Apr २६, २०१६ १०:१६ Asia/Kolkata
  • मलिक मुहम्मद और लंगड़े दैत्य की कहानी-6

हमने बताया था कि पुराने ज़माने में एक राजा था जिसके सात लड़के थे। छः बेटे एक पत्नी से थे और सातवां सौतेला था।

सौतेले बेटे का नाम मलिक मोहम्मद था। सभी बेटे राजा का उत्तराधिकारी बनने के लिए सोने के पिंजरे में बंद तोते को लेने गए। पहले छः बेटों को न केवल तोता मिला बल्कि वे जुए में अपना सब कुछ हार गए और भीख मांगने लगे लेकिन मलिक मोहम्मद ने पड़ोसी राज्य के राजा की बेटी को देव की क़ैद से मुक्ति दिलाई और देव की एक टांग काट डाली। मलिक मोहम्मद ने बड़े प्रयासों के बाद अपने भाईयों को खोज निकाला और उनके साथ पिंजरे और तोते को खोजने चल दिया। रास्ते में वे एक ऐसे राज्य पहुंचे कि जहां के राजा की सात बेटियां थीं और उनसे उनका विवाह हो गया। उसके बाद उन्होंने पुनः अपनी यात्रा शुरू कर दी। रास्ते में वे सात परियों के हाथों क़ैद हो गए, लेकिन उनमें से एक की सहायता से बच निकलने में सफल रहे। 

 

मलिक मोहम्मद ने जब यह परिस्थितियां देखीं तो अपने भाईयों से कहा कि वे घर की ओर वापस लौट जाएं और वह अकेले ही मंज़िल की ओर चल पड़ा।

 

 

मलिक मोहम्मद ने जंगल का रुख़ किया और चलता रहा। कुछ दूर चलने के बाद उसने देखा कि एक फ़क़ीर उसकी ओर चला आ रहा है। फ़क़ीर जब उसके पास पहुंच गया तो उसने कहा, जवान आओ हम एक सौदा करते हैं। मलिक मोहम्मद ने कहा, कैसा सौदा। फ़क़ीर ने कहा कि तू मुझे अपना घोड़ा और तलवार देदे, मैं तुझे अपना कमंडल, दस्तरख़ान और छड़ी दे देता हूं। मलिक मोहम्मद ने पूछा कि इन चीज़ों में ऐसी कौन सी विशेषता है? फ़क़ीर ने कहा, कमंडल की विशेषता यह है कि तेरे यहां जितने भी मेहमान आजाएं। इसमें हाथ डालना और कहना कि हे हज़रत सुलेमान मेरे यहां मेहमान आए हैं। कमंडल से जितना भी भोजन निकालोगे कम समाप्त नहीं होगा।

 

दस्तरख़ान की विशेषता यह है कि अगर उसे बिछाया जाए और कहा जाए कि हे हज़रत सुलेमान मेरे यहां मेहमान हैं तो जितनी भी रोटियों की ज़रूरत होगी कम नहीं पड़ेंगी। छड़ी की विशेषता यह है कि अगर कहा जाए हे हज़रत सुनेमान मैं फ़लां व्यक्ति का सिर चाहता हूं तो तुंरत उस व्यक्ति का सिर शरीर से जुदा हो जाएगा। मलिक मोहम्मद ने सौदा स्वीकार कर लिया। फ़क़ीर को अपना घोड़ा और तलवार दे दी और उसका कमंडल, दस्तरख़ान और छड़ी ले ली। फ़क़ीर ने तलवार को कमर से बांधा और घोड़े पर सवार होकर चला गया। मलिक मोहम्मद ने अपने मन में कहा, इन चीज़ों को आज़माना चाहिए। छड़ी को हाथ में लिया और कहा, हे हज़रते सुलेमान, इस फ़क़ीर का सिर अलग हो जाए। अचानक फ़क़ीर का सिर उसके शरीर से अलग हो गया। मलिक मोहम्मद ने सोचा कि संभवतः वह इस तलवार से किसी निर्दोष की जान लेना चाहता था। इसीलिए उसके मन में यह बात आई कि पहले छड़ी को आज़माए और इस प्रकार की इच्छा करे। उसके बाद उसने अपनी तलवार उठाई और घोड़े पर सवार होकर परियों की बेटियों के क़िले की ओर वापस चल दिया। जैसे ही उसकी नज़र छोटी बेटी पर पड़ी, उसने कहा, मलिक मोहम्मद तुझे अपने ऊपर तरस नहीं आता है?

