ईरान भ्रमण- 34
ईरान के हुरमुज़गान प्रान्त की सैर जारी रखी हुए आज हम फ़ार्स की खाड़ी के बेहद खूबसरत और सब से बड़े द्वीप '' क़िश्म '' की सैर करेंगे।
हालिया कुछ दशकों में यह द्वीप विशेष रूप से पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र रहा है। इसकी वजह भी यह है कि इस द्वीप में '' हिरा '' जंगल, ख़ुरबस , गुफ़ाओं, चाहकूह, वादी और फ़ार्स की खाड़ी की डोल्फ़िन मछलियों जैसे प्राकृतिक आकर्षण मौजूद हैं। इसी प्रकार सितारों की वादी नाज़ द्वीप समूह और नमकदान गुफा भी पर्यटकों की अपनी ओर खींचती है।
क़िश्म द्वीप हुर्मुज़ स्ट्रेट में स्थित है। जब आप फ़ार्स खाड़ी से सकुद्र और ओमान सागर की ओर बढ़ते हैं तो यह ख़ूबसूरत द्वीप आप के बायीं ओर किसी डोल्फ़िन की तरह नज़र आता है। हुर्मुज़ स्ट्रेट विश्व के सबसे महत्वपूर्ण जलमार्गों में है जिसकी चौड़ाई 55 किलोमीटर है।
क़िश्म द्वीप हुर्मुज़गान के केन्द्रीय नगर बंदर अब्बास के बारे में तो हम आप को बता चुके हैं। बंदर अब्बास से, लांच और मोटरबोट द्वारा क़िश्म जाना भी पर्यटकों के लिए मनमोहक सफ़र होता है।

क़िश्म नगर, द्वीप के बिल्कुल पूर्वी भाग में स्थित है। द्वीप की बनावट के लिहाज़ से यह नगर द्वीप के बीच में स्थित नहीं है लेकिन उसकी स्ट्रेटजिक पोज़ीशन और लंबे इतिहास की वजह से क़िश्म नगर, ईरान का एक बेहद अलग और आकर्षक शहर बन चुका है।
क़िश्म, ईरान का बेहद मशहूद बाज़ार भी है इतना मशहूद है कि यह द्वीप , पर्यटन से अधिक व्यापार के लिए मशहूर है। क़िश्म के बाज़ारों में विभिन्न देशों के सामान सीधे रूप में बेचे जाते हैं जिसकी वजह से व्यापार को ख़ूब बढ़ावा मिला है।
क़िश्म द्वीप के रेस्टोरेंटों में जिस तरह के खाने और बाज़ारों में विभिन्न प्रकार के सामान मिलते हैं उसी प्रकार इस द्वीप का इतिहास भी विविधताओं से भरा है इस लिए पर्यटकरों को भी धूमने फिरने के लिए विविधतापूर्ण अवसर मिलता है। विशेषकर एतिहासिक अवशेषों से दिलचस्पी रखने वालों के लिए इस द्वीप में देखने को बहुत कुछ है। जलाशयों और उपासना स्थलों के अवशेषों से पता चलता है कि यह द्वीप इस्लाम से पूर्व सासानी शासन काल में आबाद था और उस समय इस द्वीप में बहुत चहल पहल थी। आधुनिक क़िश्म द्वीप का आरंभ इस द्वीप से प्रतगालियों को निकल जाने से शरु हुआ था।

सूरज के उदय के साथ ही समुद्र में काम शुरु हो जाता है। समुद्र के सपूत समुद्र का सीना चीरने की तैयारी करने लगते हैं। वह समुद्र से अपनी रोज़ी लाते हैं। सूरज, इन परिश्रमी लोगों की मेहनत को देखता है नगर में इन लोगों का इंतज़ार होता है कि कब वह थकन से चूर लेकिन आशा व जोश से भरे वापस लौटेगे।
पुर्तगालियों का क़िला भी क़िश्म में देखने योग्य एक बेहद आकर्षक जगह है। 16वीं ईसवी सदी के आरंभ में एलफांसो एलबरकर्क नामक एक मल्लाह ने एक किला बनाने का आदेश दिया था। आज उसी क़िले को पुर्तगालियों का क़िला कहा जाता है। इस इमारत को दो हज़ार वर्गमीटर पर बनाया गया था। इसके निर्माण में चूने के पत्थरों और द्वीप में मिलने वाले अन्य प्रकार के पत्थरों से बनाया गया था।

क़िश्म का जियो पार्क , बेहद दभुत है यह कई जियो साइट्स से मिल कर बना है। न केवल यह कि क़िश्म द्वीप का अनोखा आकर्षण है बल्कि असकी मिसाल पूरे ईरान में कहीं नहीं मिलती । यह ईरान का पहला जियो पार्क और मध्य पूर्व का एकमात्र जियो पार्क है जिसे यूनिस्को के जियोपार्क नेटवर्क में जगह मिली है और उसे पंजीकृत किया गया है।