ईरानी बाज़ार - 20
भूविज्ञान में पृथ्वी की पपड़ी के पदार्थ को पत्थर कहते हैं, जो एक या एक से अधिक खनिज से आपस में गुथा हुआ होता है।
खनिज ठोस पदार्थ, प्राकृतिक, क्रिस्टलीय और निर्धारित रासायनिक संरचना है। अब तक प्रकृति में 3 हज़ार से अधिक खनिजों की पहचान हो चुकी है। उनमें से 20 से अधिक प्रकार की पृथ्वी में पत्थरीली पपड़ियां हैं। इन्हें पत्थर बनाने वाले खनिज कहा जाता है। निर्माण के आधार पर पत्थरों को तीन भागों में बांटते हैं, तलछटी, अग्नेय और रूपांतरित।

पत्थर उन आरम्भिक उपकरणों में से है, जिसे इंसान ने उपकरण, शरण स्थल और अपनी ज़रूरतों के लिहाज़ से इस्तेमाल किया है। आज यद्यपि भारी होने और परिवहन एवं अन्य समस्याओं के कारण, पत्थर का स्थान ईंटों इत्यादि ने लिया है, लेकिन अभी भी पुल, टनल, हिमस्खलन को रोकने के लिए बनाई जाने वाली दीवार जैसी चीज़ों के निर्माण में पत्थर का ही इस्तेमाल किया जाता है। इमारतों को डेकोरेट करने के अलावा भी उनके निर्माण में पत्थर का इस्तेमाल किया जाता है। विश्व में इमारतों के निर्माण और डेकोरेशन में इस्तेमाल होने वाले पत्थर का उद्योग 20 अरब डॉलर से अधिक का है।
ईरान में पत्थर के इस्तेमाल का काफ़ी पुराना इतिहास है। ईरानियों ने अपनी सभ्यता की आरम्भिक सहस्राब्दियों में घरों के निर्माण और सुन्दरीकरण के लिए पत्थरों का इस्तेमाल किया। उत्तरी ईरान में पत्थरों की चुनाई से बनाए जाने वाले घर 7 हज़ार वर्ष पूर्व से संबंधित हैं। प्राचीन इमारतें, जैसे कि पेर्सपोलिस, पासारगाद, लोरिस्तान प्रांत में पुले शापूरी, गीलान प्रांत में क़लए बंदबन और अन्य ऐतिहासिक इमारतों से पता चलता है कि प्राचीन काल में इमारतों के निर्माण में पत्थरों के इस्तेमाल का रिवाज था।

पेर्सपोलिस में पत्थरों की बड़ी सिलों के इस्तेमाल से पता चलता है कि प्राचीन काल से ईरान में पत्थरों का इस्तेमाल हो रहा है। ईरान में निर्माण कार्यों और डेकोरेशन के लिए इस्तेमाल होने वाला पत्थर 4 अरब टन है और इस उद्योग में ईरान, विश्व के 10 विशिष्ट देशों शामिल है। डेकोरेशन के पत्थरों की दृष्टि से ईरान, विश्व के सबसे महत्वपूर्ण 4 देशों में शामिल है। इसी प्रकार ईरान, निर्माण कार्यों में इस्तेमाल होने वाले विविध प्रकार के पत्थरों से समृद्ध देश है। पत्थर की मार्केट में कई यूरोपीय और एशियाई देशों का विशेष स्थान है, इसके बावजूद विविधता के लिहाज़ से कोई भी ईरान के समान नहीं है। पत्थरों के रंग, गुणवत्ता और डिज़ाइन के लिहाज़ से ईरान का विश्व में प्रथम स्थान है।
ईरान की खदानों में 100 प्रकार से अधिक पत्थर पाए जाते हैं। इसी प्रकार, ईरान में क़रीब 1300 पत्थर की खदानें पाई जाती हैं। पांच हज़ार से अधिक पत्थर कटिंग के कारख़ाने और उससे संबंधित कार्यों के 600 कारख़ाने मौजूद हैं। यही कारण है कि ईरान डेकोरेशन के पत्थरों के उत्पादन में विश्व में प्रथम 7 देशों में शामिल है। ईरान के कई प्रांतों जैसे कि इस्फ़हान, यज़्द, किरमान, ख़ुरासाने रज़वी और दक्षिणी ख़ुरासान, फ़ार्स, कुर्दिस्तान, पूर्वी और पश्चिमी आज़रबाइजान और लोरिस्तान में पत्थरों की खदाने पाई जाती हैं।
पत्थर की गुणवत्ता और सुन्दरता काफ़ी महत्वपूर्ण होती है। पत्थर ऐसा होना चाहिए जो वातावरण की रासायनिक एवं भौतिक पस्थितियों को सहन कर सके और धूप, हवा, बर्फ़ और तापमान के वरिवर्तन को झेल सके। एक अच्छे पत्थर में स्क्रेच, धारियां और कच्चापन नहीं होता है, उसका रंग एक समान होता है। पत्थर के खदान से निकालने से इस्तेमान तक कई चरण होते हैं, उसे खदानों से निकाला जाता है, ढोया जाता है और उसकी कटिंग और पॉलिश की जाती है। खदानों से निकलने वाले बड़े पत्थरों पर होने वाले काम के दृष्टिगत, उनका इस्तेमाल होता है। खदानों से निकलने वाले उस पत्थर को कि जिसे कोई विशेष रूप नहीं दिया जाता है, बुनियादी ढांचा तैयार करने और पत्थरों के बीच के फ़ासले को भरने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
इसके बाद वाले चरण में पत्थर की कटिंग में अगर क़रीना पाया जाता है तो उन्हें फ़र्श और तालिका बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। मेलोन स्टोन वह पत्थर है, जिसे कटिंग द्वारा एक समान बनाया जाता है और उसकी एक साइड चिकनी होती है। इस पत्थर को टनल बनाने, पुल बनाने, तालिका बनाने, फ़र्श बनाने और ज़ीना बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। इमारतों के अन्दर और बाहर डेकोरेशन के लिए इस्तेमाल होने वाले पत्थरों की विभिन्न साइज़ों में कटिंग की जाती है, उसके बाद उसकी अच्छी तरह से घिसाई की जाती है। डेकोरेशन में इस्तेमाल होने वाले सस्ते पत्थर ट्रेवर्टन और महंगे पत्थर ग्रेनाइट और मरमर होते हैं। इन पत्थरों को गुलदान और शमादान बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।

