Pars Today
अंतरराष्ट्रीय संघ उम्मते वाहेदा के प्रयासों से ईरानी जनता की ओर से पीड़ित रोहिंग्या मुसलमानों के लिए सहायता सामग्री की पहली खेप बांग्लादेश पहुंच गई है।
सऊदी अरब में रहने वाले, विशेषकर काम-काज की तलाश में जाने वाले नए लोगों के लिए बुरी ख़बर है, क्योंकि रियाज़ सरकार ने विदेशियों के लिए बहुत ही कड़े नए क़ानून का एलान किया है।
भारत ने कहा है कि राख़ीन प्रांत में रोहिंग्या मुसलमानों की घर वापसी से ही म्यांमार में जारी हिंसा पर कंट्रोल किया जा सकता है।
म्यांमार में सेना के आतंक से जान बचाकर भागने पर मजबूर रोहिंग्या मुसलमानों में से कुछ लोगों की नाव पटलने से मौत हो गयी।
अब तक म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमानों की सहायता के लिए ईरान 130 टन ज़रूरी सामान बांग्लादेश भेज चुका है।
म्यांमार से अपनी जान बचाकर बांग्लादेश की ओर आ रहे रोहिंग्या मुसलमानों की एक नाव दुर्घटना का शिकार हो गई, जिसके कारण बच्चों सहित 12 लोगों की जान चली गई है।
म्यांमार में कुछ दिनों की शांति के बाद एक बार फिर से रोहिंग्या मुसलमानों के नरसंहार का सिलसिला शुरू हो गया है।
25 अगस्त से रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ म्यांमार की सेना और चरमपंथी बौद्धों के हमलों में कम से कम 6 हज़ार मुसलमान मारे जा चुके हैं
म्यांमार से अपनी जान बचाकर भागने वाले रोहिंग्या मुसलमानों के शरणरार्थी कैंपों में महामारी का ख़तरा बढ़ता जा रहा है।
म्यांमार की सेना और चरमपंथी बौद्धों के हमलों से बचने के लिए बांग्लादेश भागने वाला बदनसीब परिवार अपने शिशु को नहीं बचा सका। तट तक पहुंचने से पहले नौका डूब गई।