Oct ०२, २०१९ १५:३२ Asia/Kolkata

यमनी सेना और स्वयं सेवी बल के जवानों ने 14 सितंबर को 10 ड्रोन विमानों से सऊदी अरब की अरामको तेल कंपनी पर हमला किया।

इस हमले में आरामको तेल कंपनी की दो रिफ़ाइनरियों बक़ीक़ और ख़रीस को भारी क्षति पहुंची। दो कार्यक्रमों में इस हमले के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा करेंगे।

हालिया दो महीने के दौरान यमनी सेना और स्यवं सेवी बल के जवानों ने सऊदी अरब के खिलाफ तीन बड़े हमले किये हैं। यमन की सशस्त्र सेना ने पहला हमला सऊदी अरब के दम्माम नगर के तेल प्रतिष्ठानों पर पहली अगस्त को मिसाइल से किया था। यह पहली बार था जब यमनी सेना ने सऊदी अरब के अंदर सबसे दूरस्थ क्षेत्र पर हमला किया था। सऊदी अरब का दम्माम नगर इस देश के पूर्व में है और यमन की राजधानी सना से उसकी दूरी 1300 किलोमीटर है।

रशिया टुडे टीवी चैनल ने इस हमले की समीक्षा करते हुए इसे अभूतपूर्व हमला बताया था और रिपोर्ट दी थी कि जो चीज़ इस हमले को सऊदी अरब के अंदर विभिन्न ठिकानों पर किये जाने वाले दूसरे हमलों से अलग करती है वह यह है कि यह हमला सऊदी अरब के अंदर सबसे दूर था जिसे यमनी सेना ने मिसाइल से लक्ष्य बनाया था।

यमनी सेना ने सऊदी अरब के अंदर दूसरा सबसे बड़ा हमला 17 अगस्त को ड्रोन से किया था। इस हमले में यमनी सेना के 10 ड्रोन विमानों ने सऊदी अरब के अश्शैबा तेल प्रतिष्ठान को लक्ष्य बनाया था। यह पहली बार था जब यमनी ड्रोन विमानों ने सऊदी अरब के अंदर 1200 किलोमीटर घुस कर हमला किया था।

यमनी सेना के ड्रोन विमानों ने तीसरा सबसे बड़ा हमला 14 सितंबर को सऊदी अरब के पूर्व में स्थित आरामको तेल कंपनी की दो रिफ़ाइनरियों बक़ीक़ और ख़रीस पर हमला किया। यह हमला 17 अगस्त को शैबा तेल प्रतिष्ठान पर होने वाले हमले से भी बड़ा था। जब यमनी सेना ने शैबा तेल प्रतिष्ठान पर हमला किया था तो एक दिन में 10 लाख बैरल कच्चे तेल का उत्पादन रुका था परंतु जब बक़ीक़ और ख़रीस तेल रिफाइनरियों पर हमला किया तो 57 लाख बैरेल प्रतिदिन कच्चे तेल का उत्पादन रुक गया।

समाचार एजेन्सी रोयटर्ज़ ने आरामको तेल कंपनी पर होने वाले हमले के महत्व के बारे में अपनी रिपोर्ट में लिखा" बक़ीक़ आरामको तेल कंपनी की सबसे बड़ी रिफाइनी समझी जाती है जो दम्माम नगर से 75 किलोमीटर दक्षिण में स्थित है। दम्माम सऊदी अरब के महत्वपूर्ण नगरों में से है। बकीक तेल रिफाइनरी विश्व में कच्चे तेल की सबसे बड़ी रिफाइनरी है इस प्रकार से कि इस रिफाइनरी में कच्चा तेल लाया जाता है और उसके बाद उसका शोधन किया जाता है और उसके कच्चे तेल से जो गैस अलग की जाती है उसे तरल गैस के भंडारों में भेज दिया जाता है।

इसके अलावा बक़ीक़ रिफाइनरी को अंतरराष्ट्रीय महत्व भी प्राप्त है इस प्रकार कि वह सऊदी अरब को तेल पाइप लाइन के माध्यम से बहरैन से जोड़ती है। इस तेल पाइप लाइन के माध्यम से प्रतिदिन 35 हज़ार बैरल तेल सऊदी अरब से बहरैन जाता है। यह तेल पाइप लाइन 110 किलोमीटर लंबी है, 42 किलोमीटर सऊदी अरब के अंदर, 42 किलोमीटर पानी के अंदर और 28 किलोमीटर बहरैन की ज़मीन पर है। इस प्रकार बक़ीक़, आरामको तेल कंपनी की महत्वपूर्ण रिफाइनरी है।

ख़रीस भी विश्व की एक बड़ी तेल रिफाइनरी है और वह 12 लाख बैरेल अरब लाइट तेल का शोधन प्रतिदिन कर सकती है। अब समझ में आता है कि बक़ीक़ पर हमला सऊदी अरब के लिए क्यों एक मज़बूत थप्पड़ था।"

 

सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री अब्दुल अज़ीज़ बिन सलमान के कथनानुसार बकीक इस देश के तेल उद्योग का दिल है। इस आधार पर यमनी सेना और अंसारुल्लाह का हमला वास्तव में सऊदी अरब के तेल उद्दयोग के दिल पर हमला था।

