Jun १०, २०२४ १९:४३ Asia/Kolkata
  • ईरानी राष्ट्रपति चुनाव में शामिल होने वाले 6 उम्मीदवारों के बारे में विस्तार से जानिए + तस्वीरें
    ईरानी राष्ट्रपति चुनाव में शामिल होने वाले 6 उम्मीदवारों के बारे में विस्तार से जानिए + तस्वीरें

इस्लामी गणतंत्र ईरान के संविधान की संरक्षक परिषद ने रविवार 9 जून की शाम ईरान के 14वें राष्ट्रपति चुनाव में भाग लेने वाले योग्य उम्मीदवारों के नामों का एलान किया।

गृहमंत्रालय मंत्रालय की ओर से जिन 6 प्रत्याशियों के नामों की पुष्टि की गयी है उनके नाम इस तरह से हैं: श्री मुस्तफा पूरमुहम्मदी, श्री सईद जलीली, श्री मुहम्मद बाक़र क़ालीबाफ़, श्री अलीरज़ा ज़ाकानी, श्री अमीर हुसैन क़ाज़ीज़ादे हाशेमी और श्री मसऊद पिज़िश्कियान।

पार्सटुडे की इस रिपोर्ट में हम 1403 हिजरी शम्सी के राष्ट्रपति चुनाव के 6 उम्मीदवारों के अतीत पर रोशनी डालेंगे:

मसऊद पिज़िश्कियान, 8वीं सरकार में स्वास्थ्य मंत्री/कार्डियक सर्जन

डॉक्टर पिज़िश्कियान अपनी बेटी के साथ

 

मसऊद पिज़िश्कियान का जन्म 7 मेहर माह 1333 हिजरी शम्सी को पश्चिमी आज़रबाजान प्रांत के महाबाद में हुआ था। उन्होंने अपना डिप्लोमा हासिल करने के बाद, 1352 हिजरी शम्सी में ज़रूरी मिलिट्री सर्विस के लिए सीस्तान और ब्लूचिस्तान प्रांत के ज़ाबुल शहर जाना पड़ा। इसी अवधि के दौरान उनकी रुचि मेडिकल में बढ़ी और इसके परिणामस्वरूप, 1354 हिजरी शम्सी में अपनी मिलिट्री सर्विस पूरी करने के बाद, उन्होंने मेडिकल साइंस में अपना दूसरा डिप्लोमा प्राप्त किया और 1355 में उन्हें तबरीज़ यूनिवर्सिटी ऑफ़ मेडिकल साइंसेज के चिकित्सा विभाग में नौकरी मिल गयी।

ईरान ख़िलाफ़ इराक़ के युद्ध के दौरान डॉक्टर पिज़िश्कियान की फ़ोटो

 

मुहम्मद ख़ातमी की दूसरी सरकार में डॉक्टर पिज़िश्कियान स्वास्थ्य मंत्री रहे और 8वीं, 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं सरकारों में वह संसद में तबरीज़ के सांसद के रूप में लगातार मौजूद रहे।वह 10वीं संसद में, उपसंसद सभापति भी रहे।

उन्होंने 13वें राष्ट्रपति चुनाव में भी नामांकन किया था लेकिन गार्जियन काउंसिल ने उनके नाम की पुष्टि नहीं की और उन्हें चुनाव में खड़े होने की इजाज़त नहीं मिली।

 

मुस्तफ़ा पूर मुहम्मदी, इस्लामी क्रांति दस्तावेज़ केंद्र (Islamic Revolution Document Center) के प्रमुख/ फ़िक़्ह और इस्लामी क़ानून में पीएचडी


डॉक्टर पूर मुहम्मदी

 

