Pars Today
हर वह राष्ट्र जिसने इस्लाम को स्वीकार किया उसने एकेश्वर पर आस्था की घोषणा करते हुए यह बात मानी कि हज़रत मुहम्मद (स) ईश्वर के अन्तिम दूत हैं।
ईरान की धरती के कुछ भाग के शुष्क और अर्ध शुष्क भौगोलिक माहौल के दृष्टिगत, इस देश की वास्तुकला में बहुत अधिक विविधता पायी जाती है।
पिछली शताब्दियों में हम्माम का निर्माण पैसा कमाने के लिए नहीं होता था। इसके निर्माण के पीछे धार्मिक आस्था व नैतिक भावना होती थी।
कार्यक्रम में हम आपको एसी ईरानी इमारत के बारे में बताने जा रहे हैं जो अब अपना मूल स्वरूप धीरे-धीरे खोती जा रही है।
कार्यक्रम में ईरान के कुछ महशूर पुल के बारे में चर्चा करेंगे ।
ईरान की वास्तुकला में चार प्रकृतिक तत्व शामिल रहे हैं, मिट्टी, पानी, हवा और आग।
नगरों में बहुत सी इमारतें नज़र आती हैं, इसी तरह रास्तें सड़कें, पार्क और चौराहे, सब कुछ अलग अलग नगरों से विशेष होते हैं और यह सब मिल कर किसी नगर का रूप बनाते हैं और यह सब एक दूसरे से संबंधित होते हैं।
पिछले कुछ कार्यक्रमों में हम ईरानी क़िले और इनकी वास्तुकला की विशेषताओं से परिचित कराया।
पिछले कार्यक्रमों में हम ने कुछ ऐसी इमारतों पर चर्चा की थी कि जहां शासक और राजा रहा करते थे।
हमने बताया था कि ईरान के विभिन्न नगरों में विशेष प्रकार के किले बनाये जाते थे।