ब्लूमबर्ग ने बक़ीक़ रिफाइनरी के महत्व के दृष्टिगत एक विश्लेषण में लिखा कि इन हमलों से सऊदी अरब की हृदयगति रुक गयी है। यमनी सेना के मिसाइल और ड्रोन हमले इस बात के सूचक हैं कि यमनियों ने सऊदी अरब की अर्थ व्यवस्था को लक्ष्य बनाया है। यमनी सेना के हमले इस बात के सूचक हैं कि वे सऊदी अरब की अर्थ व्यवस्था को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं ताकि सऊदी अरब के लिए युद्ध का खर्चा अधिक से अधिक हो सके।

यमनी सेना ने पहली अगस्त को सऊदी अरब के दम्माम नगर में स्थित तेल प्रतिष्ठान को लक्ष्य बनाया था और वह  तेल कंपनी अरामको के निर्यात का केन्द्र है। 17 अगस्त को यमनी सेना ने सऊदी अरब के शैबा तेल प्रतिष्ठान पर हमला किया था। शैबा तेल प्रतिष्ठान से प्रतिदिन 10 लाख बैरेल तेल का निर्यात किया जा सकता है जबकि यमनी सेना ने 14 सितंबर को आरामको पर जो हमला किया था वह अब तक का सबसे बड़ा हमला है। इस हमले में 13 बिन्दुओं से बक़ीक़ रिफाइनरी को निशाना बनाया गया था। इस हमले में महत्वपूर्ण बिन्दु यह है कि इस हमले को जंगी कार्यवाही समझा जाता है इसलिए बीमा कंपनियां उसे होने वाली क्षति को देने के लिए तैयार नहीं हैं।

समाचार पत्र रायुलयौम में अब्दुल हय्ई ज़लू ने, जो 50 वर्षों से अधिक समय तक तेल मामलों के सलाहकार थे, एक आलेख में तेल से गैस अलग करने की प्रक्रिया की ओर संकेत किया और लिखा है कि सऊदी अरब की बक़ीक़ और ख़रीस रिफाइनरियों को जो नुकसान पहुंचा है वह 57 लाख बैरेल प्रतिदिन या 35 करोड़ डालर नहीं है बल्कि सऊदी अरब को 50 प्रतिशत गैस की भी क्षति पहुंची है जो पेट्रोलियम उत्पादों में कमी का कारण बनेगा और इसका अर्थ यह हुआ कि 50 करोड़ डॉलर प्रतिदिन या महीने में 15 अरब डालर का नुकसान हुआ है।

दूसरा बिन्दु यह है कि इन हमलों का सीधा प्रभाव सऊदी अरब की 2030 की महत्वकांक्षी योजना पर भी पड़ेगा और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की महत्वाकांक्षी योजना पर पानी फिर सकता है। मोम्मद बिन सलमान ने अभी हाल ही में इस योजना के संबंध में मतभेद के कारण ख़ालिद अलफ़ालेह को ऊर्जा मंत्रालय के पद से हटा दिया था। उल्लेखनीय है कि दोनों के मध्य आरामको के 5 प्रतिशत शेयर को लेकर मतभेद हुए थे। यहां इस बात का भी उल्लेख महत्वपूर्ण है कि आरामको का 5 प्रतिशत शेयर लगभग 500 अरब डालर है।

सऊदी नरेश के बेटे अब्दुल अज़ीज़ बिन सलमान को सऊदी अरब का नया ऊर्जामंत्री बनाया गया है। इस का लक्ष्य यह है कि आरामको के कुछ शेयर को दूसरों को बेचने के संबंध में मौजूद रुकावटों को दूर करना है परंतु यमनी सेना ने जो हमला किया उससे आरामको के शेयर के कुछ भाग को दूसरों को बेचने के मामले को समस्या का सामना करना पड़ा या वह विलंबित हो गया। क्योंकि विदेशी पूंजी निवेश के लिए हर चीज़ से अधिक सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है और अरोमको कंपनी के तेल प्रतिष्ठानों पर यमनी सेना के हमलों का अर्थ यह है कि सऊदी अरब को असुरक्षा का सामना है और विदेशी पूंजी निवेश के लिए सऊदी अरब उचित स्थान नहीं है। यमनी सेना ने सऊदी अरब के अंदर 1200 किलोमीटर घुस कर हमला किया जो इस बात का सूचक है कि सऊदी अरब के आर्थिक प्रतिष्ठान पूरी तरह यमनी सेना के हमले की रेन्ज में हैं। यह एसी स्थिति है जब न्यूयार्क टाइम्स के अनुसार यमनी सेना ने जिन ड्रोन विमानों का प्रयोग किया है उनमें से हर एक की कीमत लगभग 15 हज़ार डालर है इस प्रकार कुल 10 ड्रोन विमानों की कीमत लगभग डेढ़ लाख डालर है जबकि इस खर्च से यमनी सेना ने सऊदी अरब की आरामको कंपनी के तेल प्रतिष्ठानों पर हमला करके अरबों डालर का नुकसान पहुंचाया है। इसके अलावा इस हमले के बाद सऊदी अरब के अलावा फार्स की खाड़ी की सहकारिता परिषद के कुछ सदस्य देशों के शेयर भी बहुत तेज़ी से नीचे गिरे। यमनी सेना ने आरामको पर जो हमला किया उसके बाद पहले दिन सऊदी अरब के शेयरों में तीन प्रतिशत की गिरावट आयी और ऊर्जा क्षेत्र में भी चार प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी। बैकों और दूसरे क्षेत्रों में भी तीन प्रतिशत की गिरावट आयी।

 

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