Sep ०३, २०२४ १६:०७ Asia/Kolkata
  • इस्राईल को बनाने में ब्रिटेन की भूमिका को भुलाया नहीं जा सकताः कनआनी

पार्सटुडे- ईरान के विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ने ज़ायोनी सरकार के प्रति ब्रिटेन के समर्थन की ओर संकेत करते हुए बल देकर कहा कि क्षेत्रीय राष्ट्र और विश्व के देश इस बात का नहीं भुलेंगे कि ब्रितानी राजनेताओं ने इस्लामी जगत के केन्द्र में अपारथाइड सरकार उत्पन्न करने में किस प्रकार प्रयास किया।

पार्सटुडे की रिपोर्ट के अनुसार ईरान के विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनआनी ने सोशल साइट एक्स पर लिखा कि एतिहासिक वर्चस्ववादी रवइया, उसे जारी रखने के लिए प्रयास, फूट डालना और फ़िलिस्तीन जैसे मामले व संकट को जन्म देना पश्चिम एशिया में ब्रिटेन की साम्राज्यवादी नीति का महत्वपूर्ण हिस्सा है।

 

विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनआनी ने कहा कि ब्रिटेन आज भी ज़ायोनी सरकार का समर्थन करके नरसंहार, सामूहिक हत्या और ग़ज़ा पट्टी और पश्चिमी किनारे के फ़िलिस्तीनियों को बेघर करने में इस्राईल के अपराधों में शामिल है।

 

विदेशमंत्रालय के प्रवक्ता ने इसी प्रकार ब्रिटिश साम्राज्य से मुक़ाबला व संघर्ष करने में शहीद रईस अली दिलवारी और उनके प्रयासों को याद किया और कहा कि ब्रिटेन सहित दूसरे साम्राराज्यवादियों से मुक़ाबला करने और राजनीतिक स्वतंत्रता व स्वाधीनता प्राप्त करने में ईरानी राष्ट्र का लंबा व गौरवांवित इतिहास है।

 

ईरान में शहरीवर महीने की 12 तारीख़ को शहीद रईस अली दिलवारी को याद किया जाता है और 12 शहरीवर को ईरान में ब्रिटेन साम्राज्य से संघर्ष का नाम दिया गया है।

 

रईस अली दिलवारी एक स्वतंत्रताप्रेमी व्यक्ति थे और ईरान के दक्षिण में स्थित तंगीस्तान और बूशहर में ब्रितानी साम्राज्य के ख़िलाफ़ होने वाले आंदोलन के नेता थे। यह आंदोलन 1882 से लेकर 1915 तक चला। यह वह समय था जब प्रथम विश्व युद्ध चल रहा था। MM

 

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