Pars Today
क़ुरआने मजीद के व्याख्याकारों की दृष्टि में अपने भविष्य में मनुष्य के हस्तक्षेप के संबंध में शबे क़द्र के महत्व का इन्कार नहीं किया जा सकता।
पैग़म्बरे इस्लाम सल्लल्लाहो अलैहि व आलेही व सल्लम द्वारा पैग़म्बरी की घोषणा के दसवें वर्ष रमज़ान महीने की १० तारीख़ और मक्का से मदीना पलायन से तीन वर्ष पहले हज़रत ख़दीजा का स्वर्गवास हुआ।
मध्य युगीन का हज़ार वर्षीय इतिहास, पांच से पंद्रहवीं शताब्दी के बीच का काल है जो वर्ष 476 में पश्चिमी रोम के पतन से आरंभ हुआ और वर्ष 1451 में उसमानी साम्राज्य द्वारा क़ुस्तुंतुनिया पर विजय तक जारी रहा।
कुछ साल से पवित्र रमज़ान का महीना गर्मी के मौसम में पड़ रहा है इसलिए इन दिनों कुछ कारणों से रोज़े के दौरान ज़्यादा प्यास लगती है।
इस्लाम धर्म ने मस्जिद में जाने की बहुत अधिक सिफ़ारिश की है।
इस पवित्र महीने के अंतिम दिनों का एक विशेष स्थान है और इस संबंध में पैग़म्बरे इस्लाम (स) और उनके परिजनों ने विशेष दुआओं का उल्लेख किया है।
हम ईश्वर का शुक्र अदा करते हैं कि उसने हमें पवित्र महीने रमज़ान का 18वां रोज़ा रखने का अवसर प्रदान किया।
समाज में अप्रसन्नता का एक कारण धनी- निर्धन के बीच वर्गभेद है।
सूरए जिन मक्के में नाज़िल हुआ और इसमें 28 आयतें हैं।
सूरए तहरीम मदीना में नाज़िल हुआ और इसमें कुल 12 आयतें हैं।