क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-739
क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-739
وَمِنْ آَيَاتِهِ أَنْ خَلَقَكُمْ مِنْ تُرَابٍ ثُمَّ إِذَا أَنْتُمْ بَشَرٌ تَنْتَشِرُونَ (20)
और उसकी (शक्ति की) निशानियों में से यह है कि उसने तुम्हें (निर्जीव) मिट्टी से पैदा किया। फिर तुम मनुष्य (के रूप में धरती में) फैल गए। (30:20)
وَمِنْ آَيَاتِهِ أَنْ خَلَقَ لَكُمْ مِنْ أَنْفُسِكُمْ أَزْوَاجًا لِتَسْكُنُوا إِلَيْهَا وَجَعَلَ بَيْنَكُمْ مَوَدَّةً وَرَحْمَةً إِنَّ فِي ذَلِكَ لَآَيَاتٍ لِقَوْمٍ يَتَفَكَّرُونَ (21)
और यह भी उसकी निशानियों में से है कि उसने तुम्हारी ही जाति से तुम्हारे लिए जोड़े पैदा किए ताकि तुम उनके पास शान्ति प्राप्त कर सको। और उसने तुम्हारे बीच प्रेम और दयालुता पैदा की और निश्चय ही इसमें उन लोगों के लिए बहुत सी निशानियाँ है जो सोच-विचार करते हैं। (30:21)
وَمِنْ آَيَاتِهِ خَلْقُ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ وَاخْتِلَافُ أَلْسِنَتِكُمْ وَأَلْوَانِكُمْ إِنَّ فِي ذَلِكَ لَآَيَاتٍ لِلْعَالِمِينَ (22)
और उसकी निशानियों में से आकाशों और धरती की रचना और तुम्हारी भाषाओं और तुम्हारे रंगों की विविधता है। निःसंदेह इसमें ज्ञानियों के लिए निशानियाँ हैं। (30:22)