Apr २४, २०१६ १४:३३ Asia/Kolkata
  • “गौहरे शबे चेराग़”-२

पुराने समय की बात है एक लड़का अपनी मां के साथ रहता था।

 लड़के ने अपनी मां की ओर से रोटी ख़रीदने के लिए दिए पैसे से एक बिल्ली स्वतंत्र करा दी जिसे लड़के यातनाएं दे रहे थे। दूसरे दिन उसकी मां ने उसे मांस लाने को पैसा दिया, इस बार उस लड़के ने एक कुत्ते को स्वतंत्र करा दिया जिससे लड़के यातनाएं दे रहे थे। तीसरे दिन लड़के ने तेल ख़रीदने के बजाए उन खिलंदड़े लड़कों को पैसे दे दिए ताकि वह चूहे को परेशान न करें। जैसा कि बताया था कि लड़का हर दिन नदी के किनारे जाता, मछली पकड़ता, उसकी साफ़ सफ़ाई करता और उसके सिर और अन्य भागों को कुत्ते और बिल्ली के सामने डालता और मांस घर ले जाता था। एक दिन कुत्ते को मछली के मुंह से मोती मिला, वह गौहरे शब चेराग़ था जिसका अर्थ होता है रात में चमकने वाला मोती। उसने वह मोती लड़के को दे दिया। उसने मोती देखकर पता लगा लिया कि मोती असली है। वह मोती हर वस्तु जो लड़का चाहता था उपस्थित करती थी, इसी मोती की सहायता से उसने अपनी मां को गांव के मुखिया के पास भेजा ताकि उसकी लड़की का हाथ मांगे। उसने मुखिया की सारी मांगों को मोती की सहायता से पूरा किया। मुखिया ने अपनी लड़की के विवाह के लिए सोने का महल और चालीस सोने से लदे ऊंटों का प्रबंध करने की शर्त रखी थी। मुखिया अपनी लड़की का विवाह उससे नहीं करना चाहता था इसीलिए उसने बुढ़िया जादूगरनी को इस रहस्य का पता लगाने का काम सौंप दिया। बुढ़िया जादूगरनी ने उसे वचन दिया कि वह बहुत शीघ्र ही इस काम को अंजाम दे लेगी। उसने सुना था कि लड़का हर दिन निर्धन व दरिद्र लोगों को एकत्रित करता है और उन्हें रोटी और कपड़ा देता है। वह एक फ़क़ीर के वेश में लड़के के घर आई।

 

 

लड़का बुढ़िया की हालत देखकर परेशान हो उठा और उसे अपने महल के एक कमरे में स्थान दिया। बुढ़िया जादूगरनी ने धीरे धीरे लड़के को अपनी गोल मोल बातों में उलझाना आरंभ कर दिया और उसने अपने सारे प्रयास मोती प्राप्त करने में लगा दिए। अब काम निकालने का समय आ गया था और किसी भी स्थिति में लड़के के मुंह से मोती निकालना चाहती थी।

