ईरानी बाज़ार -22
ईरान से निर्यात होने वाली चीज़ों में से एक डिटर्जेंट और स्वास्थ्य पदार्थ हैं।
जैसा कि आप जानते हैं कि आज दुनिया में मेडिसिन और स्वास्थ्य पदार्थों के उद्योग का काफ़ी महत्व है और सैन्य उपकरणों की भांति इन्हें रणनीतिक उद्योगों में गिना जाता है। इनमें डिटर्जेंट, स्वास्थ्य, मेकअप, मेडिसिन, खाद्य और पेयजल पदार्थ शामिल हैं।
आज किसी भी देश के विकास में स्वास्थ्य मानकों की अहम भूमिका होती है। इसी के साथ डिटर्जेंट पदार्थ स्वास्थ्य और लोगों के जीवन के स्तर को ऊपर उठाने में प्रभावी होते हैं। डिटर्जेंट पदार्थों से तात्पर्य वह पदार्थ हैं, जो चर्बी और अन्य धब्बों को कपड़ों और शरीर से साफ़ कर देते हैं। डिटर्जेंट का दो भागों साबुन और ग़ैर साबुन में बांटा जा सकता है। साबुन वाले पदार्थों का इतिहास प्राचीन मिस्र से जाकर मिलता है। ग़ैर साबुन पदार्थ वह पदार्थ हैं जिनका इस्तेमाल हालिया कुछ शताब्दियों से शुरू हुआ है।

व्यक्तिगत स्वास्थ्य मानकों के पालन का इतिहास उस समय से जुड़ता है, जब इंसान ने इस बात को समझ लिया था कि हाथों और शरीर की गंदगी और बीमारियों के बीच एक संबंध है। इसके लिए इंसान ने सबसे पहले गर्म पानी का इस्तेमाल शुरू किया। 2500 से 476 ईसा पूर्व तक स्नान करने और कपड़ों के धोने का प्रचलन था। उस समय पहली बार सरफ़ेस एक्टिव सबस्टैंस को सफ़ाई के लिए इस्तेमाल किया गया। सार्वजनिक ग़ुसलख़ानों के निर्माण पर ध्यान दिया गया। सफ़ाई के लिए सबसे पहले जिस पदार्थ का उत्पादन किया गया वह साबुन है। हज़ारों साल तक यह सफ़ाई के लिए इस्तेमाल होने वाला एकमात्र पदार्थ था। समय बीतने के साथ साथ इसमें बदलाव होता गया और यह विकसित होता रहा।
कुछ ऐतिहासिक प्रमाणों से पता चलता है कि सोप या साबुन शब्द, रूम की एक चोटी के प्राचीन नाम से लिया गया है। इस जगह पर जानवरों की बलि दी जाती थी और उनके शवों को जला दिया जाता था। धीरे धीरे वहां मौजूद जानवरों की चर्बी और राख बारिश के पानी से टीबर नदी में जाकर गिरती थी। उस इलाक़े के लोगों का मानना था कि इस नदी की मिट्टी या कीचड़ सफ़ाई के लिए उपयुक्त है। इसीलिए वे कपड़ों और शरीर को धोने के लिए उसका इस्तेमाल किया करते थे। उसके बाद वनस्पतियों की क्षारीय राख से साबुन का उत्पादन किया गया। इसके लिए अधिकांश भूमध्य पौधों का इस्तेमाल किया जाता था। कुछ देशों में जैसे कि इटली, स्पेन और दक्षिण फ़्रांस में साबुन बनाने के लिए वनस्पति तेल विशेष रूप से ज़ैतून के तेल का प्रयोग किया जाता था। हालांकि उत्तरी यूरोप में साबुन के उत्पादन के लिए ज़्यादातर जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया जाता था। वनस्पति तेल से बनने वाले साबुनों की गुणवत्ता जानवरों की चर्बी से बनने वाले साबुनों से बेहतर होती थी। समय गुज़रने के साथ ही साबुन का उत्पादन करने वालों ने उसमें ख़ुशबूओं का इस्तेमाल करके उनके आकर्षक को बढ़ा दिया।

