ईरान के भीतर पवित्र क़ुरआन के सीखने और सिखाने का स्तर बहुत अच्छा हैः वरिष्ठ नेता
पवित्र रमज़ान के पहले दिन इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने पवित्र क़ुरआन की सभा में भाग लिया।
आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई ने गुरूवार को रमज़ान की पहली तारीख़ को तेहरान में पवित्र क़ुरआन के क़ारियों से मुलाक़ात में कहा कि पवित्र क़ुरआन की तिलावत का लक्ष्य सुनने वालों को प्रभावित करना होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए क़ुरआन के अनुवाद और उसकी व्याख्या से लाभ उठाना ज़रूरी है।
वरिष्ठ नेता ने ईरान में दक्ष और मश्हूर क़ारियों की उपस्थति पर ईश्वर का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि देश के भीतर क़ुरआन के सीखने और सिखाने का स्तर बहुत अच्छा है जो बहुत खुशी की बात है। आपने कहा कि पवित्र क़ुरआन के रूप में ईश्वर के संदेश को दूसरों तक पहुंचाना गौरव की बात है।
वरिष्ठ नेता का कहना था कि पवित्र क़ुरआन का सुनना, ईश्वर पर विश्वास के लिए ज़रूरी है और साथ ही यह ईश्वर की अनुकंपा को प्राप्त करने की भूमिका भी है। एसे में क़ुरआन को बहुत ही ध्यान से सुनना चाहिए। उन्होंने कहा कि क़ुरआन के विशेषज्ञों और क़ारियों के लिए ज़रूरी है कि वे एसा रास्ता ढूंढे जिसके माध्यम से सुनने वालों को आयतों के महत्वपूर्ण विषयों से अवगत करवाया जा सके।
आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामनेई का कहना था कि पवित्र क़ुरआन, मानव जीवन के लिए पाठ है। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक, राजनैतिक क्षेत्रों यहां तक कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी क़ुरआन में पाठ निहित हैं। पवित्र क़ुरआन को सीखने के लिए हमें भरसक प्रयास करने चाहिए।
वरिष्ठ नेता ने कहा कि ईश्वर की कृपा से इस समय ईरान के भीतर पवित्र क़ुरआन को सीखने और सिखाने के लिए उचित अवसर मौजूद हैं। उनका कहना था कि कुछ क़ारी केवल अपनी आवाज़ को सुनाने के लिए विभिन्न शैलियों से पवित्र क़ुरआन को पढ़ते हैं जो उचित नहीं है। वरिष्ठ नेता ने कहा कि पवित्र क़ुरआन को सही ढंग से पढ़ना वास्तव में एक कला है जिसके माध्यम से सुनने वाले को आकर्षित करना चाहिए।
हमारा व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए क्लिक कीजिए
हमारा टेलीग्राम चैनल ज्वाइन कीजिए