ख़लीफ़ये क़ुल्लाबी-8
हमने बताया था कि एक रात हारून रशीद ने अपने वज़ीर जाफ़र बरमकी और मसरूर शमशीरज़न के साथ भेस बदलकर शहर में निकलने का इरादा किया ताकि लोगों के हालात से अवगत हो सके।
हमने बताया था कि एक रात हारून रशीद ने अपने वज़ीर जाफ़र बरमकी और मसरूर शमशीरज़न के साथ भेस बदलकर शहर में निकलने का इरादा किया ताकि लोगों के हालात से अवगत हो सके। जब वे दजला नदी पर पहुंचे तो उन्हें एक नक़ली ख़लीफ़ा के बारे में पता चला। हारून रशीद ने जब नक़ली ख़लीफ़ा को देखा तो उसकी नाव का पीछा किया और उसके ठिकाने तक पहुंच गया। हारून रशीद और उसके साथियों को वहां मौजूद संतरियों ने गिरफ़्तार कर लिया। जब उनसे उनके बारे में पूछा गया तो उन्होंने ख़ुद को व्यापारी बताया। नक़ली ख़लीफ़ा उन्हें अपने साथ महल में ले गया। उसने शाही दस्तरख़्वान लगाने का आदेश दिया। भोजन के बाद, संगीत का दौर चला। नक़ली ख़लीफ़ा संगीत की महफ़िल के बीच, कई बार मस्त हुआ और उसने अपने कपड़े फाड़ लिए। उसके सेवक हर बार उसे नए वस्त्र पहना दिया करते थे। हारून रशीद ने एक बार फटे हुए वस्त्रों से उसके शरीर पर कोड़ों के निशान देख लिए और यह बात जाफ़र बरमकी को बताई। नक़ली ख़लीफ़ा ने उन्हें काना-फूसी करते हुए देख लिया और इसका कारण पूछा। जाफ़र बरमकी ने उससे कोड़ों के घावों का कारण पूछा। नक़ली ख़लीफ़ा ने ख़लीफ़ा हारून रशीद और उसके साथियों से कहा कि उसने उन्हें पहचान लिया है। उसके बाद उसने अपनी आपबीती बताई कि पिता की मौत के बाद, उसने उनके सुनार के व्यवसाय को आगे बढ़ाया। एक दिन जाफ़र मक्की की बहन दुनिया दुकान पर आई और उसने एक सुन्दर हार और क़ीमती पत्थर दिखाने को कहा। उसने उसकी क़ीमत चुकाने के लिए युवक से अपने घर चलने के लिए कहा, घर पहुंचकर उसने युवक को विवाह का प्रस्ताव दिया और वे विवाह के बंधन में बंध गए।
धीरे धीरे समय बीतता रहा, एक दिन जब दुनिया घर में नहीं थी, वह घर से बाहर जाता है और धोखा देने के आरोप में दुनिया उसकी गर्दन मारने का आदेश जारी कर देती है। लेकिन सेवकों की ओर से क्षमा की गुहार के बाद वह उसे छोड़ देती है। वह अपना सब घरबार बेचकर ग़ुलाम और सेवक ख़रीदता है और एक भव्य महल का निर्माण करता है। इसलिए कि दुनिया से जुदा होने के बाद, वह भी बड़े लोगों की तरह शान से रहना चाहता था।
हारून रशीद को पूरी कहानी सुनाने के बाद वह रोकर कहता है, लेकिन इस सबके बावूद वह अपनी पत्नी दुनिया को नहीं भुला सका है और अब भी उसे चाहता है।