मुस्तफ़ा पूर मुहम्मदी का जन्म 18 इस्फ़ंद सन 1338 हिजरी शम्सी में पवित्र नगर क़ुम में हुआ था। श्री पूर मुहम्मदी ने पवित्र नगर क़ुम से आरंभिक धार्मिक शिक्षा प्राप्त की और उसके बाद पवित्र मशहद, क़ुम और तेहरान में हक्कानी धार्मिक शिक्षा केन्द्र से उसूल और फ़िक़्ह में दर्से ख़ारिज की डिग्री हासिल की। उन्होंने धार्मिक शिक्षा केन्द्रों से इस्लामी नियम और न्याय शास्त्र में चौथे चरण की डिग्री हासिल की जो डॉक्टरेट के समकक्ष होती है।

पूर मुहम्मदी ने 1358 में इस्लामी क्रांति के अभियोजक (prosecutor) के रूप में अपनी गतिविधियां शुरू की और 1365 तक खुज़िस्तान, हुर्मुज़गान, किरमानशाह और ख़ुरासान प्रांतों में अभियोजक (prosecutor) के रूप में काम किया।

पवित्र प्रतिरक्षा और ईरान के ख़िलाफ़ इराक के युद्ध के दौरान डॉ. पूर मुहम्मदी की एक तस्वीर

 

वह 1376 से 1378 तक उप एंटीलीजेंस मिनिस्टर रहे। वह 1384 से 1387 के बीच 14वें राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार थे और  9वीं सरकार के गृहमंत्री के रूप में उन्होंने काम किया जबकि 1387 से 1392 तक वह देश के सामान्य निरीक्षण संगठन (General Inspection Organization of the country) के प्रमुख थे।

पूर मुहम्मदी 1392 में 11वीं सरकार के सत्ता में आने के बाद न्याय मंत्री बने और चार साल तक इसी पद पर रहे।

वह वर्तमान समय में संघर्षकर्ता धर्मगुरुओं की सोसाइटी के महासचिव के रूप में कार्यरत हैं और इस्लामिक रेवोल्यूशन डॉक्यूमेंटेशन सेंटर के प्रमुख का पदभार भी संभाल रहे हैं।

 

सईद जलीली, विदेशी संबंधों की रणनीतिक परिषद के सदस्य/राजनीति विज्ञान (political science) में पीएचडी

डॉक्टर सईद जलीली

 

श्री सईद जलीली का जन्म 15 शहरीवर 1344 को पवित्र शहर मशहद में हुआ था। आठ साल के ईरान-इराक़ युद्ध के दौरान, श्री सईद जलीली हाई स्कूल से लेकर अपने छात्र जीवन के दौरान कई बार युद्ध के मोर्चों पर गये।

 दै माह 1365 हिजरी शम्सी में वह इमाम रज़ा ख़ुरासान की 21वीं ब्रिगेड के वॉचमैन थे जो कर्बला ऑप्रेशन में घायल हो गए और सुविधाओं की कमी और आपातकालीन स्थिति की वजह से शालमचे क्षेत्र के फ़ील्ड अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने अपना दाहिना पैर खो दिया। इसके बाद वह सेना की रसद बटालियन का हिस्सा बन गये।

सईद जलीली ने 1368 में विदेश मंत्रालय के निरीक्षण विभाग के प्रमुख का पदभार संभाला और आधिकारिक तौर पर देश के राजनीति में क़दम रखा। उसके बाद, उन्होंने विदेश मंत्रालय में अमेरिकी विभाग के फ़र्स्ट डिप्टी के रूप में काम किया।

ईरान के ख़िलाफ़ पवित्र प्रतिरक्षा और इराक़ युद्ध के दौरान डॉ. जलीली की फ़ोटो

 

वह एक सिद्धांतवादी रुझान वाले राजनीतिक कार्यकर्ता हैं। सन 1386 हिजरी शम्सी से 19 शहरीवर 1392 तक वह सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव और पश्चिमी देशों के साथ ईरान की परमाणु वार्ताकार टीम के प्रमुख के रूप में काम करते रहे।

