक परियोजनाएं, बिजली घरों की स्थापना और सड़कों एवं इमारतों की डिज़ाइनिंग। इसके अलावा बांधों के निर्माण में भी ईरान ने तकनीकी एवं इंजीनियरिंग सेवाओं का निर्यात किया है। बांधों के निर्माण को दुनिया भर में बुनियादी ढांचें में गिना जाता है।

ईरान में बांधों के निर्माण का उद्योग एक महत्वपूर्ण उद्योग माना जाता है। ईरान में बांधों के निर्माण का प्राचीन इतिहास है। ईरान भौगोलिक दृष्टि से सूखे और अर्ध सूखे इलाक़े में स्थित है। इस देश का दो तिहाई हिस्सा, केन्द्रीय पठारी इलाक़ा है। प्राचीन काल से ही पानी और बारिश की कमी ईरानियों की चिंता का कारण रहा है। लोगों ने पानी के महत्व को देखते हुए, इसे स्टोर करने और उससे अधिक से अधिक लाभ उठाने के लिए विभिन्न प्रकार के उपाय खोज लिए थे। इन्हीं में से एक बांध का निर्माण था। ईरानियों ने विभिन्न क्षेत्रों के दृष्टिगत विभिन्न बांधों का निर्माण किया था और वे उनकी मरम्मत का काम भी करते रहते थे।
ईरान में केबार बांध, लगभग 700 वर्ष पुराना है। यह विश्व का आर्क आकार का सबसे पुराना बांध है। यह क़ुम प्रांत में स्थित है और अभी भी बाक़ी है। बांध के लिए उचित स्थान का चयन और उसका आर्क आकार, बताता है कि ईसके निर्माणकर्ता इंजीनियरिंग में कितने दक्ष थे। इसी दक्षता के कारण, बांध की दीवारें 1000 मीटर लम्बाई और 500 मीटर चौड़ाई के क्षेत्र में पानी के भंडार के दबाव के सामने टिकी रहें। हालिया दशकों में ईरानी इंजीनियरों ने देश में 300 से अधिक बांधों का निर्माण किया है और ईरान को बांध निर्माण उद्योग में चार सबसे बड़े देशों में ला खड़ा किया है।

बांधों का निर्माण, पीने के पानी के भंडारण, बिजली के उत्पादन और कृर्षि के लिए किया जाता है। ईरान का बांध निर्माण उद्योग आत्मनिर्भर होने के बाद, क्यूबा, सूडान, कीनिया, ताजिकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, आर्मेनिया, आज़रबाइजान, इराक़, पाकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान जैसे देशों को अपनी सेवाएं प्रदान कर रहा है। ईरान ने दो बांध, दोस्ती और ख़ुदा आफ़रीन दो पड़ोसी देशों तुर्कमेनिस्तान और आज़रबाइजान के साथ संयुक्त रूप से बनाए हैं, जिसमें ईरानी इंजीनियरों ने अपनी महारत दिखाई है।
तकनीकी एवं इंजीनियरिंग सेवाओं के क्षेत्र में ईरान जिन अन्य सेवाओं का निर्यात करता है, उसमें विद्युत उद्योग है। ईरान इस क्षेत्र में काफ़ी सक्षम है। ईरान के ख़िलाफ़ पश्चिम के प्रतिबंध लगने से पहले यह देश दुनिया भर के 40 देशों को इस क्षेत्र में अपनी सेवाएं प्रदान करता था। वर्तमान समय में ईरान अपने चार पड़ोसी देशों तुर्की, इराक़, अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान को बिजली निर्यात करता है और आज़रबाइजान और अर्मेनिया के साथ बिजली का आदान प्रदान करता है।
ईरान में तकनीकी एवं इंजीनियरिंग सेवाओं का एक अन्य क्षेत्र भूविज्ञान और खनिजों की खोज है। इस क्षेत्र में ईरान की भूविज्ञान एवं खनिजों की खोज करने वाली संस्था सक्रिय है। इस संस्था ने विश्व के 20 से अधिक देशों के साथ समझौते किए हैं। यह समझौते, भूमि की परतों की पहचान करने, भूरासायनिक खोज, उपग्रहों की खोज, आर्थिक भूवैज्ञानिक और भूभौतिकी, समुद्री अध्ययनों के अलावा इन देशों के लिए अनुसंधान केन्द्रों की स्थापना जैसे विषयों के बारे में किए गए हैं।

भूविज्ञान और खनिजों की खोज, इको के सदस्य देशों के लिए सूचना प्रसार साइट की स्थापना और मध्यपूर्व में फैले हुए खनिजों की कार्यप्रणाली और नक़्शे तैयार करना, अफ़ग़ानिस्तान, सूडान, पाकिस्तान, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान में भूविज्ञान की तकनीक में विस्तार और अंतरराष्ट्रीय कमीशन की परियोजनाओं में से 25 प्रतिशत परियोजनाओं को ईरान को सौंपा जाना, इस क्षेत्र में ईरान की अन्य गतिविधियां हैं।
दूसरे देशों में ईरान द्वारा निर्यात की जाने वाली तकनीकी एवं इंजीनियरिंग सेवाओं में, निर्माण, सड़क निर्माण, औद्योगिक परियोजनाओं और तेल एवं गैस परियोजनाओं की ओर संकेत किया जा सकता है। ईरान तेल के अलावा निर्यात की जाने वाली चीज़ों में तकनीकी एवं इंजीनियरिंग सेवाओं के निर्यात को प्राथमिकता देता है। यही कारण है कि तकनीकी एवं इंजीनियरिंग सेवाओं के निर्यात में सफल होने के लिए ईरानी कंपनियां ख़ुद को मैंनेजमैंट और आधुनिक तकनीक से लैस कर रही हैं, ताकि अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में प्रतिस्पर्धा कर सकें और विभिन्न क्षेत्रों विशेषकर बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा सकें। ईरान में उच्च विज्ञान एवं तकनीक, प्रशिक्षित एवं अनुभवि युवा ऊर्जा और अनुभवि मैन पावर के कारण, आतंरिक ज़रूरतों के अलावा दूसरे देशों को भी इसे निर्यात किया जा सकता है।