इमाम हसन असकरी की शहादत
आज पूरे ईरान में ग्यारहवें इमाम की शहादत मनाई जा रही है।
8 रबीउल अव्वल सन 260 हिजरी क़मरी को इमाम हसन असकरी अलैहिस्सलाम की शहादत हुई थी। आपकी क़ब्र इराक़ के सामर्रा नगर में है।
इमाम हसन असकरी की शहादत के दुखद अवसर पर कल रात से ईरान में शोक सभाओं का क्रम जारी है। वक्ता और धर्मगुरू इस संबन्ध में अपने प्रवचनों को इमाम की विशेषताएं एवं उनके बलिदान का उल्लेख कर रहे हैं।
मजलिसों के साथ ही साथ मातम और सीनाज़नी की जा रही है। हर ओर शोक का समा बंधा हुआ है। ईरान के धार्मिक नगरों मशहद और क़ुम में श्रद्धाुलओं की संख्या बहुत अधिक है जो इमाम की शहादत मनाने के लिए ईरान के विभिन्न नगरों से वहां पहुंचे हैं।
इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम ने मात्र 6 वर्षों तक इमामत की थी। आठ रबीउल अव्वल सन 260 हिजरी कमरी को अब्बासी खलीफा ने ज़हर दिलवा कर आपको शहीद कर दिया। उस समय इमाम की उम्र मात्र 28 साल थी। उस दिन पूरा इस्लामी जगत विशेषकर सामर्रा शोक में डूब गया।
इमाम हसन अस्करी अलैहिस्सलाम के पार्थिव शरीर को उसी घर में अपने पिता की समाधि के बगल में दफ्न कर दिया गया जिसमें आपको नज़रबंद करके रखा गया था।
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