पिछली कुछ शताब्दियों के दौरान, औद्योगिक विकास के कारण, साबुन के उत्पादन में भी बड़ा परिवर्तन हुआ। बड़ी मात्रा में साबुन के उत्पादन ने इसे लक्ज़री और क़ीमती चीज़ों से बाहर निकाल कर लोगों के जीवन का एक भाग बना दिया। सिन्थेटिक शैली में उत्पादित किए जाने वाले डिटर्जेंटों को विभिन्न ब्रांडों के रूप में बाज़ार में उतारा जा रहा है। इस प्रकार से कि आज साबुन का व्यक्तिगत साफ़ सफ़ाई और घरों को स्वच्छ रखने के लिए सीमित रूप से इस्तेमाल किया जा रहा है। वर्तमान समय में कुछ देशों में 80 प्रतिशत डिटर्जेंट, सिन्थैटिक हैं। इनका उत्पादन विशेष कारणों से किया जाता है। इनमें से कुछ को घरों की सतह और चीज़ों के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जैसे कि ग्लास वाशर, डिटर्जेंट पॉवडर, लिक्विड डिटर्जेंट इत्यादि। लेकिन उनमें से कुछ को व्यक्तिगत साफ़ सफ़ाई के लिए बनाया जाता है, जैसे कि शैम्पू, टूथ पेस्ट और क्रीम।
ईरान, इलाक़े में डिटर्जेंट पदार्थों के उत्पादन का केन्द्र है। ईरान में डिटर्जेंट, मेकअप और स्वास्थ्य संबंधित पदार्थों के उत्पादन के कई छोटे बड़े कारख़ाने सक्रिय हैं। इस बीच, ईरान में डिटर्जेंट पॉवडर के उत्पादन को प्रमुखता प्राप्त है। ईरान में बड़ी मात्रा में हाइड्रोकार्बन पाया जाता है, जो डिटर्जेंट के उत्पादन में अहम भूमिका निभाता है। इस विशेषता ने नॉलेज बेस्ड कंपनियों के लिए उचित वातावरण उत्पन्न किया है।
देश की कुछ नॉलेज बेस्ड कंपनियों ने नैनो टेक्नॉलाजी का प्रयोग करके डिटर्जेंट के उत्पादन में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है। जैसा कि आप जानते हैं, नैनो टेक्नॉलाजी को दो प्रकार से प्रयोग किया जाता है। यह कि नैनो टेक्नॉलाजी के आधार पर उत्पाद तैयार किए जा सकते हैं, या उसके इस्तेमाल से उत्पादों की गुणवत्ता को बेहतर बनाया जा सकता है। नैनो के क्षेत्र में शोध करने वाले शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि कुछ नैनोमुल्सन सफ़ाई के लिए उपयुक्त हैं। इन उत्पादों में अलकोहल इस्तेमाल न होने के कारण, यह सतह को ख़राब नहीं करते हैं, यहां तक कि अलकोहल युक्त उत्पादों से अधिक जल्दी सूख जाते हैं। यह डिटर्जेंट अन्य डिटर्जेंटों के विपरीत एसिड न होने की वजह से सतह को ख़राब नहीं करते हैं।

नैनो टेक्नॉलाजी से बनाए गए डिटर्जेंट, सतह से गंदगी के कणों को साफ़ कर देते हैं और एंटिस्टेटिक विशेषता के कारण, सतह पर ख़ाक के ज़र्रों को जमा नहीं होने देते। नॉलेज बेस्ड कंपनियों के डिटर्जेंट उत्पादों में गाड़ी की बॉडी और इंजन को साफ़ करने वाले उत्पाद, लकड़ी और शीशे को चमकाने वाले उत्पाद, सिलवोसेप्ट उत्पाद और टिशू पेपर्स जैसे उत्पादों की ओर संकेत किया जा सकता है।
कीटाणुशोधनों के क्षेत्र में यह कंपनियां विभिन्न प्रकार के कीटाणुशोधनों के उत्पादन में सफल रही हैं, जिन्हें विभिन्न प्रकार से इस्तेमाल किया जाता है, जैसे कि संवेदनशील चिकित्सा उपकरणों के लिए और सतहों को साफ़ करने के लिए। हालिया वर्षों में ईरान में लाखों टन डिटर्जेंट उत्पाद तैयार हुए हैं। इसके बावजूद कि दृष्टिगत कि ईरान में डिटर्जेंट के इस्तेमाल का अनुपात विश्व के अन्य देशों की तुलना में अधिक है, घरेलू ज़रूरत का 98 प्रतिशत डिटर्जेंट उत्पाद देश में ही तैयार किया जाता है।

ईरान में डिटर्जेंट उत्पादों की अधिक क्षमता के कारण, यह उत्पाद पड़ोसी देशों जैसे कि इराक़, अफ़ग़ानिस्तान, पाकिस्तान, मध्य एशियाई देश और फ़ार्स खाड़ी के देशों को निर्यात किया जाता है। इस संदर्भ में वाशिंग पॉवडर, कीटाणुशोधन पदार्थ, शैम्पू, लिक्विड पदार्थ, घरों की सफ़ाई करने वाले पदार्थ, क्रीम और टूथ पेस्ट की ओर संकेत किया जा सकता है। इस क्षेत्र में सक्रिय ईरानी कंपनियां, अनुभवी विशेषज्ञों की सेवाएं हासिल करती हैं और आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल करती हैं। इसी कारण उनमें घरेलू बाज़ार की ज़रूरतों की आपूर्ति की क्षमता है और इसके अलावा क्षेत्रीय देशों में भी बड़े पैमाने पर निर्यात कर रही हैं।
