Pars Today
सूरए कौसर क़ुरआने मजीद का एक सौ आठवां सूरा है जो पैग़म्बर पर मक्के में नाज़िल हुआ और इसमें तीन आयतें हैं।
सूरए क़ुरैश क़ुरआने मजीद का एक सौ छठा सूरा है जो मदीने में नाज़िल हुआ और इसमें चार आयतें हैं।
सूरे होमज़ह पवित्र क़ुरआन का 104वां सूरा है और यह मक्के में नाज़िल हुआ था और इसमें नौ आयते हैं।
सूरए तकासुर क़ुरान का 102वां सूरा है। यह सूरा मक्के में नाज़िल हुआ और इसमें 8 आयते हैं।
सूरए लैल क़ुरआने मजीद का 92वां सूरा है जो हिजरत से पहले मक्का में उतरा।
सूरए नूह मक्के में नाज़िल हुआ और इसकी आयतों की संख्या 28 है।
सूरए जिन मक्के में नाज़िल हुआ और इसमें 28 आयतें हैं।
कुरआने मजीद की एक आयत में कहा गया है कि यह रमज़ान का महीना है कि जिस में लोगों का मार्गदर्शन करने वाला और सत्य व असत्य के मध्य अंतर प्रकट करने वाला कुरआन उतारा गया।
पवित्र क़ुरआन में 114 सूरे हैं। इनमें से एक सूरा हाक़्क़ा है। सूरे हाक़्क़ा 69वां सूरा है जिसमें 52 आयते हैं।
ईश्वर ने मनुष्य के जीवन में महत्पूर्ण और विभूतिपूर्ण महीने और दिन रखे हैं।