एक रात की बात है उसने नशे की गोली लड़के को खिला दी और लड़के के मुंह में पड़ी मोती निकाल ली और उसे अपनी ज़बान के नीचे रख लिया और उसने मोती को आदेश दिया कि मुखिया को महल का स्वामी बना दे और लड़के को ज़मीन पर ला दे। पलक झपकते ही सारे काम हो गये। लड़के को जब होश आया तो उसने देखा कि मोती ग़ायब है । उसने रोना धोना शुरु कर दिया। कुत्ते, बिल्ली और चूहे ने उसे ढांसर बधाई किन्तु उस पर कोई प्रभाव नहीं हो रहा था। कुत्ते, बिल्ली और चूहे ने ग़ायब हुए मोती को तलाश करने की ठान ली, वे मुखिया के महल की ओर चल दिए, उन्होंने महल की दीवार में छेद किया और चूहा और बिल्ली महल में प्रविष्ट हो गये। कुत्ता वहीं खड़ा होकर पहरा देने लगा। वे दोनों सीधे मुखिया की लड़की के कमरे की ओर गये , बुढ़िया जादूगरनी उसके पास ही सोई हुई थी। वे सोचने लगे कि किसी प्रकार बुढ़िया का मुंह खोले और उसकी ज़बान के नीचे रखे मोती को ले उड़ें। चूहा अधिक बुद्धिमान था उसने बिल्ली को होशियार रहने का संकेत किया। तभी उसने अपनी दुम धीरे से जादूगरनी की नाक में डाला। जादूगरनी को छींक आई और मोती उसके मुंह से बाहर निकल गया। बिल्ली ने छलांग लगाकर मोती उठा ली, इससे पहले कि बुढ़िया उन्हें पकड़ती, सर पर पैर रखकर दोनों भागे और उसी रास्ते से भाग निकले जहां से आये थे। बाहर खड़े कुत्ते ने मोती अपने मुंह में दबाई और तेज़ी से भाग निकला। मुखिया के महल के चारो ओर से चोर चोर, पकड़ो, पकड़ो की आवाज़ उठने लगी। पहरेदारों ने घरों पर धावे बोल दिये और हर स्थान ढूंढने के बाद भी मोती न मिल सका।

 

 

किसी को कानो कान ख़बर ही नहीं हुई कि यह काम किसका है। कुत्ता आगे आगे और उसके पीछे बिल्ली और चूहा था, तीनों नदी के किनारे पहुंचे, नदी के बीचो बीच एक स्थान का पानी दर्पण की भांति साफ़ था, कुत्ते ने पानी में अपना प्रतिबिंबन देखा, उसकी समझ में आया कि कोई दूसरा कुत्ता उससे मोती छीनने आया है, जैसे ही उसने मुंह खोला, मोती उसके मुंह से पानी में गिर गया। उन्होंने इस समस्या के बारे में सोचा भी नहीं था, नदी बहुत गहरी थी और किसी भी प्रकार उसकी तह में नहीं पहुंचा जा सकता था। उनसे कुछ भी नहीं हो सका, उनकी समझ में नहीं आ रहा था कि किस मुंह के साथ लड़के के सामने जाएं। वे वहां खड़े सोच रहे थे कि अब क्या करें। तभी उन्होंने देखा कि बहुत से मछुआरे उनकी ओर आ रहे हैं, मछुआरे मछली का शिकार करने लगे। उनकी नज़र इन तीनों जानवरों पर पड़ी जो नदी के किनारे दुखी बैठे हुए थे।

 

एक दिन एक मछुआरे को उन पर तरस आया उसने अपनी डलिया में हाथ डालकर एक मछली निकाली और उनकी ओर फेंक दी। उन्होंने बहुत ही बेदिली से मछली खाई, अचानक बिल्ली चिल्ला उठी, मिल गयी, मिल गयी, संयोग से मोती उसकी मछली के पेट में था। उन्होंने मोती उठाया और बहुत ही संभाल कर उसे लड़के के घर लेकर पहुंचे, उन्होंने मोती उसे दी, लड़के ने अपने तीनों मित्रों को गले से लगा लिया और उनमें से हर एक का आभार व्यक्त किया। चूहे, बिल्ली और कुत्ते ने एक आवाज़ में कहा कि जो काम तुमने मेरे लिए किया था, उसका महत्त्व इससे कहीं अधिक है। लड़के ने मोती अपनी ज़बान के नीचे रखी और अपनी मां से कहा , अब मैं महल को अपने पहले स्थान पर पलटाऊंगा।

 

मां ने कहा कि इस महल ने हमें क्या लाभ पहुंचाया बेटे

लड़का सोचने लगा और उसकी समझ में आ गया कि उसकी मां सत्य कह रही हैं। उसने आंख बंद करके महल को तबाह होने का आदेश दिया। महल तबाह हो गया और जादूगरनी, मुखिया और उसकी लड़की उसके नीचे दबकर मर गये।

उसके बाद लड़के ने एक माली की लड़की से विवाह रचाया और परिश्रम करके अपनी मां और अपनी की सेवा करने लगा।