हारून रशीद ने जब जाफ़र बरमकी की बहन के प्रति उसका इतना प्रेम और मोहब्बत देखी तो उसकी ओर देखकर कहा, हे भले युवा, मैं समझ गया हूं कि तेरी कोई ग़लती नहीं थी। मैं ख़ुदा से दुआ करता हूं कि वह कुछ ऐसा करे जिससे तेरा यह दुख दर्द ख़त्म हो जाए। उस रात हारून रशीद यह कहकर अपने वज़ीर और शमशीरज़न के साथ अपने महल वापस लौट गया। दूसरे दिन उसने फिर से ख़िलाफ़त के वस्त्र धारण किए और सिंहासन पर बैठ गया। उसके बाद, अपने वज़ीर को बुलाकर उससे कहा, जाफ़र जाओ और उस नक़ली ख़लीफ़ा को यहां लेकर आओ। वज़ीर ने आदेश का पालन किया और तुरंत वहां से चल पड़ा। जब वह उस युवक के महल में पहुंचा तो उससे कहा, जल्दी चलो हारून रशीद ने तुम्हें तलब किया है। उस युवक ने सोचा कि ख़लीफ़ा उसे सज़ा देना चाहता है, उसने मन ही मन में कहा, इस बार अगर मुझे सज़ा मिलेगी तो इसमें कुछ ग़लत नहीं होगा। इसलिए कि एक साल तक दजला में ख़ुद को हारून रशीद के रूप में पेश करत रहा हूं और लोगों को डराता रहा हूं। वह इसी चिंता में वज़ीर के साथ हारून रशीद के सामने हाज़िर हो गया। वहां पहुंचकर उसने बहुत ही सम्मान के साथ कहा धन्य हो ख़लीफ़ा। ख़लीफ़ा मुस्कराया और कहा, आओ और मेरे पास आकर बैठो और एक बार फिर अपनी दास्तान मुझे सुनाओ, इसलिए कि वह बहुत ही आश्चर्यजनक और सुनने योग्य है। युवक ने कहा, हे स्वामी जो कार्य मैंने किए हैं, सज़ा के डर से मेरी ज़बान बंद हो गई है और मुझसे बोला नहीं जा रहा है।
ख़लीफ़ा ने कहा, शांत रह मैंने तुझे माफ़ कर दिया है। इसलिए कि मुझे पता है कि जो कुछ तुमने किया है वह अपनी पत्नी की जुदाई के ग़म में किया है। युवा शांत हो गया और फिर से उसने हारून रशीद को अपनी आपबीती सुनाई। उसके बाद हारून रशीद ने उसकी ओर देखकर कहा, क्या अभी भी तुम अपनी पत्नी दुनिया के साथ रहना चाहते हो? उसने उत्तर दिया, अगर ऐसा संभव होगा तो मैं दिलो जान से इसे स्वीकार करूंगा। उसके बाद ख़लीफ़ा ने अपने वज़ीर जाफ़र बरमकी से कहा, जाओ और अपनी बहन को यहां लेकर आओ। वज़ीर गया और एक घंटे बाद अपनी बहन के साथ वापस लौटा। दोनों ने ख़लीफ़ा का सम्मान किया। हारून रशीद ने दुनिया से पूछा, क्या इस व्यक्ति को पहचानती हो। वज़ीर की बहन ने शुरू में इनकार किया और कहा मैंने अपनी उम्र में कुछ ही पुरुषों को देखा है, जिन्हें मैं जानती हूं। हारून रशीद ने कहा, हे सज्जन महिला, यह पुरुष तुम्हारा पति है जिसे तुमने कोड़े मारे थे और घर से बाहर निकाल दिया था। मुझे और तुम्हारे भाई को जो कुछ तुम्हारे बीच हुआ है पता चल गया है और हम जानते हैं कि उसकी कोई ग़लती नहीं है। दुनिया ने कहा, हे स्वामी, जो कुछ हमारे बीच था, अब वह बीत चुका है, मैं ईश्वर से माफ़ी चाहती हूं। हारून रशीद ने कहा, मैं जानता हूं कि तुम दोनों अभी भी एक दूसरे से मोहब्बत करते हो, इसलिए इससे अधिक एक दूसरे को दुख नहीं पहुंचाओ। मैं चाहता हूं तुम दोनों पुनः नई ज़िंदगी शुरू करो। क्या तुम तैयार हो? दुनिया ने जिसके दिल में अभी भी उस युवक के लिए जगह थी, स्वीकार कर लिया। उसके बाद से वे दोनों ख़ुशी ख़ुशी साथ रहने लगे।