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अनमोल रत्न क़ासिम सुलेमानी-1
Dec ३१, २०२३ १४:१२दोस्तो ईरान के महान योद्धा जनरल क़ासिम सुलेमानी की शहादत की बरसी को मौक़े के पर विशेष कार्यक्रम की पहली कड़ी के साथ आपकी सेवा में हाज़िर हैं।
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15 खुर्दाद को क्या हुआ था, उसके बारे में ईरानी संविधान में क्या लिखा है?
Jun ०५, २०२२ १३:४१संघर्ष एक ऐसी चीज़ है जिसमें धैर्य, प्रतिरोध और उसका जारी रहना बहुत ज़रूरी है। कोई भी संघर्ष धैर्य व प्रतिरोध के बिना सफल नहीं हो सकता।
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स्वर्गीय इमाम ख़ुमैनी रह. की वफ़ात पर विशेष कार्यक्रम, वर्चस्ववादी शक्तियां ईरान की इस्लामी व्यवस्था के खिलाफ क्यों षडयंत्र रचती रहती हैं?
Jun ०४, २०२२ १६:१६स्वर्गीय इमाम खुमैनी रह. वह महान हस्ती थे जिन्होंने ईरान की इस्लामी व्यवस्था की बुनियाद रखी थी और यह व्यवस्था आज पूरी दुनिया विशेषकर मज़लूम व स्वतंत्र राष्ट्रों के लिए आदर्श बन चुकी है।
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ख़ुर्रम शहर की आज़ादी के बाद स्वर्गीय इमाम ख़ुुमैनी रह. ने क्या कहा था?
May २४, २०२२ १५:२४ख़ुर्रम शहर ईरान के ख़ुज़िस्तान प्रांत का एक शहर है। यह बंदरगाही नगर इराक़ की सीमा पर स्थित है।
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स्वतंत्रता प्रभात (9)
Feb ०९, २०२२ १७:००दोस्तो कार्यक्रम स्वतंत्रता प्रभात की एक अन्य कड़ी के साथ आपकी सेवा में हाज़िर हैं, ...और... का सलाम स्वीकार कीजिए।
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ईरान की वह क्रांति जिसने दुनिया का रुख़ ही बदल दिया, अल्लाह के नेक बंदे इमाम ख़ुमैनी ने किस तरह दुनिया की धारा बदल दी?
Feb ०१, २०२२ १६:४९स्वर्गीय इमाम खुमैनी रह. 14 वर्ष तीन महीने देश से दूर रहने के बाद 12 बहमन 1357 हिजरी शमसी को स्वदेश वापस आये थे।
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इस्लामी क्रांति के सफल्ता के ४१वीं वर्षगांठ और दुश्मनों के निराशे पर चर्चा
Feb १०, २०२० १७:५३इस्लामी क्रांति के सफल्ता के ४१वीं वर्षगांठ और दुश्मनों के निराशे पर चर्चा
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इस्लामी क्रांति दूसरा क़दम- 18
Oct ३०, २०१९ १७:४९ईरान की इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा है कि युवा ज़िम्मेदारों, युवा कर्मचारियों, युवा विद्वानों और युवा कार्यकर्ताओं को राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, नैतिक, न्याय और अंतरराष्ट्रीय मामलों में अपनी ज़िम्मेदारियों को स्वीकार करना चाहिये और वे पहले के लोगों के अनुभवों से लाभ उठायें, क्रांतिकारी दृष्टिकोण, और क्रांतिकारी भावना से काम करें और ईरान को पूरी विकसित इस्लामी व्यवस्था का नमूना बना दें।
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इस्लामी क्रांति दूसरा क़दम- 17
Oct २८, २०१९ १५:४६किसी सरकार के आधारों को मज़बूत बनाने या उसके पतन में जनता की भूमिका का इन्कार नहीं किया जा सकता।
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इस्लामी क्रांति दूसरा क़दम- 16
Oct १६, २०१९ १७:४८जब भी आर्थिक विकास की बात आती है तो यह सवाल उठता है कि क्या इस प्रगति से हासिल आय व सुविधाएं सभी लोगों के बीच न्यायपूर्ण ढंग से बटती हैं?