Dec ३०, २०२३ १८:३६ Asia/Kolkata
  • ईरान में चेतना दिवस के मौक़े पर राष्ट्रपति रईसी का धमाकेदार भाषण, देश के ख़िलाफ़ षड्यंत्र रचने वालों को जनता का मुंहतोड़ जवाब

आज शनिवार  30 दिसंबर, बराबर 9 दय ईरान के इतिहास का एक महत्वपूर्ण दिन है। ईरान की जनता ने इस्लामी क्रांति की सफलता से लेकर आज तक कई अवसरों पर अपनी यादगार भूमिका से यह साबित कर दिया कि इस क्रांति की रक्षा करना उसे बहुत अच्छी तरह आता है। दिसंबर सन 2009 में ईरान की इस्लामी जनता ने वह यादगार क़दम उठाया जिसने ईरान की व्यवस्था और जनता के बीच दूरी बनाने की सभी साज़िशों पर पानी फेर दिया।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, इस्लामी गणराज्य ईरान के राष्ट्रपति सैयद इब्राहीम रईसी ने 30 दिसंबर बराबर 9 दय के ऐतिहासिक मौक़े पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अंतर्दृष्टि के साथ, बुराई का प्रवाह पूरी तरह से हाशिये पर चला जाएगा। चेतना दिवस के दिन, लोगों ने वास्तव में दिखाया कि वे राजद्रोह को अच्छी तरह से जानते थे, यही कारण था कि उन्होंने देश की ओर उठने वाली हर बुरी नज़र को सही तरीक़े से पहचान की और उसको वापस उनके सही स्थान तक पहुंचा दिया। राष्ट्रपति रईसी ने कहा कि इस दिन जिस तरह ईरानी जनता ने वरिष्ठ नेतृत्व के प्रति अपनी श्रद्धा और प्रतिबद्धता प्रकट की वह ईरान की इस्लामी क्रांति के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय बन गया और इस अध्याय का नाम रखा गया दूरदर्शिता और वरिष्ठ नेतृत्व से प्रतिबद्धता का दिन। यह वह दिन है कि जब षड्यंत्रकारियों ने ईरानी जनका के मज़बूत इरादों के सामने दम तोड़ दिया था।

राष्ट्रपति रईसी ने शनिवार को "दार्शनिक अल्लामा मिस्बाह यज़्दी" की स्मृति में आयोजित तीसरे सम्मेलन में भाग लेने वालों का संबोधित करते हुए कहा कि धार्मिक मान्यताओं की तार्किक और तर्कसंगत रक्षा और बौद्धिक और वैचारिक विचलन से निपटना एक केंद्रीय बिंदु है। उन्होंने कहा कि इस बिंदु पर सभी विचारकों और विद्वानों का ध्यान होना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि 9 दय बराबर 30 दिसंबर 2009 का दिन वास्तव में एक महान महाकाव्य है और इसे देश के इतिहास में याद रखा जाना चाहिए। उल्लेखनीय है कि सन 2009 में ईरान में राष्ट्रपति चुनाव का आयोजन हुआ ठीक उसी तरह से जैसे किसी भी अन्य देश में होता है। राष्ट्रपति चुनाव के एक उम्मीदवार को पश्चिमी शक्तियों ने, अपने प्रचारों से काफ़ी उम्मीद दिला दी थी मगर जब चुनाव परिणाम घोषित हुए तो उस उम्मीदवार को हार मिली लेकिन उस उम्मीदवार ने अपनी हार मानने से इन्कार कर दिया और चुनाव परिणाम की सरकारी घोषणा से पहले ही अपनी जीत का एलान कर दिया जिसके बाद अचानक ही ईरान के कई शहरों में व्यापक स्तर पर दंगे भड़क उठे और हंगामे होने लगे। लेकिन इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता की दूरदर्शिता और उनका स्ट्रैटेजिक धैर्य तथा जनता की भरपूर उपस्थति ने ईरानी राष्ट्र को अमेरिकी और पश्चिमी शक्तियों के इस षडयंत्र पर विजयी दिलाई। (RZ)

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