Pars Today
हमने बताया कि एक रात ख़लीफ़ा हारून रशीद अपने मंत्री जाफ़र बरमकी के साथ भेस बदल कर बग़दाद में घूम रहा था कि उसका सामना एक बूढ़े मछुआरे से हुआ। उसे उस दिन एक भी मछली नहीं मिली थी।
हमने बताया था कि ख़लीफ़ा हारून रशीद अपने मंत्री जाफ़र बरमकी के साथ बदले हुए भेष में बग़दाद शहर में टहल रहा था कि उसे बूढ़ा मछुआरा नज़र आया जिसे उस दिन कोई मछली नहीं मिल पायी थी।
एक रात ख़लीफ़ा हारून ने अपने वज़ीर जाफ़र बरमकी से कहा कि मैं चाहता हूं कि आज रात शहर में चक्कर लगाऊं और देखूं कि हमारे कमांडर और कर्मचारी किस तरह सेवा कर रहे हैं।
हमने बताया था कि एक रात हारून रशीद ने अपने वज़ीर जाफ़र बरमकी और मसरूर शमशीरज़न के साथ भेस बदलकर शहर में निकलने का इरादा किया ताकि लोगों के हालात से अवगत हो सके।
हमने बताया था कि एक रात हारून रशीद ने अपने वज़ीर जाफ़र बरमक्की और मसरूर शमशीरज़न के साथ भेस बदलकर शहर में निकलने का इरादा किया ताकि लोगों के हालात से अवगत हो सके।
हमने पिछले कार्यक्रम में बताया कि हारून रशीद ने एक दिन अपने वज़ीर जाफ़र बरमकी के साथ भेस बदल कर नगर घूमने का निर्णय किया ताकि लोगों की स्थिति से अवगत हो सके।
एक रात को हारून रशीद ने अपने मंत्री जाफर बरमकी को बुलाया और उससे कहा जाफर आज रात मैं थका हूं और मैं महल से बाहर चलना चाहता हूं और बग़दाद की गलियों में टहलना चाहता हूं।
हमने कहा था कि एक रात को हारून रशीद ने अपने वज़ीर जाफ़र बरमकी के साथ भेस बदलकर शहर घुमने का फैसला किया।