पत्थरों की पहचान विभिन्न प्रकार से होती है। इसीलिए विभिन्न उद्देश्यों के लिए बनाई जाने वाली इमारतों में हर प्रकार के पत्थरों का प्रयोग नहीं किया जा सकता है। उदाहरण स्वरूप, ग्रेनाइट ऐसा पत्थर है जो बहुत मज़बूत और हार्ड होता है, उसकी उम्र अधिक होती है और उसकी सतह को पारदर्शी बनाया जा सकता है। ग्रेनाइट के टुकड़ों को कंक्रीट तैयार करने और सड़कों की बुनियाद भरने और ग्रेनाइट पत्थर को यादगारी इमारतों के लिए, इमारतों की बुनियाद में और इमारतों को अन्दर और बाहर से सजाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इमारतों में इस्तेमाल होने वाले ग्रेनाइट में ब्लैक ग्रेनाइट का नाम लिया जा सकता है। यज़्द प्रांत की खदान में लगभग 28 प्रकार के ग्रेनाइट पत्थर पाए जाते हैं।
ट्रेवर्टन पत्थर, सेडिमेंटरी और सजावटी पत्थरों में से होता है, जो गर्म पानी के सोतों की प्रक्रिया के स्वरूप बनता है। यह विभिन्न रंगों जैसे कि सफ़ेद, क्रीम और ग्रे कलर में होता है। ट्रेवर्टन को इमारत के भीतरी और बाहरी भाग की डेकोरेशन के लिए इस्तेमाल किया जाता है। तेहरान, इस्फ़हान, पूर्वी आज़रबाइजान और फ़ार्स प्रांतों में इस पत्थर की खदाने हैं। लाल ट्रेवर्टन कम मात्रा में पाया जाता है। पूर्वी आज़रबाइजान का आज़र शहर लाल ट्रेवर्टन के कारण, पूरे विश्व में मशहूर है। विश्व में लाल पत्थर की एकमात्र खदान इस शहर की सरदारआबाद खदान है।
रूपांतरित पत्थरों में से संगे मरमर की ओर संकेत किया जा सकता है। संगे मरमर को इमारतों को सजाने, फ़र्श व दीवारों के निर्माम और कलात्मक कार्यों में इस्तेमाल किया जाता है। शुद्ध संगे मरमर सफ़ेद रंग का होता है। संगे मरमर की बेहतरीन खदाने ईरान और इटली में पाई जाती हैं, रंगों की विविधता के लिहाज़ से ईरान के संगे मरमर को वरीयता हासिल है। संगे मरमर के विभिन्न रंग होते हैं, जैसे कि लाल, गुलाबी, बैंगनी, पीला, भूरा, नीला और कुछ का मिक्स कलर होता है। किरमान प्रांत का हरा संगे मरमर ईरान में सबसे सुन्दर और मज़बूत पत्थर है। यह पत्थर अपनी सुन्दरता के दृष्टिगत, ईमान, शांति, स्वास्थ्य और जीवन का प्रतीक है। इसे आम तौर पर पवित्र धार्मिक स्थानों के निर्माण में इस्तेमाल किया जाता है। ईरान के संगे मरमर की बेहतरीन खदानें, किरमान के रुस्तम गांव और कुर्दिस्तान प्रांत के क़रवा शहर में स्थित हैं।
ईरान से पत्थरों को यूरोपीय और एशियाई देशों को निर्यात किया जाता है। इटली और तुर्की जैसे कुछ देश ईरान के कच्चे पत्थर को प्रोसेस्ड करके अपने नाम से बाज़ार में बेचते हैं। हालिया वर्षों में आधुनिक तकनीक और आधुनिक शैली का प्रयोग करके, जैसे कि कटिंग के उपकरणों के इस्तेमाल से ईरान ने इस क्षेत्र में अपनी योग्यताओं में वृद्धि की है। 2016 में रूस में आयोजित होने वाली पत्थरों की अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी में ईरान के पत्थर उद्योग को पत्थर के विशिष्ट उद्योगों में शामिल किया गया। पत्थर के उद्योग से जुड़ी हुई ईरानी कंपनियों ने इस प्रदर्शनी में पहली बार भाग लेकर अपनी विशेष पहचान बनाई। इस प्रदर्शनी के डायरेक्टर ने विश्व बाज़ार में अपना विशेष स्थान बनाने के लिए ईरानी कंपनियों की प्रशंसा करते हुए कहा, ईरानी कंपनियों के स्टालों में सुन्दर और उच्च गुणवत्ता वाले पत्थर के नमूनों ने प्रदर्शनी में आने वालों का दिल जीत लिया।