Jul १३, २०२० ११:४४ Asia/Kolkata

संसार के सभी देशों को ऊर्जा की आव्यकता है।

ऊर्जा के स्रोतों की दृष्टि से ईरान, संसार में बहुत ही समृद्ध देश है।

ब्रिटिश पेट्रोलियम बीपी की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार प्राकृतिक गैस के भण्डारों की दृष्टि से ईरान, संसार में पहले नंबर पर है। इसी रिपोर्ट में बताया गया है कि सन २०१६ में ईरान, तेल भण्डरों की दृष्टि से संसार में चौथे और पश्चिमी एशिया में दूसरे नंबर पर था।  तेल निर्यात करने वाले संगठन ओपेक में तेल उत्पादनकर्ता के रूप में ईरान दूसरे नंबर पर आता है।

ईरान में गैस और तेल के बड़े बड़े भण्डार है। यही वजह है कि इस देश में तेल तथा गैस के क्षेत्रों में भारी पूंजीनिवेश करके अधिक लाभ उठाने की क्षमता पाई जाती है।

 

ईरान के पास जो तेल तथा गैस के भण्डार हैं उनमे से लगभग १० प्रतिशत एसे क्षेत्र है जो ईरान के पड़ोसे में स्थित हैं।

परिप्रेक्ष्य में ईरान के तेल मंत्रालय की एक नीति यह है कि ऊर्जा के संयुक्त भण्डारों को विकसित किया जाए। ऊर्जा के इन संयुक्त भण्डारों के कारण पश्चिमी ईरान में स्थित ऊर्जा के तेल भण्डारों को विशिष्टता प्राप्त हैं।

इससे पता चलता है कि यहां से दीर्घकाल तक तेल निकाला जा सकता है। एक अनुमान के अनुसार अमरीका अगले १० वर्षों तक , रूस २६ वर्षों तक और सऊदी अरब अगले ५९ वर्षों तक ही तेल निकाल सकेंगे। हालांकि एक रिपोर्ट के अनुसार सन २०१६ में ईरान जिता तेल निकाल रहा था यदि उसी हिसाब से तेल निकालता रहे तो वह १३० वर्षों तक इस काम को जारी रख सकता है।

ईरान की राष्ट्रीय तेल कंपनी के आधार पर इस देश के १०२ तेल एवं गैस के भण्डारों में से २८ संयुक्त भण्डार हैं। ऊर्जाके जो २८ संयुक्त भण्डार है उनमें से १८ तेल के , ४ गैस के और ६ एसे हैं जो तेल और गैस दोनों के हैं।

 

पार्से जुनूबी नामक गैस का भण्डार , संसार का सबसे बड़ा गैस का भण्डार है जो फ़ार्स की खाड़ी में ईरान और कतर की सीमा पर स्थित है । विश्व का सबसे बड़ा गैस का यह भण्डार ९७०० वर्ग किलोमीटर में फैला है। इसका ३७०० वर्ग किलोमीटर भाग ईरान से संबन्धित है।

पड़ोसियों के साथ संयुक्त गैस भण्डारों के अतिरिक्त ईरान के पास संयुक्त तेल भण्डार भी हैं। ईरान का सबसे बड़ा संयुक्त तेल भण्डार पश्चिमी कारून से संबन्धित है। पश्चिमी कारून तेल क्षेत्र तीन बड़े भागों में बंटा हुआ है।

ईरान के महत्वपूर्ण तेल उत्पादों में पेट्रोल और गैसोलीन शामिल हैं। इस बारे में ईरान ने उचित कार्यक्रम बनाया है। नई रिफ़ायनरी के लगाने और पुरानी रिफ़ायनरी के अनुकूलीकरण के साथ ही सन २०१७ में ईरान ने हर दिन पेट्रोल और गैसोलीन के उत्पादन को क्रमश: ७७ मिलयन व ९२ मिलयन लीटर प्रतिदिन कर दिया था। सन २०१७ के अंत तक तेल तथा गैस पहुंचाने के लिए बिछाई गई पाइप लाइन ८५१ किलोमीटर तक हो गई थी। तेल और गैस के स्थानांतरण के उद्देश्य से बिछाई गई यह पाइप लाइन बहुत ही सस्ती कीमत में उपभोगताओं तक ऊर्जा के उत्पादों को पहुंचाती है।

वास्तविकता यह है कि ईरान की ऊर्जा नीति उत्पादन की क्षमता को बढ़ाने, गैस स्नांतरित करने के मार्गों को विस्तृत करने और अन्तर्राष्ट्रीय बाज़ार में तेल और गैस के निर्यात में ईरान के स्थान को आगे बढ़ाने पर आधारित है। इसी के साथ ईरान में दक्ष एवं अनुभवी लोगों का सरलता से मिल जाना, अन्तर्राष्ट्रीय मंडियों तक कम क़ीमत के उत्पादों का पहुंचना और सस्ती लेबर जैसी वे बाते हैं जिनके दृष्टिगत ईरान में बड़े पैमान पर पूंजी निवेश किया जा सकता है।

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