Dec ०४, २०१७ १७:०१ Asia/Kolkata

“अंकल टाम्स केबिन” नाम का उपन्यास सन 1852 में प्रकाशित हुआ। 

इस उपन्यास ने अमरीका में चल रहे गृहयुद्धों के साथ ही साथ अफ्रीकी मूल के अमरीकियों और दास प्रथा जैसे विषयों को बहुत प्रभावित किया।  कहा जाता है कि यह उपन्यास 19वीं शताब्दी में सर्वाधिक बिकनेवाला उपन्यास था।  केवल अमरीका के भीतर ही इसकी तीन लाख प्रतियां बिकी थीं।  अमरीका के तत्कालीन राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने हैरिट बीचर स्टोव के साथ भेंट में कहा था कि आप वही महिला हैं जिनके कारण अमरीका को बहुत बड़ा गृहयुद्ध देखना पड़ा।  अंकल टॉम्स केबिन नाम के उपन्यास को पढ़ने के बाद रूस के विश्वविख्यात लेखक टालस्टाय ने कहा था कि यह उपन्यास, मानव सोच की अति महत्वपूर्ण उपलब्धि है।  अमरीका में गृहयुद्ध, “अंकल टाम्स केबिन” उपन्यास के प्रकाशन के दस वर्षों के बाद आरंभ हुआ जो दास प्रथा के अंत की भूमिका था।  इसके बावजूद बहुत से लोगों का यह मानना है कि “अंकल टॉम्स केबिन” उपन्यास, साहित्य की दुनिया में अलग स्थान रखता है।  “अंकल टाम्स केबिन” नामक फ़िल्म, अश्वेत दासों पर गोरे ज़मीदारों के अत्याचारों को दर्शाती है।  फ़िल्म में किसी सीमा तक अति से बचा गया है जैसा कि सामान्यतः आम फ़िल्मों में नहीं होता।  इस फ़िल्म में काफी हदतक काले दासों के जीवन का चित्रण किया गया है।

 

इससे पहले हेरी ए पोलार्ड, एडविन एस पोर्टस, जे. सिरेली डाउली ने भी अंकल टाम्स केबिन उपन्यास के आधार पर अल्पकालीन फ़िल्में बनाईं।  क्योंकि इनकी समय अवधि कम है इसलिए समीक्षा गहराई से नहीं की जा सकती।  हैरी ए पोलार्ड ने सन 1927 में अंकल टाम्स केबिन नामक जो फ़िल्म बनाई वह लगभग तीन घण्टों की थी।  इस लंबी फ़िल्म को देखकर उचित ढंग से इसकी समीक्षा की जा सकती है।  आलोचकों का कहना है कि यह फ़िल्म पूरे तरीक़े से उस उपन्यास पर आधारित नहीं है जिसपर इसे बनाया गया है।  इसमें कुछ चीज़ों को घटाया और कुछ को बढ़ाया भी गया है।  दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि “अंकल टाम्स केबिन” की समीक्षा कला की तुलना में सामाजिक, एतिहासिक और राजनैतिक दृष्टि से अधिक महत्वपूर्ण है।

टॉम के परिवार के अतिरिक्त जार्ज हैरिस का परिवार अर्थात उसकी पत्नी एलीसा और उनकी एकमात्र संतान हेनरी भी शेलबी नामक ज़मींदार के फार्म में रहते हैं।  कुछ वर्षों के बाद शेलबी ने क़र्ज़ अदा न करने के कारण टाम, हेनरी और उसके बेटे एलिस को हेली नामक ज़मींदार को बेच दिया।  एलिस को हेनरी से बहुत लगाव था।  उसने एक जाड़ों की एक ठंडी रात में अपने बेटे को गोद में लिया और बड़ी मुश्किल से भागकर मार्केस के फार्म पहुंचती है।  वहां पर मार्कस अपने एक दोस्त और पुलिस वालों की सहायता से एलिस और उसके पुत्र को ती हज़ार डालर में लेमोएल नामक एक व्यक्ति को बेच देता है।  बाद में जार्ज हेनरी, लेमोएल प्राक्टर के रहने के स्थान का पता लगाकर हेनरी के बेटे को वहां से भगा देते हैं।

हेली अब एलिसा और हैनरी की ओर से निराश हो जाता है।  वह अंकल टाम को परिवार और शेलबी फार्म से अलग कर देता है तथा किनाव पर सवार होकर न्यू-ऑर्लियन भेज देता है।  टाम, किनाव में ((( हेली इस बात से अब निरश हो चुका था कि एलिज़ा और हेनरी उसे फिर कभी मिल सकेंगे।  वह अंकल टाम को जबरदस्ती उनके परिवार और शेल्बी फार्म से अलग करके न्यू ऑर्लियन भेज देता है।  अंकल टॉम जिस किनाव पर सवार हो कर न्यूऑर्लियन जाते हैं उसपर वे इवासन क्लार्क नामकी एक छोटी सी बच्ची से अवगत होते हैं।  अंकल टॉम के अच्छे व्यवहार के कारण यह छोटी बच्ची उनसे बहुत प्रभावित होती है।  इवासन क्लार्क अपने पिता सेन क्लार से कहती है कि वे अंकल टॉम को हैरी से ख़रीद लें।  इवासन के पिता सेन क्लार बहुत पैसे वाले होते हैं।   अपनी बेटी इवासन क्लार्क की बात मानकर सेन क्लार, अंकट टॉम को हैली से ख़रीद लेते हैं।  इस प्रकार अंकल टॉम की एक नई ज़िदगी आरंभ होती है।