 

अगर मेरी बहनों ने तुझे देख लिया तो ज़िंदा नहीं छोड़ेंगी। मलिक मोहम्मद ने कहा, ईश्वर महान है। लड़की ने कहा, अगर कुछ ऐसा हो जाता कि यह मेरी बहनें नष्ट हो जातीं तो हम दोनों को सुकून मिल जाता और इतनी कठिनाईयों का सामना नहीं करना पड़ता। मलिक मोहम्मद ने कहा, अगर तुम्हें कोई आपत्ति नहीं हो तो उनकी हत्या मेरे लिए पानी का घूंट पीने जैसी है। लड़की ने अपनी बहनों की हत्या की अनुमति दे दी और मलिक मोहम्मद ने छड़ी को उठाया और कहा, हे हज़रत सुलेमान इन छः लड़कियों के सिर कद्दू की तरह अलग हो जाएं। यह कहते ही लड़की की ओर देखकर कहा, जाओ और देखों कि तुम्हारी बहनें ज़िंदा हैं या नहीं? लड़की गई और उसने जाकर देखा कि उसकी 6 बहनों के सिर उनके शरीर से अलग हो गए हैं। ख़ुशी से उसके पर निकल आए और वापस आकर कहा, मलिक मोहम्मद सभी मर गईं हैं। अब हम दोनों साथ साथ जीवन बिता सकते हैं। मलिक मोहम्मद ने कहा, मुझे एक ज़रूरी यात्रा पर जाना है। लड़की ने कहा, मुझे पता है कि तू सोने की पिंजरे और तोते की खोज में है, लेकिन तू मेरी सहायता के बिना इसे प्राप्त नहीं कर सकता। मलिक मोहम्मद ने पूछा क्यों? लड़की ने कहा, इसलिए कि यहां से वहां तक कि जहां तोते और पिंजरे को रखा हुआ है साठ मील का फ़ासला है। बीस मील तक तेंदुओं का इलाक़ा है, बीस मील तक शेरों का और बीस मील तक भूत प्रेतों का। पिंजरा और तोता परियों के राजा की लड़की के सिर पर है। शहर से उस लड़की के महल तक सात द्वार हैं जिनकी सुरक्षा देव करते हैं।

 

अंतिम द्वार का संतरी सात सिरों वाला देव है। अब खड़े हो जाओ ताकि बताऊं कि अब क्या करना है। लड़की तेज़ी से घूमी और एक बड़ी मुर्ग़ी का रूप धारण कर लिया। मलिक मोहम्मद उसके परों पर सवार हो गया और वे उड़ गए। चालीस मील तक आसमान में उड़कर तेंदुओं और शेरों के इलाक़े से गुज़र गए। अंतिम बीस मील तक क्योंकि भूत प्रेतों का इलाक़ा था, लड़की अपने असली रूप में आ गई और मलिक मोहम्मद को सुई बना दिया और अपनी गर्दन में डाल लिया। अंतिम बीस मील से भी गुज़र गए यहां तक कि शहर पहुंच गए और उसके बाद पहले द्वार पर। यहां लड़की ने मलिक मोहम्मद को उसके पहले वाले रूप में वापस लौटा दिया और ख़ुद कबूतर बन गई और महल की दीवार पर बैठ गई ताकि देख सके कि मलिक मोहम्मद देवों का क्या करता है। (SM)

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