ड्रोन निर्माण में यमन की ध्यानयोग्य प्रगति/ ग़ज़्ज़ा पर इस्राईली हमले बंद हों, इस्राईल पर हमले बंद करने के लिए यमनियों की शर्त
पार्सटुडे की रिपोर्ट के अनुसार यमनी सरकार के वार्ताकार प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख ने कहा है कि यमन में ड्रोन निर्माण बहुत विकसित व आधुनिक हो गया है।
मोहम्मद अब्दुस्सलाम ने कहा कि उनके देश ने ड्रोन के निर्माण में प्रतिरोध के कुछ देशों के अनुभवों और सैन्य उद्योगों से लाभ उठाया है। उन्होंने अलमयादीन से वार्ता में कहा कि यमन ने आज वह चीज़ प्राप्त कर ली है जो नामुमकिन थी।
पार्सटुडे की रिपोर्ट के अनुसार अब्दुस्सलाम ने इसी प्रकार इस वार्ता में इस्राईली लक्ष्यों के ख़िलाफ़ यमनियों के जारी हमलों की ओर संकेत किया और कहा कि यमनी केवल उसी समय इस्राईल के ख़िलाफ़ अपने हमलों को बंद करेंगे जब इस्राईल फ़िलिस्तीनी लोगों के ख़िलाफ़ अपने हमलों को रोक व बंद कर देगा।
यमनी सरकार के वार्ताकार प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख ने यमन पर अमेरिका और ब्रिटेन के हमलों के संबंध में भी बल देकर कहा कि ये दोनों देश इस्राईल की रक्षा के लिए क्षेत्र में आये हैं और अमेरिका और ब्रिटेन जिस तरह ग़ज़्ज़ा में नाकाम हुए हैं उसी तरह वे यमन में भी नाकाम और पराजित होंगे।
अमेरिका और ब्रिटेन ने हालिया महीनों में कई बार यमन पर हमला किया है। इन हमलों का लक्ष्य ज़ायोनी सरकार से समुद्री परिवेष्टन के दबाव को कम कराना है और यह वह लक्ष्य है जो अभी तक पूरा नहीं हो सका है।
यमनी सेना और जनक्रांति के जवान ग़ज्ज़ा युद्ध के आरंभ से ज़ायोनी सरकार के पाश्विक और बर्बर हमलों के मुक़ाबले में फ़िलिस्तीनी लोगों के समर्थन में उन जहाज़ों को लक्ष्य बनाते हैं जो अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन की ओर जाते और वहां लंगर डालते हैं। यमनी सेना और जनक्रांति के शूरवीर जवानों की इस साहसिक कार्यवाही से तेलअवीव की अर्थव्यवस्था पर भारी दबाव पड़ा है।
प्राप्त अंतिम आंकड़ों के अनुसार ग़ज़्ज़ा पर ज़ायोनी सरकार के 7 अक्तूबर 2023 से आरंभ होने वाले नये हमलों में शहीद होने वाले फ़िलिस्तीनियों की संख्या 37 हज़ार और घायलों की संख्या भी 85 हज़ार से अधिक हो गयी है।
ज्ञात रहे कि ब्रिटेन की साम्राज्यवादी योजना के तहत ज़ायोनी सरकार का बुनियादी ढांचा वर्ष 1917 में तैयार हो गया था और विश्व के विभिन्न देशों से यहूदियों व ज़ायोनियों को फ़िलिस्तीनियों की मातृभूमि में लाकर बसा दिया गया और वर्ष 1948 में ज़ायोनी सरकार के अवैध व ग़ैर क़ानूनी अस्तित्व की घोषणा कर दी गयी और तब से लेकर आज तक फ़िलिस्तीनियों की हत्या, नरसंहार और उनकी ज़मीनों पर क़ब्ज़ा जारी है। MM
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