• ईश्वरीय वाणी-१९

    ईश्वरीय वाणी-१९

    Mar ०७, २०१६ १६:३३

    सूरए यूनुस, क़ुराने करीम का दसवां सूरा है जो पैग़म्बरे इस्लाम (स) के पैग़म्बर बनने के शुरूआती दिनों में नाज़िल अर्थात अवतरित हुआ था। इस सूरे में 109 आयते हैं।

  • ईश्वरीय वाणी-१७

    ईश्वरीय वाणी-१७

    Mar ०७, २०१६ १६:२८

    पवित्र क़ुरआन के व्याख्याकारों के अनुसार सूरए तौबा का आरंभ बिस्मिल्लाह से न होकर वचन तोड़ने वाले शत्रुओं से विरक्तता से होना, इस गुट के प्रति ईश्वर के प्रकोप और क्रोध को दर्शाता है।

  • ईश्वरीय वाणी-१३

    ईश्वरीय वाणी-१३

    Mar ०७, २०१६ १६:०२

    सूरए आराफ़ पवित्र क़ुरआन का सातंवा सूरा है।

  • ईश्वरीय वाणी-१२

    ईश्वरीय वाणी-१२

    Mar ०७, २०१६ १६:००

    पवित्र क़रआन के सूरए अनआम की 32वीं आयत में आया हैः संसार का जीवन खेल तमाशे के अतिरिक्त कुछ नहीं और परलोक, ईश्वर से डरने वालों के लिए सबसे अच्छा ठिकाना है।

  • ईश्वरीय वाणी-११

    ईश्वरीय वाणी-११

    Mar ०७, २०१६ १५:५३

    सारी प्रशंसा ईश्वर के लिए है जिसने आकाशों और धरती की रचना की और उनमें अंधकार तथा प्रकाश बनाया परंतु काफ़िर, लोगों व वस्तुओं को अपने पालनहार का समकक्ष ठहराते हैं।

  • मौलाना जलालुद्दीन मौलवी-11

    मौलाना जलालुद्दीन मौलवी-11

    Mar ०२, २०१६ १७:१६

    मौलाना के उच्च विचारों का दुनिया की बहुत सी ज़बानों में अनुवाद हुआ है और बहुत से विद्वान उनके विचारों से प्रभावित रहे हैं।

  • ईश्वरीय वाणी-९

    ईश्वरीय वाणी-९

    Oct २६, २०१५ १७:२४

    सूरे माएदा की आयत संख्या 27 से 31 धरती पर पहले मनुष्य व पहले ईश्वरीय दूत हज़रत आदम और उनके दो बेटों में से एक के दूसरे के हाथों क़त्ल किए जाने की घटना की ओर संकेत करती है।

  • ईश्वरीय वाणी-८

    ईश्वरीय वाणी-८

    Oct १९, २०१५ १७:२१

    कुरआने मजीद के पांचवें सूरे का नाम माएदा है।

  • ईश्वरीय वाणी-७

    ईश्वरीय वाणी-७

    Oct ०७, २०१५ १७:१६

    पवित्र क़ुरआन के एक सूरे का नाम निसा है जिसका अर्थ होता है महिलाएं।

  • ईश्वरीय वाणी-१

    ईश्वरीय वाणी-१

    Aug १८, २०१४ १५:२३

    पवित्र क़ुरआन चमकता हुआ सूर्य है जो अपने प्रकाशमयी मार्गदर्शन से अज्ञानता और अंधकार से मुक्ति दिलाता है और परिपूर्णता तक पहुंचता है।