Aug १८, २०१९ १३:३३ Asia/Kolkata

काशान नगर ईरान के केन्द्रीय क्षेत्र में स्थित है।

यह नगर उत्तर में ईरान के केन्द्रीय मरूस्थल से, दक्षिण में इस्फ़हान से, पूर्व तथा पूर्वोत्तर में अरदिस्तान और पश्चिम में महल्लात तथा गुलपाएगान से मिला हुआ है।  यह इस्फ़हान नगर से 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।  काशान, ईरान के पठारी क्षेत्र का एक अति प्राचीन नगर है। काशान नगर का एक भाग मरूस्थल में है जबकि इसका दूसरा भाग पर्वतीय क्षेत्र में स्थित है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई लगभग एक हज़ार मीटर है।  मरूस्थल में स्थित होने के कारण काशान में ग्रीष्म ऋतु में जलवायु गर्म रहती है जबकि इसके पर्वतीय क्षेत्र की जलवायु ठंडी और संतुलित रहती है।  काशान के बारे में मशहूर है कि इस नगर का इतिहास सात हज़ार वर्ष पुराना है। हालांकि इस बारे में आधुनिक शोध यह दर्शाते हैं कि इसकी प्राचीनता लगभग 15000 वर्ष की है जिसका संबन्ध Paleolithic काल से है।

हम ने आपको सुंदर वास्तुकला से संपन्न इमारत ख़ानए तबातबाईहा के बारे में बताया था। आपको यह भी बताया था कि  यह इमारत भी ईरान की अन्य एतिहासिक इमारतों की ही भांति शुद्ध वास्तुकला शैली पर आधारित है जो स्थानीय जलवायु से मेल खाती है। जैसे ही हम इस इमारत में प्रविष्ट होते हैं शीतल हवा, आगंतुक को अपनी ओर खींच लेती है।  इमारत में दाख़िल होते ही नीचे की ओर 20 सीढ़ियां हैं जो घर के सुन्दर आंगन की ओर हमें ले जाती हैं। इस घर का आंगन इतना सुन्दर है जिसे देखकर आदमी मंत्रमुग्ध हो जाए।  आंगन में एक हौज़ है।  इस आंगन के चारों ओर क्यारियां बनी हुई हैं जिनमें सुन्दर फूलों के हरेभरे पेड़ लगे हुए हैं।  यह भव्य इमारत 4700 वर्गमीटर में है जिसके तीन भाग हैं।  इमारत में 40 कमरे, चार प्रांगण और चार सरदाब हैं।  यह इमारत आज से लगभग 175 वर्ष पहले बनाई गई थी जिसमें हवा की निकासी की पारंपरिक शैली प्रयोग की गई है। तबातबाई इमारत को ईरान की राष्ट्रीय धरोहर में शामिल किया जा चुका है।  

     

सपनों का शहर काशान न सिर्फ़ अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए मशहूर है बल्कि यह कला साहित्य का पालना भी रहा है। यह शहर गुलाब के फूलों के लिए भी जाना जाता है। काशान के पर्यटन स्थल पर्यटकों को सम्मोहित करते हैं। 