वर्ष1392   हिजरी शम्सी में उन्होंने 11वें राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन कराया और 40 लाख वोट हासिल करके तीसरे स्थान पर रहे। तभी से श्री सईद जलीली ईरान की एक्सपेडिएंसी काउंसिल के सदस्य रहे हैं।

1396  हिजरी शम्सी के चुनावों में  सईद जलीली ने शहीद सैयद इब्राहीम रईसी का समर्थन किया और उनके लिए प्रचार प्रसार किया था।

श्री जलीली ने वर्ष 1400 हिजरी शम्सी के 13वें राष्ट्रपति चुनाव में एक उम्मीदवार के रूप में नामांकन कराया और चुनाव से दो दिन पहले, उन्होंने शहीद सैयद इब्राहीम रईसी के पक्ष में चुनाव से अपना नाम वापस ले लिया।

अली रज़ा ज़ाकानी, तेहरान के मेयर/परमाणु चिकित्सा में पीएचडी

डॉ. ज़ाकानी

अली रज़ा ज़ाकानी का जन्म 12 इस्फ़ंद माह सन 1344 हिजरी शम्सी को हुआ था।

श्री ज़ाकानी को 1368 हिजरी शम्सी में तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ़ मेडिकल साइंसेज के चिकित्सा विभाग क़बूल किया गया और 1376 हिजरी शम्सी की गर्मियों के मौसम में उन्होंने जनरल डॉक्टरेट की डिग्री हासिल की और फिर 1380 में परमाणु चिकित्सा में स्पेश्लाइज़ेशन का कोर्स किया और 1383 में इसे पूरा कर लिया।

उनको इमाम खुमैनी अस्पताल और शरीयती अस्पताल के परमाणु चिकित्सा केंद्र में तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज के संकाय के सदस्य होने का अनुभव हासिल है।  

पवित्र रक्षा काल और इराक़ द्वारा ईरान पर थोपे गये युद्ध के दौरान डॉ. ज़ाकानी की एक तस्वीर

 

ज़ाकानी 7वीं, 8वीं और 9वीं संसद में तेहरान के सांसद थे और 11वें कार्यकाल में वह क़ुम के प्रतिनिधि के रूप में संसद के लिए चुने गए थे।

ज़ाकानी की अन्य ज़िम्मेदारियों में मजलिसे शूराए इस्लामी के अनुसंधान केंद्र का प्रमुख होना, तेहरान यूनिवर्सिटी ऑफ़ मेडिकल साइंसेज के छात्रों के इस्लामिक एसोसिएशन की केंद्रीय परिषद का सदस्य होना, तेहरान यूनिवर्सिटी और तेहरान मेडिकल साइंसेज के छात्र मोर्चे का प्रभारी होना और तेहरान प्रांत में विश्वविद्यालयों की छात्रों की लामबंदी, रेड क्रिसेंट सोसाइटी की सर्वोच्च परिषद में सदस्यता इत्यादि शामिल है।

वह 1400 में तेहरान के मेयर बने और 1402 में उन्हें राष्ट्रपति के सहायक के रूप में नियुक्त किया गया।

सैयद अमीर हुसैन क़ाज़ी ज़ादे हाशमी, उपराष्ट्रपति और शहीदों व बलिदानियों के मामलों के फाउंडेशन के प्रमुख/मेडिसिन में डाक्ट्रेट, ओटोरहिनोलारिंजोलॉजिस्ट (otolaryngologist)

 

डॉ. क़ाज़ी ज़ादे

 

सैयद अमीरहोसैन क़ाज़ी ज़ादे हाशेमी का जन्म 25 फ़रवरदील 1350 को फ़रिमान इलाक़े में हुआ था। वह एक सिद्धांतवादी डॉक्टर और राजनीतिज्ञ हैं और मजलिसे शूराए इस्लामी के उप प्रमुख और 11वीं संसद में मशहद के सांसद और प्रतिनिधि हैं।

