Oct ०२, २०२४ १५:२१ Asia/Kolkata
  • यमन पर हमले के दौरान सऊदी हवाई क्षेत्र में ईंधन भरने वाले इज़रायली लड़ाकू विमानों की एक तस्वीर
    यमन पर हमले के दौरान सऊदी हवाई क्षेत्र में ईंधन भरने वाले इज़रायली लड़ाकू विमानों की एक तस्वीर

पार्सटुडे- कुछ मीडिया चैनल्स और सोशल मीडिया यूज़र्स के अनुसार, इज़राइल यमन पर अपने हमलों में सऊदी हवाई क्षेत्रों का इस्तेमाल कर रहा है।

यमन पर इस्राईल के हालिया हमले के एक्स सोशल नेटवर्क पर इज़राइली वायु सेना के आधिकारिक पेज द्वारा जारी वीडियो में, यह देखा जा सकता है कि इजरायल के KC-707 और F-35 विमानों ने सऊदी हवाई क्षेत्र को पार कर लिया है जिसमें अल-हमीज़ा क्षेत्र भी शामिल है।

पार्सटुडे के मुताबिक वेबसाइट THE WAR ZONE ने इस वीडियो का ज़िक्र करते हुए बताया है कि यमन पर हमला करने के लिए ईंधन भरने वाले विमानों और इज़राइली लड़ाकू विमानों की उड़ानें, हमीज़ा शहर सहित सऊदी अरब के विस्तृत हवाई क्षेत्र से की गई थीं।

यमन पर इस शासन के हालिया हमलों के बारे में इज़राइली वायु सेना के ट्वीट की एक फ़ोटो

एक मानवाधिकार कार्यकर्ता फ़ुरक़ान गोज़ुकारा ने इन तस्वीरों को एक्स सोशल मीडिया पर जारी किया और लिखा: इज़राइल यमन पर बमबारी करने के लिए ईंधन भरने के लिए सऊदी अरब के हवाई क्षेत्रों का इस्तेमाल कर रहा है।

(Furkan Gözükara) फुरकान गोज़ुकारा के ट्वीट की तस्वीर

 

यमन शबाब वेबसाइट ने इस वीडियो का हवाला देते हुए एलान किया कि सऊदी अरब की बदौलत, यमन पर इज़राइल का हालिया हमला, 1985 में ट्यूनीशिया में फ़िलिस्तीन मुक्ति संगठन के मुख्यालय पर हमले के बाद से इस्राईल का सबसे लंबा युद्ध मिशन है।

कुछ सोशल मीडिया यूज़र्स ने भी सऊदी हवाई क्षेत्र से गुज़रने वाले इजराइली लड़ाकू विमानों की तस्वीरें शेयर करके यमन पर हमला करने में इज़राइल के साथ रियाज़ के सहयोग पर आश्चर्य व्यक्त किया है।

"सिज़िफ" नाम के एक्स सोशल मीडिया के एक यूज़र ने सऊदी अरब के इजरायली शासन के साथ सहयोग के बारे में आश्चर्य व्यक्त किया और लिखा: यह अविश्वसनीय है कि एक अरब देश यहूदी सेना को दूसरे अरब देश पर बमबारी करने में मदद करेगा।

यह यूज़र फिर एक प्रश्न पूछकर लिखता है: आपको क्या लगता है कि इज़राइल इन तस्वीरों को मीडिया में क्यों जारी करता है? इस तथ्य के बावजूद कि सऊदी अरब ने पहले एलान किया था कि वह यमन पर इज़राइल के हमलों में शामिल नहीं था।

ज्ञात रहे कि ज़ायोनी शासन के लड़ाकू विमानों ने रविवार रात यमन पर अपने ताज़ा हमलों में हुदैदा शहर, अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे और इस शहर के बिजली संयंत्र को निशाना बनाया था।

इज़राइली शासन के एलान के अनुसार, हुदैदा शहर पर हमला, यमनी सेना द्वारा बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल करके इज़राइली सैनिकों के ठिकानों पर 3 मिसाइल हमलों के बाद हुआ है।

हालिया महीनों में, ग़ज़ा पट्टी में फ़िलिस्तीनी जनता के प्रतिरोध के समर्थन में, यमनी सेना ने ज़ायोनी शासन की नौसैनिक नाकेबंदी के अलावा, इज़राइली सैन्य ठिकानों पर कई बार हमले किए हैं। यमनी सेना ने मक़बूज़ा फ़िलिस्तीन पर तब तक हमले जारी रखने का वादया है जब तक ज़ायोनी शासन ग़ज़ा पर अपने हमले बंद नहीं कर देता।

यह ऐसी हालत में है जब इससे पहले यमन के उत्तरी पड़ोसी देश सऊदी अरब के शहज़ादे "मोहम्मद बिन सलमान" ने अमेरिकी विदेशमंत्री से मुलाक़ात में कहा था कि फिलिस्तीनी मुद्दा उनके लिए व्यक्तिगत रूप से महत्वपूर्ण नहीं है।

अटलांटिक पत्रिका के एलान के अनुसार, बिन सलमान ने इस मुलाक़ात में यह भी घोषणा की कि सऊदी अरब में फ़िलिस्तीन के बारे में किसी भी प्रकार करे स्लोगन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

 

कीवर्ड्ज़: इजराइली अपराध, ग़ज़ा युद्ध, हुदैदा, यमन और इज़राइल, सऊदी अरब और इज़राइल (AK)

 

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