ईरान भ्रमण के संबंध में एक अहम बिन्दु जिसका उल्लेख ज़रूरी लगता है वह यह है कि आप ईरान के किसी भी शहर का भ्रमण करें तो वहां की मूल्यवान ऐतिहासिक धरोहर में उस शहर के पारंपरिक बाज़ार शामिल हैं। काशान शहर भी इससे अपवाद नहीं है। काशान का विशाल प्राचीन बाज़ार इस शहर के दर्शनीय स्थलों में है। सल्जूक़ी शासन काल के समय से आज तक इस बाज़ार की रौनक़ बाक़ी है। पिछली कुछ शताब्दियों में काशान का भ्रमण करने वाले योरोप के बहुत से मशहूर पर्यटकों ने अपने यात्रा वृत्तांत में काशान के बाज़ार की शान का वर्णन किया है। इस बाज़ार में विभिन्न वस्तुओं की अलग अलग मार्केट और बहुत सी गलियां हैं। इसी तरह इस ऐतिहासिक बाज़ार में मस्जिद, कारवांसराय, पानी के भंडार की विशेष जगह, तीमचे नामक विशेष व्यापारिक प्रतिष्ठान मौजूद हैं। प्राचीन ईरान की मूल्यवान धरोहरों और प्राचीन समय में व्यापारिक मार्गों के निकट स्थित अनेक मूल्यवान इमारतों ने काशान के बाज़ार को ईरान के पारंपरिक बाज़ार के सबसे ज़्यादा रौनक़ वाला बाज़ार बना दिया है। इस बाज़ार में टहलते हुए पर्यटक विभिन्न प्रकार के व्यवसाय से परिचित होते हैं। इसी तरह पर्यटक काशान की सौग़ात के तौर पर हत्सकला उद्योग की वस्तुएं, बाक़लवा, सोहान और तिल के हलवे की मिठाइयां और पूदीना जल, पुसी विलो जल, दारचीनी जल और गुलाब जल ले जा सकते हैं। वैसे काशान की सबसे अहम सौग़ात वहां का क़ालीन है। काशानी पारंपरिक क़ालीन की बुनाई में माहिर होते हें। काशानियों की यह महारत यूनेस्को की अछूती धरोहर में शामिल किया गया है।         

काशान शहर के भीतर तो ऐतिहासिक व प्राकृतिक स्थल बहुत से हैं लेकिन इसके चारों ओर भी इस तरह स्थलों की भरमार है। इनमें से हर एक अपने आकर्षण के लिए जाना जाता है। आरान व बीदगुल, क़ुमसुर, फ़ीन, मशहदे अर्दहाल, नूशाबाद और नयासर काशान शहर के आस-पास के मशहूर पर्यटन स्थल हैं। जहां साल के हर मौसम में सैलानियों का तांता बंधा रहता है। मरुस्थल का भ्रमण करने वालों के बीच काशान बहुत लोकप्रिय है। चूंकि काशान सुदंर मरुस्थलीय दृष्य के निकट है इसलिए मरुस्थल भ्रमण में रुचि रखने वाले काशान को बहुत पसंद करते हैं।

क़मसर न सिर्फ़ काशान बल्कि ईरान के बहुत ही आकर्षक पर्यटन स्थलों में शामिल है। लोग क़ुमसुर को अच्छी ख़ुशबू वाले गुलाब के लिए जानते हें। बसंत के मौसम के बीच में गुलाब के फूलों की क्यारियों से भरा क़मसर स्वर्ग का दृष्य पेश करता है। इस अवसर पूरी दुनिया से पर्यटक इस स्थल को देखने आते हें। गुलाब के फूलों से सजे सुंदर खेत का दृष्य अद्भुत नज़ारा पेश करता है। इसी तरह हर ओर गुलाब के फूलों की ख़ुशबू फैली रहती है। इसी तरह क़मसर में बसंत ऋतु की शुद्ध हवा में सांस लेना और गुलाब जल निकालने की प्रक्रिया को देखना भी रोमांच से ख़ाली नहीं है। जैसे ही पर्यटक क़मसर पहुंचता है उसे जगह जगह गुलाब जल निकालने की प्रक्रिया नज़र आती है और हर ओर वह गुलाब के फूलों की ख़ुशबू सूंघता है। 

अब्याने नामक ऐतिहासिक गांव

काशान के एक अहम व सबसे मशहूर पर्यटन स्थल में शामिल फ़ीन बाग़ व हम्माम है। यह बाग़ व हम्माम इतना अहम है कि यूनेस्को की विश्व धरोहर में इसका नाम शामिल है।