उन्होंने पहले संसद के 8वें, 9वें और 10वें कार्यकाल में मशहद और कलात निर्वाचन क्षेत्रों के सांसद औ प्रतिनिधि के रूप में काम किया था और 9वें और 10वें कार्यकाल में वह संसद की पीठासीन समिति के सदस्य बने।

ईरान के विरुद्ध इराक़ द्वारा थोपे गये युद्ध और पवित्र रक्षा काल के दौरान डॉ. क़ाज़ी ज़ादे की एक फ़ोटो

 

1400  हिजरी शम्सी में उन्हें 13वीं सरकार में उपराष्ट्रपति और शहीदों और बलिदानियों के फाउंडेशन के प्रमुख के पद पर नियुक्त किया गया था। क़ाज़ी ज़ादे हाशेमी 13वें राष्ट्रपति चुनाव में भी उम्मीदवार थे और वे बड़ी संख्या में जनता का वोट हासिल करके चौथे स्थान पर रहे।

मुहम्मद बाक़िर कालीबाफ़, स्पीकर /राजनीतिक भूगोल में पीएच.डी

डॉ. क़ालीबाफ़ अपनी पत्नी के साथ

 

मुहम्मद बाक़र क़ालीबाफ़ का जन्म पहली शहरीवर 1340 हिजरी शम्सी को तरक़बा शहर में एक धार्मिक परिवार में हुआ था।

नस्र 5 ख़ारासान डिवीजन के कमांडर

 

1357  हिजरी शम्सी में इस्लामी क्रांति की सफलता के बाद दुश्मनों और क्रांति-विरोधी गुटों की गतिविधियां अपने चरम पर पहुंच गयीं थी इसलिए क्रांति पर की रक्षा की ज़रूरत थी। इमाम खुमैनी (रह) के आदेश से इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स का गठन, थोपे गये युद्ध के तुरंत बाद किया गया।

युवा क़ालीबाफ़ 1358 हिजरी शम्सी में 18 साल की उम्र में मोर्चे पर गये और अपनी क्षमताओं के कारण, उन्हें 1361 में इमाम रज़ा ब्रिगेड (अलैहिस्सलाम) के कमांडर के रूप में चुना गया और एक साल बाद 5वीं नस्र खुऱासान डिवीजन कमांडर के रूप में चुने गये।

क़ालीबाफ़ ने 5वें नस्र डिवीजन के साथ मिलकर पवित्र प्रतिरक्षा काल के ज़्यादातर अभियानों में शहीद बाक़िरी, शहीद हिम्मत, ख़र्राज़ी, काज़ेमी, सय्याद शीराज़ी और अपने भाई शहीद हसन क़ालीबाफ़ जैसे शहीदों के साथ देश की क्रांति और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा की। उनके भाई शहीद हसन क़ालीबाफ़ चौथे कर्बला ऑपरेशन में शहीद हो गये थे।

ईरान के विरुद्ध इराक़ द्वारा थोपे गये युद्ध और पवित्र रक्षा काल के दौरान डॉ. क़ालीबाफ़ की एक तस्वीर

ख़ातमुल अंबिया छावनी की ज़िम्मेदारी

1373   हिजरी शम्सी में श्री क़ालीबाफ़ ने ख़ातमुल अंबिया (स) छावनी की ज़िम्मेदारी स्वीकार की। ईरान, अफ़ग़ानिस्तान, आज़रबाइजान, क़िर्गिस्तान, क़ज़ाकिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, उज़्बेकिस्तान, पाकिस्तान और तुर्की को जोड़ने वाली 165 किलोमीटर लंबी मशहद-सरख़स रेलवे लाइन, 5 केन्द्रीय और पश्चिमी प्रांतों तक गैस आपूर्ति, एक विशाल समुद्री संरचना का निर्माण जैसी परियोजनाएं फ़ार्स की खाड़ी और ग्रैंड डैम करख़ेह का निर्माण उनके कार्यकाल की उपलब्धियों में है।

