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शिया-सुन्नी एकता दुश्मनों के मुक़ाबले में प्रतिरोध की मज़बूत नींव / अज्ञानता और संप्रदायता इस्लामी उम्मत के सबसे बड़े दुश्मन
Nov २७, २०२५ १६:३३पार्स टुडे – उत्तरी ख़ुरासान में ईरान की इस्लामी क्रांति के प्रतिनिधि हज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन रज़ा नूरी ने कहा कि मुसलमान समस्याओं का समाधान कर सकते हैं और साझा दुश्मनों के खिलाफ़ दृढ़ रुख अपना सकते हैं।
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शिया और सुन्नी के बीच रिश्तों को मज़बूत करना: पाकिस्तान की मुस्लिम एकता सभा का केंद्रीय मिशन
Nov २६, २०२५ १५:३६पार्स टुडे – पाकिस्तान मुस्लिम एकता सभा के उपाध्यक्ष ने कहा कि शिया और सुन्नी के बीच रिश्तों को मज़बूत करना इस सभा का मुख्य मिशन है।
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पैग़म्बरे इस्लाम की बेटी के शैक्षिक ज्ञान के स्थान के बारे में आप क्या जानते हैं?
Nov २५, २०२५ १६:४३पार्स टुडे – पैग़म्बर इस्लाम (स.) की सुपुत्री हज़रत फ़ातेमा ज़हरा (स.) न केवल पूरे मानव समाज के लिए आदर्श चरित्र और नैतिकता का संपूर्ण आदर्श हैं बल्कि इस्लामी स्रोतों में उनके शैक्षिक, धार्मिक और आध्यात्मिक ज्ञान का स्थान भी स्पष्ट रूप से वर्णित है।
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इस्लाम व्यक्तिगत और सामाजिक ज़िम्मेदारी पर ज़ोर क्यों देता है?
Nov २०, २०२५ १५:०६पार्स टुडे – इस्लाम एक सामाजिक धर्म है जो इंसान की ज़िंदगी के सभी पहलुओं को ध्यान में रखता है, चाहे वह व्यक्तिगत पहलु हो या सामाजिक। इस दृष्टिकोण से, दोनों पहलुओं की अनदेखी के साथ जीवन न तो पूर्ण हो सकता है और न ही सुखद।
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क्या हज़रत महदी अलैहिस्सलाम और हज़रत ईसा अलै. एक ही समय में प्रकट होंगे?
Nov १९, २०२५ १४:३८पार्स-टुडे – हज़रत महदी अलैहिस्सलाम के प्रकट होने का विषय केवल मुसलमानों के लिए एक बड़ा घटनाक्रम व महापरिवर्तन नहीं है बल्कि हज़रत ईसा (अ.) भी इस महान घटना में उपस्थित रहेंगे।
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पैग़म्बरे इस्लाम के उत्तराधिकारी हमदर्दी को सर्वोच्च नेकी क्यों मानते हैं?
Nov १८, २०२५ १६:१९पार्सटुडे- अनेक समाजों में नेकी को केवल आर्थिक सहायता या बाहरी दिखावे तक सीमित कर दिया जाता है लेकिन पैग़ंबरे इस्लाम के उत्तराधिकारी, इमाम अली अलैहिस्सलाम की शिक्षाएँ हमारे सामने एक नया द्वार व आयाम खोलती हैं एक ऐसा द्वार जो नेकी को बाहरी सतह से उठाकर मन की गहराइयों तक ले जाता है।
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दयालुता में पहल करने की कला
Nov ०९, २०२५ १७:४१पार्स टुडे – इस्लामी संस्कृति में सच्ची दयालुता का अर्थ है दूसरों की ज़रूरतों को उनके कहने से पहले ही पूरा करना। यह कला सामूहिक जीवन का हिस्सा है, जो समाज को सम्मान और गरिमा से भर देता है।
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ग़ैर–मुस्लिम विद्वान नहजुल–बलाग़ा से क्यों प्रभावित हैं?
Nov ०५, २०२५ १६:५९पार्स टुडे – नहजुल-बलाग़ा वह महान किताब है जिसमें पैग़ंबरे इस्लाम के उत्तराधिकारी और वसी हज़रत अली (अ.) के कुछ ख़ुत्बे, ख़त और संक्षिप्त वाक्य संकलित हैं।
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क्यों हज़रत इमाम महदी अलै. समस्त मानवता के लिए आशा के प्रतीक हैं?
Nov ०५, २०२५ १५:१८पार्स टुडे – महदवी विचारधारा के मूल में एक स्पष्ट और उत्साहवर्धक संदेश छिपा है, एक बेहतर भविष्य की आशा। यह आशा केवल मुसलमानों तक सीमित नहीं है, बल्कि अनेक धर्मों और मानव संस्कृतियों में यह विश्वास पाया जाता है।
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क्या जो चीज़ हम अपने लिए पसंद नहीं करते, वही पसंद दूसरों के लिए सही है? पैग़म्बरे इस्लाम स. के उत्तराधिकारी ने इसका उत्तर दिया
Nov ०४, २०२५ १७:०३पार्स टुडे – बहुत से समाजों में दूसरों के साथ व्यवहार का मापदंड पद, शक्ति या स्वार्थ पर आधारित होता है लेकिन इमाम अली (अ.) जो पैग़ंबर इस्लाम (स.) के उत्तराधिकारी और प्रतिनिधि थे, की नैतिक शिक्षाएँ हमें एक बिल्कुल अलग दृष्टिकोण प्रदान करती हैं।