क्या ईरान, ग़ज़ा युद्ध फैलाना चाहता है, क्या है अमेरीकियों का नज़रिया
पार्सटुडे- अमेरिकी विदेशमंत्री ने स्वीकार किया कि ईरान, लेबनान और हिज़्बुल्लाह, ग़ज़ा युद्ध को क्षेत्रीय युद्ध में बदलने के इच्छुक नहीं हैं।
7 अक्टूबर, 2023 से जब इस्राईल ने अमेरिका के समर्थन से ग़ज़ा पट्टी के ख़िलाफ़ अपने विनाशकारी हमले शुरू किए, इन हमलों में हज़ारों फ़िलिस्तीनी, जिनमें ज़्यादातर महिलाएं और बच्चे थे, शहीद और घायल हो चुके हैं।
पार्सटुडे के अनुसार, अमेरिकी विदेशमंत्री एंटनी ब्लैंकिन ने वाशिंगटन में नैटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग के साथ एक संवाददाता सम्मेलन में कहा: हिज़्बुल्लाह और इस्राईल के बीच तनाव बढ़ने से संघर्षों के विस्तार के संभावित ख़तरे पैदा हो सकते हैं।
ब्लैंकिन ने कहा: मुझे नहीं लगता कि संभावित हस्तक्षेपकर्ताओं में से कोई भी युद्ध या संघर्ष के प्रसार की कोशिश में है, मुझे नहीं लगता कि इस्राईल भी ऐसा चाहता है, हिज़्बुल्लाह भी ऐसा नहीं चाहता है, लेबनान निश्चित रूप से नहीं चाहता है, मुझे नहीं लगता कि ईरान भी ऐसा चाहता है।
ब्लैंकिन ने इस्राईल को अमेरिकी सैन्य समर्थन का जिक्र करते हुए यह भी कहा: अमेरिका, इस्राईल को 2000 पाउंड वाले बम भेजने पर विचार कर रहा है।
फ़िलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, ग़ज़र पर इस्राईल के हमलों के परिणामस्वरूप, 37 हज़ार से अधिक फिलिस्तीनी शहीद हो और 85 हज़ार से अधिक लोग घायल हो चुके हैं। युद्ध में शहीद होने वालों में 70 प्रतिशत से अधिक महिलाएं और बच्चे हैं और 10 हज़ार से अधिक लोग अभी भी लापता हैं और मलबे में दबे हुए हैं।
इस संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र संघ के पर्यावरण कार्यक्रम ने एलान किया:
7 अक्टूबर से ग़ज़ा पट्टी पर ज़ायोनी शासन के हमलों से 39 मिलियन टन मलबा निकला है जो ग़ज़ा में प्रति वर्ग मीटर 107 किलोग्राम मलबे के बराबर है।
संयुक्त राष्ट्र संघ की इस संस्था ने मानव जीवन की रक्षा करने और पर्यावरण पर इसके प्रभाव को कम करने के लिए ग़ज़ा में तत्काल युद्धविराम का आह्वान किया।
कीवर्ड्स: ग़ज़ा और इस्राईल युद्ध, इस्राईल के लिए अमेरिकी समर्थन, ग़ज़ा युद्ध में शहीदों की संख्या, ग़ज़ा में युद्धविराम की स्थापना, एंटनी ब्लैंकिन। (AK)
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