Apr १२, २०२३ ०९:१० Asia/Kolkata
  • आज समूचा ईरान शोकाकुल है

सन् 40 हिजरी कमरी में इब्ने मुल्जिम मुरादी नाम के महाधर्मभ्रष्ट व्यक्ति ने रमज़ान के पवित्र महीने की 19 तारीख को आपके पावन सिर पर उस वक्त प्राणघातक हमला किया था जब आप कूफा की मस्जिद में सुबह की नमाज़ पढ़ा रहे थे और 21 रमज़ान को हज़रत अली अलैहिस्सलाम शहीद हो गये।

जिस रात हज़रत अली अलैहिस्सलाम पर ज़हर से बुझाई तलवार से हमला किया गया उस दिन शाम को हज़रत अली अलैहिस्सलाम बार- बार कमरे से बाहर जाते और आसमान की ओर देखकर कहते थे ईश्वर की सौगंध! मैं झूठ नहीं बोल रहा हूं और मुझसे झूठ नहीं कहा गया है यह वही रात है जिस रात मुझसे शहादत का वादा किया गया है।

उस रात हज़रत अली अलैहिस्सलाम ने भोर तक महान ईश्वर की उपासना व इबादत में गुज़ारी यहां तक कि हज़रत अली अलैहिस्सलाम मस्जिदे कूफा में सुबह की नमाज़ पढ़ा रहे थे कि धर्मभ्रष्ट इब्ने मुल्जिम नामक महादुष्ट ने ज़हर में बुझाई तलवार से उनके पावन सिर पर 19 रमज़ान को रोज़े और नमाज़ की हालत में प्राणघातक हमला किया और 21 रमज़ान को हज़रत अली अलैहिस्सलाम शहीद हो गये।

हज़रत अली अलैहिस्सलाम की शहादत के दुःखद अवसर पर समूचा ईरान शोकाकुल है और धार्मिक और ग़ैर धार्मिक स्थलों पर शोकसभाओं के आयोजनों का सिलसिला जारी है। MM

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