कुछ समय के बाद अंकल टॉम को अपने पिता की तरह मानने वाली इवासन क्लार्क की मृत्यु हो जाती है।  इस प्रकार से अंकल टॉम के दुखों का एक नया युग आरंभ होता है।  अपनी मौत से पहले इवासन अपने धनवार पिता से अनुरोध करती है कि वे सारे ग़ुलामों को आज़ाद कर दें।  उसकी यह इच्छा इसलिए पूरी नहीं हो पाती क्योंकि इवासन की मौत के कुछ ही दिनों के बाद उसके पिता की भी मृत्यु हो जाती है।  इवासन की मां, अपने ग़ुलामों को आज़ाद करने के बजाए उन्हें ग़ुलामों के बाज़ार में ले जाकर बेच देती है।  इवासन की मां, अंकल टाम को सेमून लगरी नामके एक शराबी और दुष्ट व्यक्ति के हाथ बेचती है।  दुष्ट सेमून लगरी ग़ुलामों के बाज़ार से एलीज़ा को उसकी सुन्दरता के कारण ख़रीदता है।

 

लेगरी के फार्म में अंकल टॉम, एक ग़ुलाम महिला से परिचित होते हैं जिसका नाम केसी होता है।  अन्य दासों की तुलना में केसी अलग प्रकार की महिला है।  अंकल टॉम के साथ बातचीत से केसी यह समझ जाती है कि एलीज़ा उसी की बेटी है।  केसी और एलीज़ा, फार्म हाउस से भाग जाने की योजना बनाते हैं।  वे फार्म हाउस के गोदाम में छिप जाते हैं।  दुष्ट सेमून लगरी यह समझता है कि अंकल टाम ने ही इन दोनों को फार्म हाउस से भगाया है।  इस बात से क्रोधित होकर दुष्ट सेमून, अपने दो काले दरबानों की मदद से अंकल टाम की बुरी तरह से पिटाई करता है।  बहुत अधिक पिटाई के कारण अंकल टाम की मृत्यु हो जाती है।  अंकल टाम तो मर जाते हैं किंतु उनकी आत्मा सेमून के हाथों केसी और एलीज़ा को परेशान नहीं होने देती।  बाद में यह होता है कि अंकल टॉम की आत्मा, लेगरी को उसीके फार्म हाउस के बाहर फेक देती है जिसके कारण शराबी सेमून लगरी मर जाता है।  दूसरी ओर जार्ज शेल्बी जो अंकल टॉम का पहला मालिक होता है पैसों का इन्तेज़ाम करके जार्ज हैरिस और हैनरी के साथ टॉम को लेगरी से ख़रीदने के लिए आता है।  लेकिन अब देर हो चुकी होती है और लंबे समय तक दुख-दर्र सहन करने के बाद अंकल टॉम, इस दुनिया से जा चुके होते हैं।  हालांकि एलीज़ा को उसके पति जार्ज हेरिस और बच्चे मिल जाते हैं।

फिल्म के इस सीन में टाम की विदाई को दिखाया गया हैं  इस सीन में दिखाया जा रहा है कि एक जाड़े की रात है।  शेल्बी के फार्म हाउस में टॉम के परिवार के सदस्य और अन्य ग़ुलाम उनको घेरे हुए खड़े हैं।  अपना क़र्ज़ चुकाने के लिए हेली, टाम को शेल्बी को बेच रहा है।  शेल्बी,  अंकल टॉम को अपने साथ ले जाने के लिए एक घोड़ा गाड़ी लाया है।  अब दिखाया जाता है कि शेल्बी पूरी शक्ति से टॉम को घसीटकर उसके परिवार से अलग कर रहा है।  वह उसे घोड़ा गाड़ी पर सवार करना चाहता है। दूसरी ओर शेल्बी को दिया जाता है कि वह बहुत दुखी हालत में अपनी खिड़की से टॉम की जुदाई का दृश्य देख रहा है।  इस घटना पर अफसोस जताने के लिए वह अपना चेहरा नीचे झुका लेता है।  बाद में यह दिखाया जाता है कि टॉम का छोटा बेटा अपनी मां की गोद में रो रहा है।  हैली, अंकल टॉम को पूरी शक्ति से साथ उनके परिवार से अलग करके घोड़ा गाड़ी पर बिठाने का प्रयास कर रहा है।  बाद में वह अंकल टॉम के हाथ को एक दूसरे काले ग़ुलाम के हाथ से रस्सी से बांध देता है।  बाद में टाम को मां की गोद में रोता बिलखता दिखाया जाता है।  अब अंकल टाम को घोड़ा गाड़ी में ज़बरदस्ती बिठाकर ले जाया जा रहा है।  उसके परिवार वाले और दूसरे ग़ुलाम, रोते हुए उसे विदा कर रहे हैं।

विदाई के इस दृश्य में जो बात ध्यान योग्य है वह यह है कि अंकल टॉम और दूसरे अन्य ग़ुलाम, विदाई के समय किसी भी प्रकार का शारीरिक प्रतिरोध नहीं कर रहे हैं अर्थात वे ज़बरदस्ती टॉम को रोक नहीं रहे हैं।  उनका प्रतिरोध केवल भावनात्मक है।  इससे यह बात समझ  में आती है कि शताब्दियों से गोरे लोगों की ओर से काले ग़ुलामों पर किये जाने वाले अत्याचारों के कारण काले ग़ुलामों ने मन ही मन यह बात स्वीकार कर ली है कि उनको गोरों का विरोध नहीं करना चाहिए।  दूसरे शब्दों में यह कहा जा सकता है कि काले ग़ुलामों में मन में यह बात पूरी तरह से घर कर चुकी है कि उन्हें विरोध करने का कोई अधिकार नहीं है बल्कि उन्हें हर स्थिति में गोरों के अत्याचारों को सहन करना होगा क्योंकि यही उनकी ज़िंदगी है।