Nov ०७, २०२० १९:२७ Asia/Kolkata

क़ुरआन ईश्वरीय चमत्कार-788

 

وَمَا أَرْسَلْنَا فِي قَرْيَةٍ مِنْ نَذِيرٍ إِلَّا قَالَ مُتْرَفُوهَا إِنَّا بِمَا أُرْسِلْتُمْ بِهِ كَافِرُونَ (34) وَقَالُوا نَحْنُ أَكْثَرُ أَمْوَالًا وَأَوْلَادًا وَمَا نَحْنُ بِمُعَذَّبِينَ (35)

और हमने जिस बस्ती में भी कोई सचेतकर्ता भेजा तो वहाँ के संपन्न लोगों ने यही कहा कि जो (संदेश) देकर तुम्हें भेजा गया है, हम उसे नहीं मानते। (34:34) और उन्होंने कहा कि हम तो धन और संतान में (तुमसे) बढ़कर हैं और हम दंडित होने वाले नहीं हैं। (34:35)

 

قُلْ إِنَّ رَبِّي يَبْسُطُ الرِّزْقَ لِمَنْ يَشَاءُ وَيَقْدِرُ وَلَكِنَّ أَكْثَرَ النَّاسِ لَا يَعْلَمُونَ (36)

 

(हे पैग़म्बर! इन से) कह दीजिए कि निःसंदेह मेरा पालनहार जिसे चाहता है व्यापक आजीविका प्रदान करता है और जिसे चाहता है नपी-तुली आजीविका देता है किन्तु अधिकांश लोग (इसकी वास्तविकता) नहीं जानते। (34:36)

 

 

وَمَا أَمْوَالُكُمْ وَلَا أَوْلَادُكُمْ بِالَّتِي تُقَرِّبُكُمْ عِنْدَنَا زُلْفَى إِلَّا مَنْ آَمَنَ وَعَمِلَ صَالِحًا فَأُولَئِكَ لَهُمْ جَزَاءُ الضِّعْفِ بِمَا عَمِلُوا وَهُمْ فِي الْغُرُفَاتِ آَمِنُونَ (37)

और यह तुम्हारा माल व तुम्हारी सन्तान नहीं है जो तुम्हें हमसे निकट करती है सिवाय उसके जो कोई ईमान लाए और सद्कर्म करे तो ऐसे ही लोग हैं जिनके लिए उनके कर्म का दुगना प्रतिफल है। और वे (स्वर्ग के शानदार) कमरों में निश्चिन्त हो कर रहेंगे। (34:37)

 

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