Pars Today
सऊदी अरब ने पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, इराक़ और सीरिया में तकफ़ीरी आतंकी संगठन बनाने में प्रत्यक्ष रूप से भूमिका निभाई।
हमने इस्लामी क्रांति की सफलता और इस्लामी गणतंत्र ईरान की तस्वीर ख़राब करने में सऊदी अरब के प्रयासों की चर्चा की थी।
ईरान में इस्लामी क्रांति की सफलता के बाद से सऊदी अरब, मध्यपूर्व में सदैव ही इस क्रांति और उसके मूल्यों का विरोधी रहा है।
हमने इस्लाम में सलफ़ीवाद की जड़ों और उसके प्रचारकों के बारे में विस्तार से बताया था।
हमने यह बताया था कि हिजाज़ के समूचे क्षेत्र पर वर्चस्व जमाने और सऊदी अरब देश की स्थापना के समय आले सऊद ने क्या- क्या अपराध किये थे।
हमने बताया कि आले सऊद और वहाबियों ने अपने शासन क्षेत्र में विस्तार के लिए क्या- क्या अपराध अंजाम दिये।
हमने पिछले कुछ कार्यक्रमों में वहाबी विचारधारा के संस्थापक मोहम्मद बिन अब्दुल वह्हाब तथा आले सऊद ख़ानदान से उनक तालमेल, वहाबी विचारधारा के प्रसार और इस पूरी प्रक्रिया में ब्रिटेन की भूमिका के बारे में बात की।
हमने यह बताया था कि अरब प्रायद्वीप पर अपने प्रभाव को मज़बूत और उसे विस्तृत करने के लिए आले सऊद, वहाबियत और ब्रिटेन ने किस तरह एक दूसरे से गठजोड़ किया।
मोहम्मद बिन अब्दुल वह्हाब और मोहम्मद बिन सऊद की आपसी सहमति से दोनों के हित पूरे हुए।
इब्ने तैमिया के बाद मुहम्मद बिन अब्दुल वहाब ने उनके विचारों को पुनर्जीवित किया और उनमें इस्लाम की उच्च शिक्षाओं के बारे में अपने भ्रष्ट विचारों को भी जोड़ दिया।