Feb २८, २०२४ १५:३३ Asia/Kolkata
  • ग़ज़्ज़ा की स्थति, चीख़-चीख़ कर मानवाधिकारों के दावेदारों की वास्तविकता बता रही हैःकनआनी

कुछ पश्चिमी सरकारें अब भी मानवाधिकारों को एक हथकण्डे के रूप में प्रयोग कर रही हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने जर्मनी द्वारा इस्लामी गणतंत्र ईरान पर आरोप लगाने को इस देश की ओर से ज़ायोनियों के समर्थन पर पर्दा डालने के अर्थ में बताया है। 

नासरि कनआनी ने कहा कि यह कैसी विडंबना है कि कुछ पश्चिमी सरकारें, मानवाधिकारों का हनन करने वालों का खुला समर्थन करने के बावजूद, मानवाधिकारों के रक्षक बनने का दावा करती हैं। 

उनका कहना था कि जर्मनी की सरकार, मानवाधिकारों के समर्थन का दावा करने के बावजूद अवैध ज़ायोनी शासन का समर्थन करती है और उसके द्वारा फ़िलिस्तीनियों के विरुद्ध की जा रहीं मानवता विरोधी कार्यवाहियों को अनदेखा कर रही है।  वह मानवाधिकारों को हथकण्डे के रूप में प्रयोग करती है।  वह मानवाधिकारों को दूसरे देशों में हस्तक्षेप करने के लिए प्रयोग करती है। 

ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि मैं जर्मनी को सलाह देता हूं कि वह मानवाधिकारों को राजनीतिक खिलवाड़ न बनाएं।  उन्होंने कहा कि पूरे ग़ज़्ज़ा की अत्यधिक चिंताजनक स्थति, चीख़-चीख़ कर मानवाधिकारों के दावेदारों की वास्तविकता को बता रही है। 

अगर वास्तव में जर्मनी और उसके घटक, मानवाधिकारों की रक्षा का दम भरते हैं तो उनको चाहिए कि वे ग़ज़़्ज़ा में ज़ायोनियों द्वारा किये जा रहे अत्याचारों की जांच करने के लिए एक विशेष तथ्यपरक समिति का गठन करे। 

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