क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-741
क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-741
وَهُوَ الَّذِي يَبْدَأُ الْخَلْقَ ثُمَّ يُعِيدُهُ وَهُوَ أَهْوَنُ عَلَيْهِ وَلَهُ الْمَثَلُ الْأَعْلَى فِي السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ وَهُوَ الْعَزِيزُ الْحَكِيمُ (27)
और वही है जो सृष्टि का आरंभ करता है, फिर वही उसे लौटाएगा और उसकी पुनरावृत्ति करेगा। और यह काम उसके लिए अधिक सरल है। आकाशों और धरती में उसी के गुण सर्वोच्च हैं और वह अत्यन्त प्रभुत्वशाली व तत्वदर्शी है। (30:27)
ضَرَبَ لَكُمْ مَثَلًا مِنْ أَنْفُسِكُمْ هَلْ لَكُمْ مِنْ مَا مَلَكَتْ أَيْمَانُكُمْ مِنْ شُرَكَاءَ فِي مَا رَزَقْنَاكُمْ فَأَنْتُمْ فِيهِ سَوَاءٌ تَخَافُونَهُمْ كَخِيفَتِكُمْ أَنْفُسَكُمْ كَذَلِكَ نُفَصِّلُ الْآَيَاتِ لِقَوْمٍ يَعْقِلُونَ (28)
ईश्वर ने तुम्हारे लिए स्वयं तुम्हीं में से एक मिसाल पेश की है। हमने तुम्हें जो रोज़ी दी है, क्या उसमें तुम्हारे दासों में से कुछ तुम्हारे साझीदार हैं कि तुम सब उसमें समान हो? जैसे तुम एक दूसरे से (और अपने सहभागियों से) डरते हो क्या उनसे भी उसी तरह डरते हो? इस प्रकार हम उन लोगों के लिए अपनी आयतें विस्तार से बयान करते हैं जो बुद्धि से काम लेते हैं। (30:28)
بَلِ اتَّبَعَ الَّذِينَ ظَلَمُوا أَهْوَاءَهُمْ بِغَيْرِ عِلْمٍ فَمَنْ يَهْدِي مَنْ أَضَلَّ اللَّهُ وَمَا لَهُمْ مِنْ نَاصِرِينَ (29)
हां, जिन लोगों ने अत्याचार किया और बिना ज्ञान के अपनी इच्छाओं का पालन किया तो उसे कौन मार्ग दिखाएगा जिसे ईश्वर ने भटका दिया हो? और ऐसे लोगों का तो कोई सहायक नहीं होगा। (30:29)