Jan ०४, २०२४ १३:०१ Asia/Kolkata

ईरान के दुश्मनों ने पुनः आतंकवादी कार्यवाही करके सैकड़ों निर्दोष ईरानी नागरिकों को शहीद और घायल कर दिया।

बुधवार को केरमान नगर में आईआरजीसी की क़ुद्स ब्रिगेड के पूर्व कमांडर शहीद क़ासिम सुलैमानी की बरसी मनाई जा रही थी। 

केरमान के गुल्ज़ारे शोहदा नामक क़ब्रिस्तान के निकट शाम के समय थोड़े अंतराल से दो आतंकी विस्फोट हुए।  इन आतंकी धमाकों में 103 लोग शहीद और 211 अन्य घायल हो गए। 

इस संबन्ध में इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा है कि अपराधियों को जान लेना चाहिए कि शहीद सुलैमानी का रास्ता तै करने वाले, इन अपराधियों के अपराधों को बर्दाश्त नहीं करेंगे।  राष्ट्रपति रईसी ने भी केरमान के गुल्ज़ारे शोहदा की आतंकी घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए इस को अंजाम देने वालों कों ढूंढने की बात कही है। 

दुनिया के देशों में इस्लामी गणतंत्र ईरान एसा देश है जो आरंभ से आतंकवाद की भेंट चढ़ता रहा है।  आतंकवादी कार्यवाहियों में अबतक ईरान के 17000 से अधिक नागरिक शहीद हो चुके हैं जिनमें आम लोग और अधिकारी सब ही शामिल हैं। 

पश्चिमी एशिया में आतंकवादियों को प्रशिक्षित करना, उनकी आर्थिक एवं सैन्य सहायता करना और उनके लिए गोपनीय सूचनाएं उपलब्ध करवाना, दुश्मनों का काम रहा है।  इस संदर्भ में कई उदाहरण पेश किये जा सकते हैं जैसे जरनरल क़ासिम सुलैमानी की हत्या, सीस्तान व बलोचिस्तान प्रांत के रास्क में सुरक्षाकर्मियों के मुख्यालय पर हमला, पिछले वर्ष के आरंभ में इमाम रज़ा के रौज़े पर हमला, संसद और स्वर्गीय इमाम खु़मैनी के मज़ार पर आक्रमण, इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम के रौज़े के भीतर विस्फोट तथा परमाणु वैज्ञानिकों की हत्याएं आदि।  इस प्रकार की आतंकवादी कार्यवाहियों से शत्रुओं का लक्ष्य ईरान के भीतर अशांति पैदा करना है। 

हमें इस बात को याद रखना चाहिए कि ईरान के विरुद्ध इतनी अधिक आतंकवादी कार्यवाहियों के बावजूद विश्व समुदाय ने न केवल इनको रोकने के लिए कोई क़दम नहीं उठाया बल्कि आतंकवादियों का समर्थन करने वाली सरकारों ने भी इन कार्यवाहियों में अपनी भूमिका से इन्कार कर दिया है।  उदाहरण स्वरूप केरमान के गुल्ज़ारे शोहदा की आतंकवादी घटना के संदर्भ में अमरीका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने दावा किया है कि ईरान में विस्फोटों में वाशिग्टन की कोई भूमिका नहीं है और इस बात का भी कोई प्रमाण मौजूद नहीं है कि हम यह मान लें कि इसमें इस्राईल का हाथ रहा है।

हालांकि बुधवार की केरमान के गुल्ज़ारे शोहदा की आतंकवादी घटना की ज़िम्मेदारी किसी ने भी स्वीकार नहीं की है किंतु कुछ दिन पहले सीरिया में ईरान के बहुत ही अनुभवी सैन्य सलाहकार सैयद रज़ी मूसवी की हत्या और उसके बाद ही लेबनान में हमास के एक बड़े नेता सालेह अलआरूरी की हत्या के कारण अब बहुत सी उंगलियां, अवैध ज़ायोनी शासन की ओर उठने लगी हैं। 

इसी बीच केरमान की आतंकवादी घटना के संदर्भ में ईरान के गृहमंत्री अहमद वहीदी ने कहा है कि इसका जवाब पूरी शक्ति के साथ बहुत ही कम समय के भीतर दिया जाएगा।

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