क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार- 738
क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार- 738
وَيَوْمَ تَقُومُ السَّاعَةُ يَوْمَئِذٍ يَتَفَرَّقُونَ (14
और जिस दिन प्रलय आ खड़ा होगा उस दिन सभी लोग अलग-अलग हो जाएँगे। (30:14)
فَأَمَّا الَّذِينَ آَمَنُوا وَعَمِلُوا الصَّالِحَاتِ فَهُمْ فِي رَوْضَةٍ يُحْبَرُونَ (15
तो जो लोग ईमान लाए हैं और जिन्होंने अच्छे कर्म किए हैं, वे (स्वर्ग के) एक बाग़ में प्रसन्नता से रहेंगे। (30:15)
وَأَمَّا الَّذِينَ كَفَرُوا وَكَذَّبُوا بِآَيَاتِنَا وَلِقَاءِ الْآَخِرَةِ فَأُولَئِكَ فِي الْعَذَابِ مُحْضَرُونَ (16)
किन्तु जिन लोगों ने (ईश्वर का) इन्कार किया और हमारी आयतों व प्रलय की मुलाक़ात को झुठलाया है तो वे दंड में ग्रस्त किए जाएँगे। (30:16)
فَسُبْحَانَ اللَّهِ حِينَ تُمْسُونَ وَحِينَ تُصْبِحُونَ (17)
तो अल्लाह का गुणगान करो जब तुम रात में प्रविष्ट होते हो और जब सुबह करते हो। (30:17)
وَلَهُ الْحَمْدُ فِي السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ وَعَشِيًّا وَحِينَ تُظْهِرُونَ (18)
और आकाशों और धरती में सारी प्रशंसा उसी के लिए विशेष है और इसी तरह (ईश्वर का गुणगान करो) पिछले पहर और जब तुम दोपहर में प्रविष्ट होते हो। (30:18)
يُخْرِجُ الْحَيَّ مِنَ الْمَيِّتِ وَيُخْرِجُ الْمَيِّتَ مِنَ الْحَيِّ وَيُحْيِي الْأَرْضَ بَعْدَ مَوْتِهَا وَكَذَلِكَ تُخْرَجُونَ (19)
वह जीवित को मृत से बाहर निकालता है और मृत को जीवित से, और धरती को उसकी मृत्यु के पश्चात जीवन प्रदान करता है और इसी प्रकार तुम भी (क़ब्रों से) निकाले जाओगे। (30:19)