आईआरजीसी की वायु सेना का कमान

1376  में सुप्रीम लीडर के आदेश से श्री क़ालीबाफ़ आईआरजीसी वायु सेना के कमांडर बन गए और जटिल पायलट का कोर्स पूरा करने के बाद, एयरबस उड़ाने का लाइसेंस उन्हें मिल गया। उन्हें ईरान की मीज़ाइल सिटी का डिज़ाइनर कहा जाता है।

1380  में उन्होंने समकालीन दौर में ईरान में स्थानीय संस्थानों के विकास की परख" शीर्षक से अपनी डॉक्टरेट थीसिस पूरी की और उसके बाद उन्होंने तेहरान विश्वविद्यालय के राजनीतिक भूगोल विभाग के एक संकाय के सदस्य और तरबियते मुदर्रिस विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में पढ़ाना शुरू किया।

पुलिस प्रमुख

1379  में सुप्रीम लीडर अयातुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई के आदेश से श्री क़ालीबाफ़ ने फिर से ईरान के पुलिस बल की कमान संभाली। पुलिस बल में उनकी कमान के दौरान 110 सिस्टम शुरू किया गया।

इस अवधि में श्री क़ालीबाफ़ की अन्य उपलब्धियों में हम पुलिस शीर्षक के इस्तेमाल में विस्तार, पुलिस बल को आधुनिक वाहनों से लैस करना, इलेक्ट्रॉनिक सरकारी सेवा कार्यालय या 110  पुलिस और 197 सार्वजनिक निगरानी केंद्र बनाने इत्यादि का ज़िक्र कर सकते हैं।

राजधानी के मेयर

मजलिसे शुराए इस्लामी के सांसद द्वारा 1384 में क़ालीबाफ़ को राजधानी का मेयर चुना गया और उन्होंने 1396 तक यानी 12 वर्षों तक तेहरान की जनता की सेवा की।

तेहरान चुनाव में पहला नंबर

2  इस्फ़ंद 1398 हिजरी शम्सी को 11वीं संसद के चुनाव के दौरान, उन्हें 12 लाख 65 हज़ार 287 वोट मिले और वे तेहरान, रय शहर, शिमरान, इस्लाम शहर और परदीस निर्वाचन क्षेत्रों में पहले नंबर पर रहे।

राष्ट्रपति चुनाव में ज़बरदस्त भागीदारी

अब तक उन्हें तीन बार 9वीं (1384), 11वीं (1392) और 12वीं (1396) की अवधि में हुए राष्ट्रपति चुनाव लड़ने का अनुभव हासिल है। 1384 में उन्होंने महमूद अहमदी नेजाद, अकबर हाशेमी रफ़संजानी, मेहदी कर्रूबी, मुस्तफ़ा मोइन, अली लारीजानी और मोहसिन मेहर अलीज़ादे के ज़बरदस्त मुक़ाबला किया 49 लाख 5 हजार 827 वोट हासिल करके चौथे नंबर पर रहे।

उन्होंने 1392 के चुनाव में हसन रूहानी, सईद जलीली, मोहसिन रेज़ाई, अली अकबर वेलायती और मुहम्मद ग़रज़ी के साथ मुक़ाबले में 67 लाख 7 हजार 292 वोट हासिल हासिल किए जबकि 1396 के चुनाव के दौरान उन्होंने चुनाव में शहीद सैयद इब्राहीम रईसी का समर्थन किया उनके पक्ष में चुनावी मुक़ाबले से हट गये।

 

स्रोत:

 

अल-आलम न्यूज़ चैनल

 

ईरानी डेटाबेस फ़ोटो सेन्टर

 

कीवर्ड्स: ईरान में राष्ट्रपति चुनाव, ईरान के राष्ट्रपति कौन हैं, शहीद इब्राहीम रईसी, ईरान के अगले राष्ट्रपति कौन हैं, ईरान में किस तरह की सरकार है (AK)

 

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