ईरान में सांप्रदायिक हिंसा फैलाने के लिए मौलवी वाहिद के हत्यारों को बाहर से मिल रहे थे आदेश
ईरान के गृहमंत्री ने कहा कि मौलवी अब्दुल वाहिद रीगी के हत्यारों को विदेश से आदेश मिल रहे थे।
ईरान के सीस्तान व बलोचिस्तान प्रांत के ख़ाश नगर के मौलवी अब्दुल वाहिद रीगी, इमामे जुमा थे। वे अपने क्षेत्र के बहुत मश्हूर सुन्नी धर्मगुरू थे।
आठ दिसंबर को कुछ अज्ञात लोगों ने मौलवी अब्दुल वाहिद रीगी का अपहरण करके उनकी हत्या कर दी थी। इस्लामी गणतंत्र ईरान के गुप्तचर मंत्रालय ने 14 दिसंबर को बयान जारी करके बताया था कि ईरान के सुन्नी धर्मगुरू मौलवी अब्दुल वाहिद की हत्या के संबन्ध में तीन लोगों को देश से निकल भागने के प्रयास में गिरफ़्तार किया गया है।
इन लोगों के बारे में ईरान के गृहमंत्री अहमद वहीदी ने बताया है कि मौलवी अब्दुल वाहिद रीगी की हत्या के संबन्ध में गिरफ़्तार किये गए लोगों से प्राप्त जानकारी में पता चला है कि उनको विदेश से निर्देश मिल रहे थे जिसका उद्देश्य सांप्रदायिक हिंसा फैलाना था।
अहमद वहीदी ने कहा कि ईरान के सुन्नी धर्मगुरू मौलवी अब्दुल वाहिद रीगी, क्रांतिकारी थे जो शत्रुओं का डटकर मुक़ाबला करते थे।इसी वजह से उनको शहीद किया गया। उन्होंने कहा कि मौलवी अब्दुल वाहिद रीगी की शहादत ने सीस्तानियों और बलोचों के बीच आपसी सौहार्द को दर्शाते हुए बताया कि वे लोग सीमा की सुरक्षा के प्रति कितने कटिबद्ध हैं।
ईरान की दुश्मन ताक़तों के एजेंट अचानक एक कार से मस्जिदे इमाम हुसैन (अ) पहुंचे। इसी मस्जिद में शहीद मौलवी अब्दुल वाहिद नमाज़ पढ़ाते थे। आतंकियों ने वहां से उनका अपहरण किया और एक सुनसान रास्ते में ले जाकर उनके सिर में तीन गोलियां मारकर उन्हें शहीद कर दिया। शहीद मौलवी अब्दुल वाहिद का शव 8 दिसंबर को सड़क के किनारे झाडियों में मिला था।
हमारा व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए क्लिक कीजिए
हमारा टेलीग्राम चैनल ज्वाइन कीजिए