फ़ीन बाग़ व हम्माम काशान शहर से 6 किलोमीटर दूर फ़ीन नामक प्राचीन शहर के क्षेत्रफल में स्थित है। इस सुंदर ईरानी बाग़ को देखकर ईरानी वास्तुकला की शान का पता चलता है कि किस तरह एक मरुस्थलीय क्षेत्र में पानी जेसी नेमत को उसके आस पास के माहौल को सुंदर बनाने के लिए इस्तेमाल करते थे। इस विशाल बाग़ के अद्भुत सौंदर्य का रहस्य सुलैमानिया नामक सोते का वजूद है जिससे बाग़ तरो ताज़ा रहता है और नाना प्रकार की वनस्तपियां और फूल उगते हैं। इस सुंदर प्राकृतिक बाग़ में बहुत से मशहूर बाग़ों की तरह सुंदर इमारते हैं जो वास्तुकला का अद्भुत नज़ारा पेश करती हैं। इन सुंदर इमारतों के साथ साथ चेनार और सनोवर के ऊंचे ऊंचे पेड़ से भी इस बाग़ की शोभा बढ़ गयी है। आले बूये शासन काल में फ़ीन बाग़ का निर्माण हुआ था। लेकिन इस बाग़ की बुनियाद इस्लाम के आगमन से पहले ही पड़ चुकी थी। इस बाग़ का इतिहास सियल्क सभ्यता से जुड़ा है।

फ़ीन बाग़ के बीच में सफ़वी शासन काल का महल बना है। बाद में इस बाग़ में क़ाजारी शासन काल का भी महल बनाया गया।

फ़ीन बाग़ बहुत सी ऐतिहासिक घटनाओं का साक्षी है जिसमें क़ाजारी शासक नासेरुद्दीन शाह के महामंत्री अमीर कबीर की हत्या शामिल है। अमीर कबीर ने ईरान में बहुत से सुधारवादी काम अंजाम दिए थे लेकिन नासेरुद्दीन शाह के आदेश से उन्हें फ़ीन बाग़ में क़त्ल कर दिया गया। हालांकि अमीर कबीर की मौत की कटु याद फ़ीन के हम्माम में जगह जगह नज़र आती है लेकिन साथ ही फ़ीन बाग़ के हम्माम की इमारत को इस इलाक़े की जनता की वास्तुकला का उत्कष्ट नमूना कहा जा सकता है। इस हम्माम में टाइल का काम पर्यटक को सम्मोहित कर लेता है। अमीर कबीर, उनके अंगरक्षक और उनके क़ातिल की मूर्तियां इस हम्माम में मौजूद हैं। इसी तरह इस हम्माम में क़त्ल के दृष्य का चित्रण किया गया है। 

काशान का सफ़र अब्याने नामक ऐतिहासिक गांव के दर्शन के बिना अधूरा है। यह गांव कर्कस नामक पहाड़ के दामन में स्थित है। अब्याने गांव को देखने के लिए काशान से लगभग 83 किलोमीटर दूर होना पड़ता है। नतन्ज़ से 35 किलोमीटर पश्चिमोत्तर में इस्फ़हान की मरुस्थलीय प्रकृति के बीचो बीच में अब्याने स्थित है।

फ़ीन बाग़

यह गांव लाल रंग के घरों की वजह से मरुस्थल में मार्ण की तरह चमकता है। इस सुंदर गांव को ईरान में आवासीय इलाक़ों में सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित इलाक़ों में कहा जा सकता है। इस गांव की जलवायु संतुलित है। यह गांव अपनी संदुर वास्तुकला, प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक पर्यटन आकर्षणों और स्थानीय कपड़े पहनने वाले लोगों की वजह से ईरान के उन क्षेत्रों मे शामिल है जहां बहुत ज़्यादा देशी व विदेशी पर्यटक जाते हैं। गांव में घर नदी के ढलुआ उत्तरी दामन में बने हैं। इन घरों में लकड़ी की खिड़कियां जालीदार डिज़ाइन में शीशा लगी होती हैं। इसी तरह घर का बाहरी रूप लाल रंग की मिट्टी से पुता होता है। इस सुंदर स्थल को देख कर पर्यटक ताज़गी का आभास करता है। ऐतिहासिक व सांस्कृतिक धरोहरें और उनकी आध्यात्मिक अहमियत की वजह से अब्याने ईरान की राष्ट्रीय धरोहर की सूचि में पंजीकृत हुआ है।